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चार महीने से अर्धनिर्मित स्थिति में है बोरिंग, खरीद कर पानी पी रहे हैं लोग - नल जल योजना

मुखिया और वार्ड सदस्य की मनमानी के कारण बोरिंग का काम पिछले 4 महीने से रूका हुआ है.

अर्ध निर्मित पड़ा नल जल का बोरिंग
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Published : Jun 14, 2019, 3:27 PM IST

भागलपुर: पेयजल सूबे के मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना में शामिल है. राज्यवासियों को शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने के लिए यह एक महत्वाकांक्षी और दीर्घकालीन योजना है. लोगों के घर तक शुद्ध पेयजल नल के जरिए पहुंचाने का लक्ष्य है.

शुद्ध पेयजल हर घर तक पहुंचाने का काम पंचायती राज विभाग और पीएचईडी के जिम्मे है. पीएचईडी के माध्यम से चल रही योजना में काम की गुणवत्ता बेहतर है. लेकिन पंचायतों के काम में कोई परिवर्त्तन नहीं हुआ है बल्कि पुरानी शैली में ही काम जारी है.

चार महीने से अर्धनिर्मित है बोरिंग

मनमाने तरीके से होता है काम
नियम के मुताबिक वार्ड में होने वाला काम वार्ड सदस्य आहूत ग्राम सभा में गठित कार्यान्वयन समिति की देखरेख में होता है. लेकिन जमीनी स्तर पर इस योजना के में सर्वेसर्वा बीडीओ हैं. पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य मनमाने तरीके से काम करवा रहे हैं. मुखिया खुद अथवा उनके लोग काम करवा रहे हैं. कहीं घटिया स्तर के पाइप और अन्य सामग्री का उपयोग किया जा रहा है तो कहीं बोरिंग नियमानुसार नहीं किया जा रहा.

4 महीने से अधूरा पड़ा है बोरिंग
ताजा मामला कहलगांव प्रखंड के तेल होंडा पंचायत के आ गया गांव की है. यहां मुखिया और वार्ड सदस्य की मनमानी के कारण बोरिंग का काम पिछले 4 महीने से रुका हुआ है. बोरिंग नहीं होने की स्थिति में लोगों को पीने का पानी दूर से लाना पड़ता है. अन्यथा लोग पानी खरीद कर पीने के लिए मजबूर हैं.

bhagalpur, boring
अर्धनिर्मित बोरिंग

खरीदकर पानी पीने को विवश हैं लोग
पंचायत के प्रभाकर दुबे ने बताया कि इस भीषण गर्मी से हम लोग जूझ रहे हैं. यहां पानी की भारी किल्लत है. लोग पानी खरीदकर पीने के लिए विवश हैं. लेकिन सरकार का ध्यान हम लोगों की तरफ नहीं है. किसी तरह पानी का जुगाड़ कर काम चला रहे हैं. बोरिंग का निर्माण कार्य पिछले 4 महीने से चल रहा है. यहां एक नहीं बल्कि पर दो बार बोरिंग हुआ. एक बार तो फेल हो गया. हालांकि दुसरी बार में सक्सेस हुए बोरिंग में अभी तक मोटर नहीं लगाया गया है. जिसके कारण यह चालू नहीं हो पाया है. इस संबंध में लोगों ने वार्ड सदस्य से लेकर पंचायत के मुखिया से शिकायत भी की गई लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

ठेकेदार को नहीं मिला पैसा
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि जब इस बारे में ठेकेदार का कहना है कि मुझे पैसा नहीं मिला इसलिए काम नहीं हो रहा है. जबकि मुखिया कहते हैं कि काम होगा. लोग बात को टरका दे रहा हैं. पानी की समस्या के कारम ग्रामीण दूर-दूर से पानी लाकर पीते हैं या खरीद कर पी रहे हैं.

