भागलपुर: जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए भागलपुर जिला जज अरविंद कुमार पांडे ने 26 अप्रैल से 12 मई तक भागलपुर व्यवहार न्यायालय, नवगछिया और कहलगांव न्यायालय में होने वाले सभी न्यायिक कार्रवाई को स्थगित करने का निर्देश दिया है. इस बात उन्होंने नोटिस जारी कर दी है. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए तीनों व्यवहार न्यायालय में केवल रिमांड और रिलीज के कार्य करने के निर्देश दिए हैं.
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जिला जज ने दिया निर्देश
जिला जज ने सभी न्यायिक पदाधिकारी को जिला मुख्यालय में रहने को कहा है. जिला जज ने निर्देश दिया है कि सभी न्यायिक पदाधिकारी आवास पर रहते हुए रिमांड और रिलीज कार्य निष्पादन करें. इस आदेश के जारी होने के साथ ही दर्जनों हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई स्थगित हो गई है. कई मामलों में सजा के बिंदु पर सुनवाई टल गई है. गौरतलब है कि कोरोना के प्रसार के कारण पहले से ही कोर्ट वर्चुअल मूड में चलाए जा रहे थे. इसके बावजूद कई वकील और न्याय क्षेत्र से जुड़े अधिकारी संक्रमित हुए थे. जिसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
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जिला विधिज्ञ संघ के पूर्व अध्यक्ष ने दिया था आवेदन
गौरतलब है कि जिला विधिज्ञ संघ के पूर्व अध्यक्ष रामाकांत झा ने कोर्ट को स्थगित करने का आवेदन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडे को दिया था. जिसमें यह उल्लेख किया था कि न्यायिक पदाधिकारियों, न्यायिक कर्मचारियों और अधिवक्ताओं में संक्रमण फैलने लगा है. जिससे न्यायिक कार्यवाही के दौरान और इसके फलने का खतरा है. ऐसे में संक्रमण घर तक पहुंचने का भी खतरा है. जिसको देखते हुए कोर्ट को स्थगित करने की मांग की थी.
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बता दें कि यह निर्णय उच्च न्यायालय पटना के निर्देश और व्यवहार न्यायालय के जिला विधिज्ञ संघ और न्यायिक कर्मचारियों के संघ के अनुरोध पर लिया गया है. वहीं जिला विधिज्ञ संघ के निर्वाचित पदाधिकारी दिनेश सिंह बबलू ने भी डीबीए चुनाव कराने को लेकर अधिवक्ताओं से राय मांगी है. उन्होंने कहा कि राय के अनुसार ही चुनाव कराने की तैयारी की जाएगी.