ETV Bharat / state

भागलपुर बाईपास की भेंट चढ़ी ऐतिहासिक चंपा नदी, मृत होकर नाले में हुई तब्दील

बाइपास निर्माण के लिए चंपा नदी के बीचों-बीच निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रा टेक ने मिट्टी भरकर रास्ता बना दिया. इसके कारण नदी का बड़ा हिस्सा सूख गया है.

दैनिय हालात में ऐतिहासिक चंपा नदी
author img

By

Published : Jun 15, 2019, 12:25 PM IST

भागलपुर: अंग प्रदेश के रूप में अपनी ऐतिहासिक पहचान रखने वाला भागलपुर में सभ्यता, संस्कृति से जुड़ी कई चीजें अंकित है. भारत वर्ष के 16 जनपद में शामिल अंग प्रदेश में समय के अनुसार संस्कृति के साथ-साथ भौगोलिक परिवर्तन भी देखने को मिल रही है.

भौगोलिक परिवर्तन के पीछे प्रकृति नहीं बल्कि इंसान का हाथ है. प्रकृति के दोहन और भौगोतिक परिवर्तन में सरकार की अनदेखी से इंकार नहीं किया जा सकता है. भागलपुर की ऐतिहासिक नदी चंपा बाइपास निर्माण में भेट चढ़ गई. बाइपास निर्माण कार्य के लिए चंपा नदी के बीचों-बीच निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रा टेक ने मिट्टी भरकर रास्ता बना दिया. इसके कारण एक तरफ तो नदी में पानी फैला है. दूसरी तरफ नदी का बड़ा हिस्सा सूख गया है.

बदहास स्थिति में ऐतिहासिक चंपा नदी

सूख चुकी है ऐतिहासिक चंपा नदी
इस नदी में पानी की उपस्थिति के कारण किसानों को पटवन करने में काफी सहूलियत होती थी. जिससे अब वंचित रहना पड़ रहा है. नदी के किनारे कृषि योग्य भूमि नदी के सूखने की वजह से प्रभावित हो गई है. नदी सूख कर नाले में तब्दील हो गई है. भागलपुर नगर निगम का कचरा और ड्रेनेज इसी नदी में खुलने के कारण पूरे शहर का गंदा पानी और गंदगी इसमें गिर रहा है. नदी के दोनों तरफ के हिस्से संकीर्ण हो गए हैं. वही भवन निर्माण एवं अन्य कार्यों के लिए नदी की मिट्टी काटी जा रही है. नदी को बंद कर तात्कालिक रास्ता बनाया गया था. सरकार ने भले ही नदियों को बचाने के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की थी. लेकिन इस नदी का कोई सुध लेने वाला नहीं है

bhagalpur
मृत पड़ी चंपा नदी

नगर निगम की कुव्यवस्था कर रही नदी को समाप्त
दरअसल, चंपा नदी भागलपुर से गुजर रही गंगा से कटकर निकली एक छोटी नदी है. पूर्व में इस नदी के जरिए व्यवसायिक कार्य किए जाते थे. लेकिन समय के साथ नदी धीरे-धीरे सिमटती चली गई. वर्तमान समय में ऐतिहासिक चंपा नदी का एक बड़ा सा हिस्सा पूरी तरह से सूख चुका है. जबकि दूसरा हिस्सा नाले के रूप में तब्दील हो चुका है. संरक्षित करने के बजाए नगर निगम की कुव्यवस्था तथा बचीखुची कसर बाईपास निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रा ने नदी को बर्बादी की कगार पर ला कर पुरी कर दी है. पूरे प्रदेश में जल संकट का खतरा मंडरा रहा है. पानी की भीषण किल्लत के बाद सरकार का ध्यान अचानक पोखर तालाब और छोटी नदियों को संरक्षित करने के लिए गई है. इससे इस नदी के पुनर्जन्म की आशा बढ़ गई है.

