भागलपुर: बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) चल रहा है. तीसरे चरण के लिए प्रत्याशी अपना नामांकन (Nomination for Panchayat Election) कर रहे हैं. इस दौरान प्रत्याशी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं. भागलपुर जिले के सनहौला प्रखंड से ऐसी ही तस्वीर सामने आई है.
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सनहौला प्रखंड में नामांकन के दौरान मुखिया और पंचायत समिति सदस्य ने ड्रोन कैमरे से फोटोशूट कराया. ड्रोन कैमरा भारत में बिना अनुमति के निजी आयोजन में उड़ाना प्रतिबंधित है. इसके बावजूद खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नामांकन के दौरान मुखिया प्रत्याशी सुभाष भगत और पंचायत समिति सदस्य प्रत्याशी सुषमा देवी ने ड्रोन कैमरा का उपयोग किया.
ड्रोन कैमरा को प्रखंड कार्यालय सनहौला, पुलिस स्टेशन और मुख्य बाजार में उड़ाकर शक्ति प्रदर्शन किया गया. ड्रोन कैमरे से फोटोशूट कराकर मुखिया और पंचायत समिति सदस्य ने ताकत दिखाई. ड्रोन सनहौला मुख्य बाजार से लेकर प्रखंड कार्यालय से होते हुए मुर्गियाचक तक उड़ता रहा. इस दौरान पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मुखिया और पंचायत समिति सदस्य प्रत्याशी से पूछने की जरूरत नहीं समझी कि ड्रोन कैमरा उड़ाने की अनुमति उनके पास है या नहीं.
"इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है. ड्रोन कैमरे का उपयोग कब और कैसे होना इसके बारे में मुझे स्पष्ट जानकारी नहीं है. जानकारी लेने के बाद ही इस संबंध में कुछ बताया जा सकता है."- मधुकांत, अनुमंडल पदाधिकारी, कहलगांव
बता दें कि भारत में अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (ड्रोन) के लिए नियम बनाए गए हैं. इसको लेकर सिविल एविएशन मंत्रालय ने गाइडलाइन भी जारी किया है. ड्रोन को वजन और साइज के अनुसार तीन कैटेगरी में बांटा गया है. सबसे पहली कैटेगरी नैनो ड्रोन की है. इसमें 250 ग्राम से कम वजन वाले ड्रोन आते हैं. दूसरी कैटेगरी माइक्रो और स्मॉल ड्रोन की है.
माइक्रो ड्रोन का वजन 250 ग्राम से 2 किलोग्राम होता है. स्मॉल ड्रोन का वजन 2-25 किलोग्राम होता है. इसे उड़ाने के लिए यूएस ऑपरेटर परमिट -1 से परमिशन लेनी होती है. ड्रोन पायलट को (एसओपी) फॉलो करना होता. तीसरी कैटेगरी मीडियम और लार्ज ड्रोन की है. मीडियम ड्रोन का वजन 25-150 किलोग्राम होता है. लार्ज ड्रोन का वजन 150 किलोग्राम से ज्यादा होता है. इसे ऑपरेटर करने के लिए यूएएस-2 से परमिट लेनी होती है.
डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने ड्रोन उड़ाने के लिए कुछ शर्तें रखी है. इसके अनुसार ड्रोन को बंद जगह में नहीं उड़ाया जा सकता. इसे उड़ाने से पहले एयर ट्रैफिक और एयर डिफेंस कंट्रोल से परमिशन लेनी होती है. ड्रोन उड़ाने के लिए दो तरह के लाइसेंस (स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस और रिमोट पायलट लाइसेंस) दिए जाते हैं. लाइसेंस के लिए ऑपरेटर की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम 65 वर्ष होनी चाहिए.
अगर कमर्शियल एक्टिविटी के लिए ड्रोन लेना चाहते हैं तो इसके लिए दसवीं पास या इसके बराबर की डिग्री किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से होनी चाहिए. आवेदक को डीजीसीए स्पेसिफाइड मेडिकल एग्जामिनेशन भी पास करने के साथ-साथ बैकग्राउंड चेक करवाना होता है. नैनो कैटेगरी के अलावा किसी तरह के ड्रोन को उड़ाने के लिए लाइसेंस और परमिट अनिवार्य है. अगर बिना परमिट के ड्रोन कोई उड़ाता है तो उसपर 25-50 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है.