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भागलपुर: आयुष्मान कार्ड धारक को नहीं है इस्तेमाल की कोई जानकारी, निजी पैसों से इलाज के लिए मजबूर हैं लाभार्थी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2018 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना को जन आरोग्य के भी नाम से जानते हैं. इस योजना के तहत हर साल गरीब परिवार को पांच लाख का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर दिया जाता है.

लाभार्थी परिवार की तस्वीर
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Published : Aug 7, 2019, 6:06 PM IST

भागलपुर: केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का इन दिनों अपने प्रचार-प्रसार के आभाव से जूझ रहा है. योजना का प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण जिले के कई गरीब परिवार इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. ग्रामीण मुखिया और आशा वर्कर का चक्कर काट रहे हैं. जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.

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आयुष्मान योजना कार्ड दिखाते ग्रामीण

लाभ के लिए भटक रहे लोग
भागलपुर के कहलगांव अनुमंडल के मदारगंज पंचायत के लोग आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए भटक रहे हैं. दरअसल, लोगों के घर में आयुष्मान भारत योजना का कार्ड तो बन गया है. लेकिन, इसका लाभ उठाने में अभी तक सफल नहीं हो पाए हैं. कारण है कि उनके पास इस योजना से संबंधित कोई जानकारी नहीं पहुंच रही है.

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विधायक सदानंद सिंह

कार्ड का नहीं हो रहा उपयोग
कार्ड लाभार्थी रेनू देवी ने बताती हैं कि गांव में सबसे पहले कार्ड उन्हें मिला है. उनके 6 बच्चे हैं और उनके पति को पैरालिसिस है. लेकिन इस कार्ड का कहां उपयोग करें इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने बताया कि वह अस्पतालों में भटकती रहती हैं. लेकिन, वह इस कार्ड का उपयोग नहीं कर पा रही है. उनका आरोप है कि अस्पताल में कार्ड का लाभ उठाने की जानकारी उन्हें हीं मिल रही है.

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रेनू देवी कार्ड लाभार्थी

अस्पताल में भी नहीं मिली मदद
वहीं, पैरालिसिस का शिकार ग्रामीण मदन दास ने बताया कि उन्हें कार्ड मिले 2 महीना हो गया है. लेकिन, इस कार्ड को कहां लेकर जाए इसकी जानकारी किसी ने नहीं दी है. अस्पताल में जाने के बाद भी उन्हें दर-दर की ठोकरे खाना पड़ रही है. अस्पताल में भी किसी ने उनकी सहायता नहीं की. वह घर के पैसे से अपना इलाज करा रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

निजी खर्च से हो रहा है काम
गांव के ही लोगों का यह भी कहना है कि आशा वर्कर कार्ड तो दे दी लेकिन इसके बारे में किसी ने समझाया नहीं है. इस बाबत ग्रामीण संजू देवी ने कहती हैं कि आशा मैडम घर पर आई थी और कार्ड देकर चली गई. उनका कहना है कि जब उन्होंने कार्ड संबंधित जानकारी मांगी तो बाद में बताने की बात कहकर चली गई. संजू देवी ने कहा कि उनका बेटा और बेटी दोनों बीमार है. लेकिन, इलाज के लिए निजी खर्च से ही करना पड़ रहा है.

विधायक ने क्या कहा ?
इस संबंध में ईटीवी भारत संवाददाता ने क्षेत्रिय विधायक सदानंद सिंह से बात की. सदानंद सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना केंद्र सरकार की बहुत ही लाभकारी योजना है. इस योजना से अब तक इस क्षेत्र में करीब 40 कैंसर रोगियों का इलाज हुआ है. उन्होंने कहा कि इस योजना को लोगों तक पहुंचाने के लिए वह क्षेत्र के पदाधिकारी से तलब करेंगे और इस योजना के प्रचार-प्रसार पर जोर देंगे. ताकि हर लोग को लाभ उठा सके.

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मुखिया

मुखिया ने क्या दी जानकारी ?
क्षेत्र के मुखिया ने कहा कि इस योजना के बारे में उन्हें भी सटीक जानकारी नहीं है. आयुष्मान भारत योजना से लाभव कैसे उठाना है, इसके बारे में उन्हें किसी ने नहीं बताया है. गांव के मुखिया का कहना है कि इस योजना को लेकर कौन अधिकारी आया है या नहीं आया है. इसकी भी जानकारी उनके पास नहीं है.