भागलपुर: अंग प्रदेश के रूप में अपनी ऐतिहासिक पहचान रखने वाला भागलपुर में सभ्यता, संस्कृति से जुड़ी कई चीजें अंकित है. भारत वर्ष के 16 जनपद में शामिल अंग प्रदेश में समय के अनुसार संस्कृति के साथ-साथ भौगोलिक परिवर्तन भी देखने को मिल रही है.

भौगोलिक परिवर्तन के पीछे प्रकृति नहीं बल्कि इंसान का हाथ है. प्रकृति के दोहन और भौगोतिक परिवर्तन में सरकार की अनदेखी से इंकार नहीं किया जा सकता है. भागलपुर की ऐतिहासिक नदी चंपा बाइपास निर्माण में भेट चढ़ गई. बाइपास निर्माण कार्य के लिए चंपा नदी के बीचों-बीच निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रा टेक ने मिट्टी भरकर रास्ता बना दिया. इसके कारण एक तरफ तो नदी में पानी फैला है. दूसरी तरफ नदी का बड़ा हिस्सा सूख गया है.

बदहास स्थिति में ऐतिहासिक चंपा नदी

सूख चुकी है ऐतिहासिक चंपा नदी
इस नदी में पानी की उपस्थिति के कारण किसानों को पटवन करने में काफी सहूलियत होती थी. जिससे अब वंचित रहना पड़ रहा है. नदी के किनारे कृषि योग्य भूमि नदी के सूखने की वजह से प्रभावित हो गई है. नदी सूख कर नाले में तब्दील हो गई है. भागलपुर नगर निगम का कचरा और ड्रेनेज इसी नदी में खुलने के कारण पूरे शहर का गंदा पानी और गंदगी इसमें गिर रहा है. नदी के दोनों तरफ के हिस्से संकीर्ण हो गए हैं. वही भवन निर्माण एवं अन्य कार्यों के लिए नदी की मिट्टी काटी जा रही है. नदी को बंद कर तात्कालिक रास्ता बनाया गया था. सरकार ने भले ही नदियों को बचाने के लिए नमामि गंगे योजना की शुरुआत की थी. लेकिन इस नदी का कोई सुध लेने वाला नहीं है

bhagalpur
मृत पड़ी चंपा नदी

नगर निगम की कुव्यवस्था कर रही नदी को समाप्त
दरअसल, चंपा नदी भागलपुर से गुजर रही गंगा से कटकर निकली एक छोटी नदी है. पूर्व में इस नदी के जरिए व्यवसायिक कार्य किए जाते थे. लेकिन समय के साथ नदी धीरे-धीरे सिमटती चली गई. वर्तमान समय में ऐतिहासिक चंपा नदी का एक बड़ा सा हिस्सा पूरी तरह से सूख चुका है. जबकि दूसरा हिस्सा नाले के रूप में तब्दील हो चुका है. संरक्षित करने के बजाए नगर निगम की कुव्यवस्था तथा बचीखुची कसर बाईपास निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रा ने नदी को बर्बादी की कगार पर ला कर पुरी कर दी है. पूरे प्रदेश में जल संकट का खतरा मंडरा रहा है. पानी की भीषण किल्लत के बाद सरकार का ध्यान अचानक पोखर तालाब और छोटी नदियों को संरक्षित करने के लिए गई है. इससे इस नदी के पुनर्जन्म की आशा बढ़ गई है.