तरह-तरह के बहाना बना रहे वार्ड सदस्य और मुखिया
ग्रामीण मनीष कुमार का कहना है कि 4 महीने से बोरिंग आधा-अधूरा पड़ा है. वार्ड सदस्य और मुखिया से शिकायत भी की लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं देते. वार्ड सदस्य कहते हैं, 'पानी का दिक्कत केवल तुम्हें नहीं बल्कि पूरे पंचायत के लोगों को है.' नए-नए बहाना बनाते हैं. यदि समरसेबल में मोटर डाल देते हैं तो कोई चुरा लेगा. वही मुखिया कहते हैं कि, इस काम में घाटा लग गया है. फिलहाल अभी नहीं लगेगा बाद में इसमें मोटर लगेगा.

गड़बड़ियों पर होगी कार्रवाई : श्रवण कुमार
इस संबंध में पूछने पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि नल जल योजना का काम काम 2020 तक खत्म हो जायेगा. नल जल योजना का काम दो डिपार्टमेंट के अंतर्गत हो रहा है. एक लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और दूसरा ग्राम पंचायत के वार्ड कर रहे हैं. नल जल की जो भी शिकायतें प्राप्त हुई है वो मुख्यमंत्री के संज्ञान में आई थी. सीएम ने इसको लेकर सभी प्रभारी मंत्री को पंचायत में जाकर जांच करने का जिम्मा दिया था. उन्होंने बताया कि हमने भी कई जगह जांच किया था. जहां भी कमियां पाई गई है उसके बारे में सुझाव के रूप में सरकार को दिया है. जो त्रुटि है उसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. उन्होने कहा कि टेक्निकल और मजबूत होना चाहिए. इस बारे में सरकार तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं. इस पर काम चल रहा है और कार्रवाई भी होगी.

minister shrawan kumar
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार

भागलपुर: पेयजल सूबे के मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना में शामिल है. राज्यवासियों को शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने के लिए यह एक महत्वाकांक्षी और दीर्घकालीन योजना है. लोगों के घर तक शुद्ध पेयजल नल के जरिए पहुंचाने का लक्ष्य है.

शुद्ध पेयजल हर घर तक पहुंचाने का काम पंचायती राज विभाग और पीएचईडी के जिम्मे है. पीएचईडी के माध्यम से चल रही योजना में काम की गुणवत्ता बेहतर है. लेकिन पंचायतों के काम में कोई परिवर्त्तन नहीं हुआ है बल्कि पुरानी शैली में ही काम जारी है.

चार महीने से अर्धनिर्मित है बोरिंग

मनमाने तरीके से होता है काम
नियम के मुताबिक वार्ड में होने वाला काम वार्ड सदस्य आहूत ग्राम सभा में गठित कार्यान्वयन समिति की देखरेख में होता है. लेकिन जमीनी स्तर पर इस योजना के में सर्वेसर्वा बीडीओ हैं. पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य मनमाने तरीके से काम करवा रहे हैं. मुखिया खुद अथवा उनके लोग काम करवा रहे हैं. कहीं घटिया स्तर के पाइप और अन्य सामग्री का उपयोग किया जा रहा है तो कहीं बोरिंग नियमानुसार नहीं किया जा रहा.

4 महीने से अधूरा पड़ा है बोरिंग
ताजा मामला कहलगांव प्रखंड के तेल होंडा पंचायत के आ गया गांव की है. यहां मुखिया और वार्ड सदस्य की मनमानी के कारण बोरिंग का काम पिछले 4 महीने से रुका हुआ है. बोरिंग नहीं होने की स्थिति में लोगों को पीने का पानी दूर से लाना पड़ता है. अन्यथा लोग पानी खरीद कर पीने के लिए मजबूर हैं.

