भागलपुर: जिले के आयुक्त कार्यालय में स्मार्ट सिटी को लेकर नवनियुक्त आयुक्त वंदना किनी की अध्यक्षता में बैठक की गई. इसमें सिटी प्रोजेक्ट में हो रहे विलंब को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद स्मार्ट सिटी के कार्यों में काफी तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
दरअसल, साल 2016 में ही भागलपुर को स्मार्ट सिटी घोषित किया जा चुका था, लेकिन तब से लेकर अभी तक स्मार्ट सिटी की बड़ी योजनाओं को शुरु नहीं किया गया. पूरे शहर को लगभग 13100 करोड़ की राशि आवंटित की गई है जो कि शहर के विकास में खर्च किये जायेंगे.
अभी तक योजना पर नहीं हुआ काम
भागलपुर स्मार्ट सिटी को लेकर मुख्य तौर पर अभी तक सिर्फ बैठकें ही हो पाई हैं. स्मार्ट सिटी को लेकर अभी तक कोई बड़ी योजना शुरू नहीं की जा सकी है. नगर निगम द्वारा अभी तक लाजपत मार्ग, सैंडिस कंपाउंड शहर के किनारे शौचालय, स्ट्रीट लाइट, एलईडी, साइन बोर्ड जैसे योजनाओं को कार्यान्वित कर दिया गया है, जो पूरे शहर में दिख रहा है. लेकिन मुख्य चौराहे की खूबसूरती को लेकर या शहर के विकास के लिये बड़ी योजना का डीपीआर पिछले आयुक्त द्वारा निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद से स्मार्ट सिटी की नई योजनाओं का मामला ठंडे बस्ते में चला गया था.
लोकसभा चुनाव के बाद तैयार होगा डीपीआर
अब फिर से नई आयुक्त के आने के बाद स्मार्ट सिटी को लेकर अहम बैठक की गई, जिसमें भागलपुर के जिला पदाधिकारी प्रणब कुमार, नगर आयुक्त एसबी मीना एवं भागलपुर शहर की मेयर सीमा भी मौजूद थीं. काफी देर तक चली इस बैठक में फैसला लिया गया कि लोकसभा चुनाव के समापन के बाद स्मार्ट सिटी की बड़ी योजनाओं के लिये डीपीआर तैयार किया गया.
पूर्व कमिश्नर ने रद्द कर दिया था प्राक्कलन
बता दें कि पूर्व कमिश्नर राजेश कुमार ने बीएस लाइन से ज्यादा की राशि का डीपीआर बनाने को लेकर पूरे प्राक्कलन को रद्द कर दिया था, जिसके बाद नगर आयुक्त और पूर्व कमिश्नर के बीच काफी तनातनी भी हो गई थी और स्मार्ट सिटी की योजनाओं को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. नए कमिश्नर के आने के बाद एक बार फिर से स्मार्ट सिटी की कवायद शुरू हो गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि चुनाव खत्म होते ही स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट शहर में दिखने शुरू हो जाएंगे.