Intro:BHAGALPUR BYEPASS KI BHENT CHADA EHTIHASIK NADI CHAMPA NADI MRIT HOKAR HUI NAALE ME TABDIL

भागलपुर जो कि अंग प्रदेश के रूप में भी जाना जाता है इतिहास के पन्नों में अंग प्रदेश की संस्कृति सभ्यता समेत कई चीजें अंकित है प्राचीन काल खंड में भी जब पूरे भारत देश में 16 जनपद थे उसमें भी अंग प्रदेश प्रमुख जनपद में से एक था वर्तमान में धीरे धीरे संस्कृति और सभ्यता समेत भौगोलिक परिवर्तन भी देखने को मिल रहा है लेकिन जो खुद ब खुद प्राकृतिक परिवर्तन हो रहा है वह तो ठीक है लेकिन जो परिवर्तन यहां के लोगों के द्वारा किए जा रहे हैं और जिसका संबंध सीधे तौर पर हर एक इंसान के जिंदगी से है उस पर सरकार की अनदेखी से इंकार नहीं किया जा सकता हम बात कर रहे हैं अंग प्रदेश भागलपुर की इतिहासिक नदी चंपा की जो बायपास निर्माण को लेकर भेट चल गई है चंपा नदी के बीचों-बीच बाईपास निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रा टेक में मिट्टी भरकर रास्ता बना दिया है जिसकी वजह से एक तरफ तो पूरी नदी में पानी है और दूसरी तरफ की नदी काफी लंबा और बड़ा हिस्सा सूख गया है इस नदी में पानी रहने की वजह से किसान को पटवन करने में काफी सहूलियत होती थी जो अब अपने खेत में पटवन नहीं कर पा रहे हैं अगर हम बात करें तो कृषि पूरी तरह से नदी के सूखने की वजह से प्रभावित हो गई है


Body:जो चंपा नदी अंग प्रदेश के आज का बड़ा हिस्सा माना जाता है वह नदी पूरी तरह से सूख चुकी है और नाले में तब्दील हो गई है क्योंकि भागलपुर नगर निगम का कचरा और ज्यादातर ड्रेनेज इसी नदी में खुलता है जिसकी वजह से पूरे शहर का गंदा पानी और गंदगी नदी में चला जाता है और धीरे धीरे नदी के दोनों तरफ के हिस्से संकीर्ण हो गए हैं और मिट्टी को काटकर बीच नदी से भवन निर्माण एवं अन्य कार्यों में लगा रहे हैं जिसकी वजह से नदी का पानी बीच बीच में जमा हो गया है और जो धारा प्रवाहित होनी चाहिए वह रुक गई है मेसी के कई हिस्से में पानी है और कहीं पूरी तरह से सूख गई है । जहां पूरे देश में चारों तरफ जल संकट मंडरा रहा है इसकी प्रमुख वजह देखी जाए तो कहीं ना कहीं प्रशासनिक लापरवाही ही मुख्य वजह दिखती है बाईपास निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है तो आखिर नदी को बंद कर तात्कालिक रास्ता सामान को लाने के लिए बनाया गया था उसे क्यों नहीं हटा लिया गया ना ही इसके सुध नमामि गंगे योजना से संबंधित लोगों ने ली । सरकार ने नदियों को बचाने के लिए जिस नमामि गंगे योजना की शुरुआत की थी उसके तहत भी नदियों को पुनर्जीवित नहीं किया जा पा रहा है ।


Conclusion:चंपा नदी भागलपुर के किनारे से गुजर रहे गंगा से कटकर निकल रही एक छोटी नदी है पूर्व में कई व्यवसायिक कार्य चंपा नदी के माध्यम से किए जाते थे लेकिन ज्यों-ज्यों वक्त बीतता गया नदी धीरे धीरे सिमटती चली गई । वर्तमान परिस्थिति में ऐतिहासिक चंपा नदी का एक बड़ा सा हिस्सा पूरी तरह से सूख चुका है और दूसरा हिस्सा भी नाला के रूप में तब्दील हो चुका है जिस को सुरक्षित और सुरक्षित करने के लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए उसे नगर निगम के कुव्यवस्था के द्वारा मारने का प्रयास किया जा रहा है और जो बचा खुचा कसर था वह बायपास निर्माण करने वाली कंपनी जीआर इंफ्रा ने पूरा कर दिया । अब देखना यह है कि पानी की भीषण किल्लत के बाद जिस तरह से सरकार पोखर और छोटी नदियों को संरक्षित करने के लिए नई पहल करने वाले हैं ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.