bhagalpur, boring
अर्धनिर्मित बोरिंग

खरीदकर पानी पीने को विवश हैं लोग
पंचायत के प्रभाकर दुबे ने बताया कि इस भीषण गर्मी से हम लोग जूझ रहे हैं. यहां पानी की भारी किल्लत है. लोग पानी खरीदकर पीने के लिए विवश हैं. लेकिन सरकार का ध्यान हम लोगों की तरफ नहीं है. किसी तरह पानी का जुगाड़ कर काम चला रहे हैं. बोरिंग का निर्माण कार्य पिछले 4 महीने से चल रहा है. यहां एक नहीं बल्कि पर दो बार बोरिंग हुआ. एक बार तो फेल हो गया. हालांकि दुसरी बार में सक्सेस हुए बोरिंग में अभी तक मोटर नहीं लगाया गया है. जिसके कारण यह चालू नहीं हो पाया है. इस संबंध में लोगों ने वार्ड सदस्य से लेकर पंचायत के मुखिया से शिकायत भी की गई लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

ठेकेदार को नहीं मिला पैसा
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि जब इस बारे में ठेकेदार का कहना है कि मुझे पैसा नहीं मिला इसलिए काम नहीं हो रहा है. जबकि मुखिया कहते हैं कि काम होगा. लोग बात को टरका दे रहा हैं. पानी की समस्या के कारम ग्रामीण दूर-दूर से पानी लाकर पीते हैं या खरीद कर पी रहे हैं.

तरह-तरह के बहाना बना रहे वार्ड सदस्य और मुखिया
ग्रामीण मनीष कुमार का कहना है कि 4 महीने से बोरिंग आधा-अधूरा पड़ा है. वार्ड सदस्य और मुखिया से शिकायत भी की लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं देते. वार्ड सदस्य कहते हैं, 'पानी का दिक्कत केवल तुम्हें नहीं बल्कि पूरे पंचायत के लोगों को है.' नए-नए बहाना बनाते हैं. यदि समरसेबल में मोटर डाल देते हैं तो कोई चुरा लेगा. वही मुखिया कहते हैं कि, इस काम में घाटा लग गया है. फिलहाल अभी नहीं लगेगा बाद में इसमें मोटर लगेगा.

गड़बड़ियों पर होगी कार्रवाई : श्रवण कुमार
इस संबंध में पूछने पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि नल जल योजना का काम काम 2020 तक खत्म हो जायेगा. नल जल योजना का काम दो डिपार्टमेंट के अंतर्गत हो रहा है. एक लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और दूसरा ग्राम पंचायत के वार्ड कर रहे हैं. नल जल की जो भी शिकायतें प्राप्त हुई है वो मुख्यमंत्री के संज्ञान में आई थी. सीएम ने इसको लेकर सभी प्रभारी मंत्री को पंचायत में जाकर जांच करने का जिम्मा दिया था. उन्होंने बताया कि हमने भी कई जगह जांच किया था. जहां भी कमियां पाई गई है उसके बारे में सुझाव के रूप में सरकार को दिया है. जो त्रुटि है उसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. उन्होने कहा कि टेक्निकल और मजबूत होना चाहिए. इस बारे में सरकार तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं. इस पर काम चल रहा है और कार्रवाई भी होगी.

minister shrawan kumar
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार
Intro:पेयजल निश्चय योजना मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना में शामिल है ।.यह एक महत्वकांछी और दीर्घकालीन योजना है । लोगों के घर तक शुद्ध पेयजल नल के जरिए पहुंचाने का लक्ष्य मुख्यमंत्री का है । यह काम पंचायती राज विभाग और पीएचईडी को सौंपी गई है । जहां पीएचईडी के जरिए काम हो रहा है वहां काम की गुणवत्ता बेहतर है लेकिन पंचायतों का काम उसी पुरानी शैली में हो रहा है । जो पहले से चली आ रही है । नियम के अनुसार वार्ड में योजना का काम वार्ड सदस्य द्वारा आहूत ग्राम सभा में गठित कार्यान्वयन समिति की देखरेख में होना है पर यह कहीं भी ऐसा नहीं हो रहा है । अन्य योजनाओं की तरह इस योजना में सर्वेसर्वा बीडीओ हैं । पंचायत के मुखिया , वार्ड सदस्य अपने हिसाब से काम करवा रहे हैं । मुखिया खुद अथवा उनके लोग काम करवा रहे हैं । जिस कारण से पाइप और अन्य सामग्री घटिया स्तर का उपयोग की जा रही है ।कहीं बोरिंग नियम के अनुसार कम किया जा रहा है । ताजा मामला है कहलगांव प्रखंड के तेल होंडा पंचायत के आ गया गांव की जहां मुखिया और वार्ड सदस्य के मनमानी के कारण 4 महीने से बोरिंग का काम रुका हुआ है जिस कारण लोगों को पानी पीने के लिए दूर से लाना पड़ता है या फिर खरीद कर पीने को विवश है ।


