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भागलपुर: गलत सुई लगाकर झोलाछाप डॉक्टर ने एक साल के बच्चे की ली जान

ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर मृत्युंजय महमदपुर में किराये के मकान में पांच साल से इलाज कर रहा है और अब तक तीन बार ऐसा हो चुका है. घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

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Published : Jan 17, 2020, 5:47 PM IST

बच्चे की ली जान
बच्चे की ली जान

भागलपुर: नाथनगर के मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के महमदपुर इलाके में एक साल के बच्चे की जन्मदिन के दिन ही डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मौत हो गई. दो दिन से सर्दी-खांसी से पीड़ित बच्चे को मां इलाज के लिए ग्रामीण डॉक्टर के पास ले गई. जहां डॉक्टर ने बच्चे को सुई लगाई और कुछ देर के बाद उसकी मौत हो गई.

मौत के बाद डॉक्टर उसे भागलपुर के एक निजी अस्पताल में ले गया, लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया. इसके बाद वो बच्चे को लेकर मायागंज अस्पताल पहुंचा. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद ग्रामीण डॉक्टर वहां से फरार हो गया.

झोलाछाप डॉक्टर ने एक साल के बच्चे की ली जान

देखते ही देखते थम गई सांसें
बच्चे के पिता विनय तांती ने बताया कि विनायक का गुरुवार को पहला जन्मदिन था. दो दिनों से वो सर्दी खांसी से पीड़ित था. जन्मदिन मनाने से पहले मां सरिता देवी गांव के एक डॉक्टर कजरैली निवासी मृत्युंजय कुमार के यहां ले गई. डॉक्टर ने उसे सुई लगाई, इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई. वो उल्टी सांसें लेने लगा और देखते ही देखते उसकी सांसें थम गई.

'पांच साल से कर रहा है इलाज'
ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर मृत्युंजय महमदपुर में किराये के मकान में पांच साल से इलाज कर रहा है और अब तक तीन बार ऐसा हो चुका है. घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मधुसूदनपुर थानेदार मिथिलेश कुमार चौधरी ने बताया कि परिजनों की लिखित शिकायत पर आरोपी पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.

भागलपुर: नाथनगर के मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के महमदपुर इलाके में एक साल के बच्चे की जन्मदिन के दिन ही डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मौत हो गई. दो दिन से सर्दी-खांसी से पीड़ित बच्चे को मां इलाज के लिए ग्रामीण डॉक्टर के पास ले गई. जहां डॉक्टर ने बच्चे को सुई लगाई और कुछ देर के बाद उसकी मौत हो गई.

मौत के बाद डॉक्टर उसे भागलपुर के एक निजी अस्पताल में ले गया, लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया. इसके बाद वो बच्चे को लेकर मायागंज अस्पताल पहुंचा. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद ग्रामीण डॉक्टर वहां से फरार हो गया.

झोलाछाप डॉक्टर ने एक साल के बच्चे की ली जान

देखते ही देखते थम गई सांसें
बच्चे के पिता विनय तांती ने बताया कि विनायक का गुरुवार को पहला जन्मदिन था. दो दिनों से वो सर्दी खांसी से पीड़ित था. जन्मदिन मनाने से पहले मां सरिता देवी गांव के एक डॉक्टर कजरैली निवासी मृत्युंजय कुमार के यहां ले गई. डॉक्टर ने उसे सुई लगाई, इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई. वो उल्टी सांसें लेने लगा और देखते ही देखते उसकी सांसें थम गई.

'पांच साल से कर रहा है इलाज'
ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर मृत्युंजय महमदपुर में किराये के मकान में पांच साल से इलाज कर रहा है और अब तक तीन बार ऐसा हो चुका है. घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मधुसूदनपुर थानेदार मिथिलेश कुमार चौधरी ने बताया कि परिजनों की लिखित शिकायत पर आरोपी पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:भागलपुर:-

नाथनगर के मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के रामपुर खुर्द पंचायत के महमतपुर इलाके में एक साल के बच्चे की जन्मदिन के दिन ही गुरुवार को उसका जान ले लिया। परिजनों के मुताबिक बच्चे को उजत डॉक्टर ने गलत सुई दे दिया जिसके बाद उसकी हालत बहुत खराब हो गयी पल बाजार में ही उसने दम तोड़ दिया। बच्चे के पिता बिनय तांति राजमिस्त्री ने बताया कि उनके एक साल के बेटे विनायक कुमार उर्फ डुग्गु की तबियत थोड़ी खराब चल रही थी उसे मामूली सर्दी जुकाम था। शाम को उसका जन्मदिन मनाने से पहले उसकी मां सरिता देवी ने गांव में प्राइवेट क्लिनिक चलाने वाले वाले डॉक्टर कजरैली निवासी मृत्युंजय कुमार उसे दिखाया। डॉक्टर ने उसे ठीक करने का भरोसा दिलाते हुए एक इंजेक्शन लगाया पल भर में ही बच्चे की तबियत ज्यादा बिगड़ गयी और उसने उलटा सांस लेना शुरू कर दिया। डॉक्टर ने उसे भागलपुर के डॉक्टर से दिखाने की बात कही। डॉक्टर ने अपनी बाइक पर एक साल के बच्चे व उसके एक परिजन को बाइक पर बिठाया और सफ़हे भागलपुर लेकर चले गए। इधर किसी ने हल्ला कर दिया कि बच्चे की मौत हो चुकी है। डॉक्टर इलाज का झूठा बहाना बनाकर उसे इलाज के लिए भागलपुर ले गए है। बच्चे की मौत की खबर जानकर परिजनों ने डॉक्टर के डिस्पेंसरी के नजदीक एकजुट होकर हंगामा शुरू कर दिया। डॉक्टर को फोन करने पर उसने कभी भागलपुर के एक डॉक्टर के यहां होने की तो कभी मायागंज अस्पताल में बच्चे का इलाज करने का बहाना बताया। जब बच्चे की मौत कन्फर्म हो गयी तो झोलाछाप बहाना कर परिजनों से दूर हट गया और फरार हो गया। परिजन मृत बच्चे को लेकर घर वापस लौटे। इसके बाद क्या था हंगामा बढ़ गया लोग डॉक्टर को ढूंढने लगे। हंगामा की सूचना पर पहुंची मधुसूदनपुर ने झोलाछाप डॉक्टर की गिरफ्तारी की बात कही। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर कबतक ऐसे झोलाछाप डॉक्टर की चपेट में आने से लोग मरते रहेंगे। ऐसे झोलाछाप डॉक्टर से कब लोगों को निजात मिलेगा। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि इस मृत्युंजय डॉक्टर ने अबतक ऐसी तीन दिल दहलाने वाली घटना को अंजाम दिया है। घटना के बाद परिजनों को रो रो कर बुरा हाल हो गया है। डॉक्टर पांच साल से महमतपुर में एक किराये के मकान में इलाज करता है।  Body:झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा गलत सुई लगाने पर एक साल की बच्ची की मौत, बच्ची का आज जन्मदिन भी था।Conclusion:मामले पर मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष मिथलेश चौधरी ने बताया कि परिजन यदि लिखित शिकायत करेंगे तो आरोपी झोलाझाप डॉक्टर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया जाएगा।
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