भागलपुर: बिहार में ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां (Political Parties) जातीय जनगणना की मांग कर रही है. बिहार सरकार (Bihar Government) के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Shravan Kumar) ने ईटीवी भारत से कहा कि जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से समय मांगा है. 2011 में सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित जनगणना हुई थी. लेकिन उस जनगणना को प्रकाशित नहीं किया गया. जबकि उसी जनगणना के आधार पर अभी लोगों के आवास बन रहे हैं.
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देश में जाति आधारित जनगणना को लेकर हंगामा मचा हुआ है. बिहार में राजद लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रही है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में जाति आधारित जनगणना की मांग की है. हालांकि बिहार में भाजपा के नेता इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. मंत्री श्रवण कुमार ने भागलपुर में कहा कि वे केंद्र सरकार पर आशान्वित हैं. केंद्र सरकार बिहार सरकार की बात को सुनेगी. चारों तरफ से जाति आधारित जनगणना की मांग हो रही है. इसलिए केंद्र सरकार जरुर उनकी बातों को सुनेगी. थोड़ा इंतजार करने पर अच्छा फल मिलेगा.
मंत्री ने कहा कि 2011 से अब तक जनगणना को पब्लिश नहीं किया गया. इसलिए केंद्र सरकार से हम लोग मांग कर रहे हैं कि सामाजिक, आर्थिक, जाति आधारित जनगणना किया जाए और उस जनगणना को प्रकाशित किया जाए. जिससे किस जाति की कितनी जनसंख्या है. उसके हिसाब से सरकारी सुविधा दे सकें. जिससे उस जाति का उत्थान होगा.
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वहीं, ललन सिंह के बयान पर कहा कि एनडीए में कोई समस्या नहीं है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जिस समय चुनाव होगा उस समय के बारे में कहा है. जेडीयू चुनाव के समय अकेले चुनाव में जा सकती है. वह जब चुनाव होगा तब देखा जाएगा. अभी हम बिहार में एनडीए में काम कर रहे हैं, एनडीए के साथ हैं और आगे भी एनडीए के साथ रहेंगे. राजनीति संभावनाओं का खेल है, कब क्या होगा कहना मुश्किल है. लेकिन अभी एनडीए में हैं और आगे भी रहेंगे.