Body:पंचायत के प्रभाकर दुबे ने बताया कि गर्मी से हम लोग जूझ रहे हैं और पानी मिल नहीं रहा है ,खरीदकर पानी पीने को विवश हैं । सरकार का ध्यान हम लोगों की तरफ नहीं है । ग्रामीण क्या करें इधर उधर से पानी लाकर काम चला रहे हैं ।.उन्होंने बताया कि वार्ड में एक बोरिंग का निर्माण पिछले 4 महीने से हो रहा है ,यहां पर दो बार बोरिंग हुआ एक बार फेल हो गया दोबारा जो सक्सेस हुआ है उसमें अभी तक मोटर नहीं लगाया गया है । ऐसे ही छोड़ दिया गया है । जिस कारण चालू नहीं हुई है । इसको लेकर मुखिया और वार्ड से शिकायत भी किया लेकिन अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है ।


वहीं एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि इस बात को लेकर जब हम लोग ठेकेदार से मिले तो कहता है कि मुझे पैसा नहीं मिला इसलिए काम नहीं हो रहा है वही मुखिया कहते हैं कि काम होगा । उन्होंने बताया कि कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है ।.ग्रामीण दूर दूर से पानी लाकर पीते हैं या खरीद कर पी रहे हैं ।


मनीष कुमार का कहना था कि 4 महीने से बोरिंग अर्ध निर्मित पड़ा हुआ है । इस बात को लेकर वार्ड और मुखिया से शिकायत भी किया लेकिन कोई ध्यान नहीं देते । वार्ड कहते हैं कि पानी का दिक्कत केवल तुम्हें नहीं है पूरे पंचायत को है । वह नए-नए बहाना बनाते हैं कहते हैं कि समरसेबल यदि बोरिंग में डाल देते हैं तो कोई चुरा लेगा , वही मुखिया कहते हैं कि इस काम में घटा लग गया है अभी नहीं लगेगा बाद में इसमें मोटर लगेगा ।

बिहार सरकार के मंत्री से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नल जल का काम 2020 तक खत्म होगा ।नल जल योजना का काम दो डिपार्टमेंट कर रहे हैं ।एक लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और दूसरा ग्राम पंचायत के वार्ड कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि नल जल की शिकायतें प्राप्त हो रही है ,यह बातें मुख्यमंत्री के संज्ञान में आई थी , इसको लेकर मुख्यमंत्री ने अपने सभी प्रभारी मंत्री को निर्देश दिया था की जा जाकर अपने पंचायत में जांच करें । उन्होंने बताया कि हमने भी कई जगह जांच किया था । जिसमें त्रुटि पाया था और उसको लेकर हम लोगों ने सुझाव भी सरकार को दिया है । जो त्रुटि है उसे जल्द ही दूर कर ली जाएगा । टेक्निकल और मजबूत होना चाहिए । यह बात हम लोग सरकार से कही है । इस पर काम चल रहा है और कार्रवाई भी होगी ।



Conclusion:VISUAL
BYTE - प्रभाकर दुबे ( ग्रामीण )
BYTE - जितेंद्र दुबे ( ग्रामीण )
BYTE - मनीष दुबे ( ग्रामीण )
BYTE - श्रवण कुमार ( ग्रामीण विकास मंत्री बिहार )
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