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भागलपुर: नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में 2 को आजीवन कारावास

भागलपुर जिले की पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को 3 साल पुराने गैंगरेप मामले में 2 युवकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही मृतक नाबालिग लड़की के माता-पिता को सरकारी मुआवजा 5 लाख रुपये और दोनों दोषियों के 25-25 हजार रुपये को भी परिजनों को देने का निर्देश सरकार को दिया है.

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नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में 2 को आजीवन कारावास
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Published : Jan 5, 2021, 9:31 PM IST

भागलपुर: जिले की पॉक्सो कोर्ट की विशेष अदालत के रोहित शंकर की बेंच ने 3 साल पहले नाबालिग से हुए गैंगरेप मामले में 2 युवकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25-25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर दोनों को अतिरिक्त कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ेगी.

क्या था मामला
बता दें कि घटना 9 अक्टूबर 2017 को घटी थी. घटना में नाबालिग को रोहित कुमार और मृत्युंजय कुमार ने बाइक पर जबरदस्ती उठाकर तिलकामांझी स्थित एक अर्ध निर्मित मकान में ले जाकर बारी-बारी से दुष्कर्म किया था और उस दुष्कर्म का वीडियो बनाकर धमकी दी थी कि यदि किसी को बताया तो वीडियो वायरल कर देंगे. जिसके बाद पीड़ित ने घटना से आहत होकर 9 नवंबर को आत्महत्या कर ली थी.

इसके बाद पीड़िता के पिता ने सबौर थाने में 11 नवंबर 2017 को मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पॉक्सो कोर्ट में दोषियों को पेश किया गया. मामला 3 सालों तक चलता रहा. 21 दिसंबर 2020 को दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया था, जिस पर आज सजा सुनाई गई है.

'दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, साथ ही 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी'- शंकर जयकिशन मंडल, विशेष लोक अभियोजक

पीड़ित के माता-पिता को मुआवजा देने का आदेश
वहीं, कोर्ट ने मृतक नाबालिग लड़की के माता-पिता को सरकारी मुआवजा 5 लाख रुपये और दोनों दोषी के 25- 25 हजार रुपये को भी परिजनों को देने का निर्देश सरकार को दिया है. दोनों दोषी को पॉक्सो एक्ट और आईपीसी की धारा 376 में सजा सुनाई गई है. दोनों दोषी मृत्युंजय कुमार और रोहित कुमार उर्फ विश्वजीत भारद्वाज परबत्ता के रहने वाले हैं.

भागलपुर: जिले की पॉक्सो कोर्ट की विशेष अदालत के रोहित शंकर की बेंच ने 3 साल पहले नाबालिग से हुए गैंगरेप मामले में 2 युवकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25-25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर दोनों को अतिरिक्त कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ेगी.

क्या था मामला
बता दें कि घटना 9 अक्टूबर 2017 को घटी थी. घटना में नाबालिग को रोहित कुमार और मृत्युंजय कुमार ने बाइक पर जबरदस्ती उठाकर तिलकामांझी स्थित एक अर्ध निर्मित मकान में ले जाकर बारी-बारी से दुष्कर्म किया था और उस दुष्कर्म का वीडियो बनाकर धमकी दी थी कि यदि किसी को बताया तो वीडियो वायरल कर देंगे. जिसके बाद पीड़ित ने घटना से आहत होकर 9 नवंबर को आत्महत्या कर ली थी.

इसके बाद पीड़िता के पिता ने सबौर थाने में 11 नवंबर 2017 को मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पॉक्सो कोर्ट में दोषियों को पेश किया गया. मामला 3 सालों तक चलता रहा. 21 दिसंबर 2020 को दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया था, जिस पर आज सजा सुनाई गई है.

'दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, साथ ही 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी'- शंकर जयकिशन मंडल, विशेष लोक अभियोजक

पीड़ित के माता-पिता को मुआवजा देने का आदेश
वहीं, कोर्ट ने मृतक नाबालिग लड़की के माता-पिता को सरकारी मुआवजा 5 लाख रुपये और दोनों दोषी के 25- 25 हजार रुपये को भी परिजनों को देने का निर्देश सरकार को दिया है. दोनों दोषी को पॉक्सो एक्ट और आईपीसी की धारा 376 में सजा सुनाई गई है. दोनों दोषी मृत्युंजय कुमार और रोहित कुमार उर्फ विश्वजीत भारद्वाज परबत्ता के रहने वाले हैं.

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