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सिंचाई परियोजना के गार्ड और ऑपरेटर को डेढ़ साल से नहीं मिली सैलरी, रोजी-रोटी का संकट - भागलपुर समाचार

भागलपुर की बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना बिहार सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है. जिसमें काम करने वाले गार्ड और ऑपरेटरों को डेढ़ साल से वेतन नहीं मिला. जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

सिचाई परियोजना
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Published : Sep 20, 2021, 7:52 AM IST

Updated : Sep 20, 2021, 7:59 AM IST

भागलपुर: बिहार के भागलपुर की बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना (Bateshwar Ganga Pump Canal Project) सिंचाई के लिहाज से बिहार सरकार (Bihar Government) की सबसे बड़े परियोजनाओं में शामिल है. इसके बावजूद शासन का ध्यान इस पर नहीं है. परियोजना के अधूरा होने से यहां के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं, यहां काम करने वाले गार्ड और ऑपरेटरों को 18 महीने से सैलरी नहीं मिली है. जिससे वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बोले मंत्री रामसूरत राय, 'बिहार में भू-माफियाओं की अब खैर नहीं'

बता दें कि बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना में लिफ्ट वन में रघुनंदन कुमार ऑपरेटर, आर्यन कुमार गार्ड, नीरज कुमार ऑपरेटर, प्रमोद कुमार गार्ड के रूप में कार्यरत हैं. जिन्हें डेढ़ साल से वेतन नहीं मिला है. इससे वह निराश और हताश हैं. उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर वे विभाग के वरीय अधिकारियों, बिहार सरकार के मंत्री, स्थानीय सांसद और विधायक से भी गुहार लगा चुके हैं. नेताओं और जनप्रतिनिधियों की तरफ से उन्हें आश्वासन तो दिया गया लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी सैलरी नहीं मिली.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस का वैक्सीनेशन कैंप पर वार-'रिकॉर्ड के लिए हो रही खानापूर्ति', BJP ने दिया करारा जवाब

वहीं, ऑपरेटर नंद कुमार और रघुनंदन कुमार ने बताया कि वे पहले फलोमर लिमिटेड में काम करते थे. उसका टेंडर समाप्त हो गया तो विभाग के उप कनीय अभियंता के आदेश पर हम लोगों को 25 फरवरी 2020 को यहां रखा गया. लेकिन 18 महीने से अधिक बीत जाने के बाद सैलरी नहीं मिली. सैलरी के लिए एसडीओ से लेकर मंत्री तक को खत लिखकर हमने अपनी समस्या बतायी. इसके बावजूद सैलरी नहीं मिली.

देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि स्थानीय सांसद और विधायक से भी मिलकर अधिकारियों से बात करवायी लेकिन वहां पर आश्वासन ही मिला. 18 महीने से मिल रहे आश्वासन से अब हम थक चुके हैं. एक बार हम लोगों ने गुस्से में आकर काम भी बाधित किया था लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि वे लोग गरीब हैं. पूरा परिवार सैलरी पर ही निर्भर है. लेकिन विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जब भी मिलने जाते हैं, तो बताया जाता है कि प्रोसेस में है.

भागलपुर: बिहार के भागलपुर की बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना (Bateshwar Ganga Pump Canal Project) सिंचाई के लिहाज से बिहार सरकार (Bihar Government) की सबसे बड़े परियोजनाओं में शामिल है. इसके बावजूद शासन का ध्यान इस पर नहीं है. परियोजना के अधूरा होने से यहां के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं, यहां काम करने वाले गार्ड और ऑपरेटरों को 18 महीने से सैलरी नहीं मिली है. जिससे वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.

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बता दें कि बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना में लिफ्ट वन में रघुनंदन कुमार ऑपरेटर, आर्यन कुमार गार्ड, नीरज कुमार ऑपरेटर, प्रमोद कुमार गार्ड के रूप में कार्यरत हैं. जिन्हें डेढ़ साल से वेतन नहीं मिला है. इससे वह निराश और हताश हैं. उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर वे विभाग के वरीय अधिकारियों, बिहार सरकार के मंत्री, स्थानीय सांसद और विधायक से भी गुहार लगा चुके हैं. नेताओं और जनप्रतिनिधियों की तरफ से उन्हें आश्वासन तो दिया गया लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी सैलरी नहीं मिली.

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वहीं, ऑपरेटर नंद कुमार और रघुनंदन कुमार ने बताया कि वे पहले फलोमर लिमिटेड में काम करते थे. उसका टेंडर समाप्त हो गया तो विभाग के उप कनीय अभियंता के आदेश पर हम लोगों को 25 फरवरी 2020 को यहां रखा गया. लेकिन 18 महीने से अधिक बीत जाने के बाद सैलरी नहीं मिली. सैलरी के लिए एसडीओ से लेकर मंत्री तक को खत लिखकर हमने अपनी समस्या बतायी. इसके बावजूद सैलरी नहीं मिली.

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उन्होंने कहा कि स्थानीय सांसद और विधायक से भी मिलकर अधिकारियों से बात करवायी लेकिन वहां पर आश्वासन ही मिला. 18 महीने से मिल रहे आश्वासन से अब हम थक चुके हैं. एक बार हम लोगों ने गुस्से में आकर काम भी बाधित किया था लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि वे लोग गरीब हैं. पूरा परिवार सैलरी पर ही निर्भर है. लेकिन विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जब भी मिलने जाते हैं, तो बताया जाता है कि प्रोसेस में है.

Last Updated : Sep 20, 2021, 7:59 AM IST
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