भागलपुर: आईआईटी कानपुर हर साल देश के किसी न किसी ईमानदार पुलिस ऑफिसर को सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित करता है. इस वर्ष आईआईटी कानपुर ने इस अवार्ड के लिए भागलपुर पूर्वी प्रक्षेत्र के डीआईजी विकास वैभव का चयन किया था. 2 नवंबर 19 को आईआईटी कानपुर में बिहार कैडर के तेज तर्रार और ईमानदार आईपीएस विकास वैभव को सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से नवाजा गया.
'सम्मान मिलने से बेहतर कार्य करने की मिलती है प्रेरणा'
डीआईजी विकास वैभव ने कहा कि सम्मान मिलने से बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि शुरू से वह एक आईपीएस अधिकारी के रूप में देश की सेवा करना चाहते थे. 2003 में उन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त हुआ. आईपीएस विकास वैभव ने आईआईटी कानपुर से 2001 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक की डिग्री हासिल की थी, इसलिए उन्हें और ज्यादा खुशी है कि जिस संस्थान से उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की है, उन्हें उसी संस्थान की तरफ से सम्मानित किया गया है.
'पीड़ितों की भीड़ जमा हो जाती है'
बता दें कि बतौर डीआईजी कार्य कर रहे विकास वैभव के कार्यालय में सैकड़ों फरियादी न्याय की उम्मीद लेकर रोज आते हैं. उनकी बातें सुनकर डीआईजी विकास वैभव उस पर अमल करते हुए, उन्हें त्वरित न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. जिसकी वजह से उनकी छवि पूरे इलाके में एक बेहतरीन और ईमानदार आईपीएस के रूप में बनी है. कई बार विकास वैभव को पीड़ित की बात सुनकर पुलिस पदाधिकारी पर भी कार्रवाई करनी पड़ी है.
'इतिहास से है काफी गहरा लगाव'
अपने मूल कर्तव्य को निर्वाहन करने के बाद डीआईजी विकास वैभव ऐतिहासिक तथ्यों पर भी काफी रिसर्च करते हैं. जहां लोग छुट्टियों पर देश विदेश घूमने जाते हैं. वहीं, आईपीएस विकास वैभव अपनी छुट्टियों को ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी को हासिल करने में लगा देते हैं. डीआईजी विकास वैभव को भारत और पूरे विश्व के इतिहास की काफी गहरी जानकारी है और यही उनका फील्ड ऑफ इंटरेस्ट है.