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ओलावृष्टि से बड़े पैमाने पर हुई फसलों की क्षति, किसानों की बढ़ी परेशानी

सोमवार को आई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण भागलपुर में फसलों की भारी क्षति हुई है. किसानों की परेशानी को देखते हुए नष्ट फसलों का जायजा खुद कृषि पदाधिकारी ने लिया.

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Published : Apr 21, 2020, 7:29 AM IST

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भागलपुर: बीती रात आई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मुसीबत फिर से बढ़ा दी है. आंधी के साथ-साथ ओलावृष्टि ने किसानों की फसलें नष्ट हो गई है. बारिश के कारण नारायणपुर से रंगरा तक के किसानों को परेशानी झेलनी पड़ी.

अधिकतर जगहों पर मक्के की फसल जमीन पर आ गई है. किसानों ने नवगछिया में इस बार बड़े पैमाने पर मक्के की खेती की थी. इसका कारण था कि पिछले वर्ष मक्के के मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि हुई थी. पिछले साल बाजार में मक्का का मूल्य 2400 प्रति क्विंंटल से भी अधिक हो गया था. मक्के का अच्छा बाजार देखकर इस बार किसान काफी उत्साहित थे और बड़े पैमाने पर मक्के की बुवाई की. लेकिन आंधी-तूफान और ओलावृष्टि ने किसानों के मेहनत पर पानी फेर दिया. उनके फसल बर्बाद हो गए हैं. हालांकि फसल की क्षति का जायजा जिला कृषि पदाधिकारी के के झा ने खुद लिया है और उनका आकलन किया जा रहा है. जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी.

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ओलावृष्टि से फसल बर्बाद

कृषि पदाधिकारी ने लिया जायजा
जिला कृषि पदाधिकारी के के झा नेे ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जिले में आई आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से नवगछिया इलाके में फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. जिसका मैं खुद भी आंकलन किया हूं. उन्होंने कहा कि कोशी पार के लीला के कदवा खैरपुर में क्षति नहीं हुई है. जबकि इस बार नवगछिया रास पास के क्षेत्रों में मक्के की अच्छी बुवाई की गई थी. लेकिन आंधी-पानी में फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. कृषि पदाधिकारी ने कहा कि फसल की क्षति का आंकलन किया जा रहा है.

इन फसलों की हुई क्षति
बता दें कि मक्का फसल के साथ-साथ गेहूं फसल को भी ओलावृष्टि ने नुकसान पहुंचाया है. नवगछिया इलाके के साथ-साथ पिरपैंती, सनहौला, कहलगांव, नाथनगर, सुल्तानगंज आदि के किसानों को भी इससे परेशानी हुई है. किसान सलाहकार को किसानों को हुई क्षति का आंकलन करने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी ने निर्देशित किया है.

भागलपुर: बीती रात आई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मुसीबत फिर से बढ़ा दी है. आंधी के साथ-साथ ओलावृष्टि ने किसानों की फसलें नष्ट हो गई है. बारिश के कारण नारायणपुर से रंगरा तक के किसानों को परेशानी झेलनी पड़ी.

अधिकतर जगहों पर मक्के की फसल जमीन पर आ गई है. किसानों ने नवगछिया में इस बार बड़े पैमाने पर मक्के की खेती की थी. इसका कारण था कि पिछले वर्ष मक्के के मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि हुई थी. पिछले साल बाजार में मक्का का मूल्य 2400 प्रति क्विंंटल से भी अधिक हो गया था. मक्के का अच्छा बाजार देखकर इस बार किसान काफी उत्साहित थे और बड़े पैमाने पर मक्के की बुवाई की. लेकिन आंधी-तूफान और ओलावृष्टि ने किसानों के मेहनत पर पानी फेर दिया. उनके फसल बर्बाद हो गए हैं. हालांकि फसल की क्षति का जायजा जिला कृषि पदाधिकारी के के झा ने खुद लिया है और उनका आकलन किया जा रहा है. जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी.

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ओलावृष्टि से फसल बर्बाद

कृषि पदाधिकारी ने लिया जायजा
जिला कृषि पदाधिकारी के के झा नेे ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जिले में आई आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से नवगछिया इलाके में फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. जिसका मैं खुद भी आंकलन किया हूं. उन्होंने कहा कि कोशी पार के लीला के कदवा खैरपुर में क्षति नहीं हुई है. जबकि इस बार नवगछिया रास पास के क्षेत्रों में मक्के की अच्छी बुवाई की गई थी. लेकिन आंधी-पानी में फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. कृषि पदाधिकारी ने कहा कि फसल की क्षति का आंकलन किया जा रहा है.

इन फसलों की हुई क्षति
बता दें कि मक्का फसल के साथ-साथ गेहूं फसल को भी ओलावृष्टि ने नुकसान पहुंचाया है. नवगछिया इलाके के साथ-साथ पिरपैंती, सनहौला, कहलगांव, नाथनगर, सुल्तानगंज आदि के किसानों को भी इससे परेशानी हुई है. किसान सलाहकार को किसानों को हुई क्षति का आंकलन करने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी ने निर्देशित किया है.

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