25 सितंबर को शुरू हुई थी योजना
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती पर इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना को जन आरोग्य के भी नाम से जानते हैं. इस योजना के तहत हर साल गरीब परिवार पांच लाख का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर दिया जाता है. लेकिन, लोगों का ऐसा मानना है कि इस योजना का प्रचार नहीं होने से इसकी जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच रही है.

भागलपुर: केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का इन दिनों अपने प्रचार-प्रसार के आभाव से जूझ रहा है. योजना का प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण जिले के कई गरीब परिवार इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. ग्रामीण मुखिया और आशा वर्कर का चक्कर काट रहे हैं. जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.

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आयुष्मान योजना कार्ड दिखाते ग्रामीण

लाभ के लिए भटक रहे लोग
भागलपुर के कहलगांव अनुमंडल के मदारगंज पंचायत के लोग आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए भटक रहे हैं. दरअसल, लोगों के घर में आयुष्मान भारत योजना का कार्ड तो बन गया है. लेकिन, इसका लाभ उठाने में अभी तक सफल नहीं हो पाए हैं. कारण है कि उनके पास इस योजना से संबंधित कोई जानकारी नहीं पहुंच रही है.

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विधायक सदानंद सिंह

कार्ड का नहीं हो रहा उपयोग
कार्ड लाभार्थी रेनू देवी ने बताती हैं कि गांव में सबसे पहले कार्ड उन्हें मिला है. उनके 6 बच्चे हैं और उनके पति को पैरालिसिस है. लेकिन इस कार्ड का कहां उपयोग करें इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने बताया कि वह अस्पतालों में भटकती रहती हैं. लेकिन, वह इस कार्ड का उपयोग नहीं कर पा रही है. उनका आरोप है कि अस्पताल में कार्ड का लाभ उठाने की जानकारी उन्हें हीं मिल रही है.

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रेनू देवी कार्ड लाभार्थी

अस्पताल में भी नहीं मिली मदद
वहीं, पैरालिसिस का शिकार ग्रामीण मदन दास ने बताया कि उन्हें कार्ड मिले 2 महीना हो गया है. लेकिन, इस कार्ड को कहां लेकर जाए इसकी जानकारी किसी ने नहीं दी है. अस्पताल में जाने के बाद भी उन्हें दर-दर की ठोकरे खाना पड़ रही है. अस्पताल में भी किसी ने उनकी सहायता नहीं की. वह घर के पैसे से अपना इलाज करा रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

निजी खर्च से हो रहा है काम
गांव के ही लोगों का यह भी कहना है कि आशा वर्कर कार्ड तो दे दी लेकिन इसके बारे में किसी ने समझाया नहीं है. इस बाबत ग्रामीण संजू देवी ने कहती हैं कि आशा मैडम घर पर आई थी और कार्ड देकर चली गई. उनका कहना है कि जब उन्होंने कार्ड संबंधित जानकारी मांगी तो बाद में बताने की बात कहकर चली गई. संजू देवी ने कहा कि उनका बेटा और बेटी दोनों बीमार है. लेकिन, इलाज के लिए निजी खर्च से ही करना पड़ रहा है.

विधायक ने क्या कहा ?
इस संबंध में ईटीवी भारत संवाददाता ने क्षेत्रिय विधायक सदानंद सिंह से बात की. सदानंद सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना केंद्र सरकार की बहुत ही लाभकारी योजना है. इस योजना से अब तक इस क्षेत्र में करीब 40 कैंसर रोगियों का इलाज हुआ है. उन्होंने कहा कि इस योजना को लोगों तक पहुंचाने के लिए वह क्षेत्र के पदाधिकारी से तलब करेंगे और इस योजना के प्रचार-प्रसार पर जोर देंगे. ताकि हर लोग को लाभ उठा सके.

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मुखिया

मुखिया ने क्या दी जानकारी ?
क्षेत्र के मुखिया ने कहा कि इस योजना के बारे में उन्हें भी सटीक जानकारी नहीं है. आयुष्मान भारत योजना से लाभव कैसे उठाना है, इसके बारे में उन्हें किसी ने नहीं बताया है. गांव के मुखिया का कहना है कि इस योजना को लेकर कौन अधिकारी आया है या नहीं आया है. इसकी भी जानकारी उनके पास नहीं है.

25 सितंबर को शुरू हुई थी योजना
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती पर इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना को जन आरोग्य के भी नाम से जानते हैं. इस योजना के तहत हर साल गरीब परिवार पांच लाख का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर दिया जाता है. लेकिन, लोगों का ऐसा मानना है कि इस योजना का प्रचार नहीं होने से इसकी जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच रही है.

Intro:दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत योजना , जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती पर की थी । इस योजना के तहत हर साल गरीब परिवार के लोगों को पांच लाख का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर दिया जा रहा है । इस योजना को जन आरोग्य के भी नाम से जानते हैं । यह योजना पूरे देश भर में 25 सितंबर से लागू है लेकिन इस योजना का लाभ गरीब परिवार जानकारी के अभाव में नहीं उठा पा रहे है । भागलपुर जिले के कहलगांव अनुमंडल के मदारगंज पंचायत में आयुष्मान भारत के लाभार्थी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कहां जाना है पता लगाने के लिए कभी मुखिया तो कभी आशा सहायक के घर चक्कर काट रहे हैं फिर भी उन्हें जानकारी नहीं मिल रही है । जिस कारण लाभार्थी अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं । कार्ड उनके घर एक शोभा बन कर रह गया है ।

केंद्र सरकार ने इस योजना को वंचित तबके के लोगों के लिए उपयोगी कदम बताया था । सरकार का मानना है कि 5 लाख तक की हेल्थ केयर इंश्योरेंस स्कीम के तहत देश की बड़ी आबादी को स्वास्थ्य समस्या से दूर करने में मदद मिलेगी ,मगर जिस तरह जानकारी के अभाव इस योजना के बारे में है , इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना सफल हो पाएगा ।


Body:लाभुक रेनू देवी ने बताया कि गांव में सबसे पहला कार्स उन्हीं को मिला है 6 बच्चे हैं और उनके पति को पैरालिसिस की बीमारी है । कार्ड का क्या उपयोग होगा इसके बारे में कोई नहीं बताया ।

पैरालिसिस का शिकार मदन दास ने बताया कि उन्हें कार्ड मिले 2 महीना हो गया लेकिन इस कार्ड को लेकर कहां जाने से इलाज होगा इसके बारे में कुछ भी नहीं पता है। वे इस दौरान बीमार भी पड़े हैं लेकिन घर के खर्चे से अपनी बीमारी को ठीक कराया है ।

संजू देवी ने बताया कि आशा मैडम घर पर आई और कार्ड देकर चली गई । कार्ड के बारे में पूछा तो बताया कि पूछ कर बताएंगे लेकिन अभी तक कुछ नहीं बतायी है । घर में इस दौरान मेरा बेटा और बेटी बीमार पड़ा लेकिन हम लोग घर के खर्चे से ही डॉक्टर के यहां इलाज कराए ।


वही इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक सदानंद सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना केंद्र सरकार की बहुत ही लाभकारी योजना है । इस योजना से अब तक हमारे क्षेत्र में करीब 40 कैंसर के रोगी का इलाज हुआ है । जिसे नहीं पता है वह इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं । उन्होंने कहा कि लोगों में जानकारी हो इसको लेकर हम क्षेत्र के पदाधिकारी और जिम्मेदार लोगों से पत्राचार करेंगे । जिससे कि लोग इस योजना के बारे में जान सकें और उनका लाभ उठा सकें ।

मदारगंज पंचायत के मुखिया ने बताया कि इस योजना के बारे में मुझे भी ठीक-ठाक पता नहीं है कि इस योजना का क्या लाभ है और ना ही मुझे कोई बताया है । उन्होंने कहा कि गांव में कहां पर कार्ड बन रहा है किसका नाम है इस बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं है ।



Conclusion:visual
byte - रेनू देवी ( लाभार्थी )
byte - मदन दास ( लाभार्थी )
byte - संजू देवी ( लाभार्थी )
byte - सदानंद सिंह ( क्षेत्रीय विधायक )
byte - मुखिया ( मदारगंज पंचायत )
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