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भागलपुर: नगर निगम की गाड़ियों में लगाया जाएगा जीपीएस, मॉनिटरिंग से पूरी व्यवस्था होगी दुरुस्त - bhagalpur

जिले के नगर निगम के सफाई कार्य में लगे वाहनों में अब जीपीएस लगाए जाएंगे. जीपीएस की मॉनिटरिंग और रिपेयरिंग की जिम्मेदारी भी जीपीएस लगाने वाली कंपनी को दी जाएगी.

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Published : May 22, 2020, 11:10 PM IST

भागलपुर: नगर निगम के सफाई कार्य में लगे वाहनों में अब जीपीएस लगाए जाएंगे. इसको लेकर उप नगर आयुक्त सत्येंद्र प्रसाद वर्मा ने शुक्रवार को विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जीपीएस लगाने का उद्देश्य कचरा उठाने की व्यवस्था को बेहतर करना और वाहनों से डीजल चोरी को रोकना है.

सत्येंद्र प्रसाद वर्मा ने बताया कि जीपीएस की मॉनिटरिंग और रिपेयरिंग की जिम्मेदारी भी जीपीएस लगाने वाली कंपनी को दी जाएगी. इसके लिए कंपनी में आईएसबीटी पर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. बता दें कि नगर निगम के सफाई के लिए लगे वाहनों में डीजल चोरी के खेल को पूर्व नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने पकड़ा था. उन्होंने सभी गाड़ियों में जीपीएस लगाने का काम शुरू कराया था. लेकिन उनका तबादला होने के बाद अब तक जीपीएस लगाने की कार्रवाई सुस्त पड़ी थी.

वाहनों की मॉनिटरिंग होगी आसान
सफाई कार्य में लगाए गए वाहनों में जीपीएस नहीं लगाए जाने पर पार्षदों ने आरोप लगाना शुरू कर दिया था और इसको लेकर सवाल उठने लगे थे. जिसके बाद जीपीएस लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. उप नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम में लगभग 70 वाहन सफाई कार्य में लगाए गए हैं. अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ गाड़ियों में ही जीपीएस लगाया जाएगा. जीपीएस लग जाने के बाद वाहनों के आने-जाने की मॉनिटरिंग आसान हो सकेगी. साथ ही कौन सा वाहन कितने किलोमीटर चला इसकी जानकारी भी पदाधिकारी को मिलेगी.

डीजल के खपत में आएगी कमी
पूर्व नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम के सफाई कार्य में लगे वाहनों में महीने में 15 से 16 लाख की डीजल की खपत है. जीपीएस लग जाने से इंधन की खपत में कमी आएगी. अभी जीपीएस नहीं लगने से वाहनों की आवाजाही की फर्जी रिपोर्ट तैयार करना आसान होता है. उन्होंने कहा कि जीपीएस लग जाने के बाद वाहनों के आने-जाने की मॉनिटरिंग होगी. साथ ही कौन सा वाहन कितने किलोमीटर चला इसकी जानकारी पदाधिकारी को मिलने लगेगी.

भागलपुर: नगर निगम के सफाई कार्य में लगे वाहनों में अब जीपीएस लगाए जाएंगे. इसको लेकर उप नगर आयुक्त सत्येंद्र प्रसाद वर्मा ने शुक्रवार को विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जीपीएस लगाने का उद्देश्य कचरा उठाने की व्यवस्था को बेहतर करना और वाहनों से डीजल चोरी को रोकना है.

सत्येंद्र प्रसाद वर्मा ने बताया कि जीपीएस की मॉनिटरिंग और रिपेयरिंग की जिम्मेदारी भी जीपीएस लगाने वाली कंपनी को दी जाएगी. इसके लिए कंपनी में आईएसबीटी पर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. बता दें कि नगर निगम के सफाई के लिए लगे वाहनों में डीजल चोरी के खेल को पूर्व नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने पकड़ा था. उन्होंने सभी गाड़ियों में जीपीएस लगाने का काम शुरू कराया था. लेकिन उनका तबादला होने के बाद अब तक जीपीएस लगाने की कार्रवाई सुस्त पड़ी थी.

वाहनों की मॉनिटरिंग होगी आसान
सफाई कार्य में लगाए गए वाहनों में जीपीएस नहीं लगाए जाने पर पार्षदों ने आरोप लगाना शुरू कर दिया था और इसको लेकर सवाल उठने लगे थे. जिसके बाद जीपीएस लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. उप नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम में लगभग 70 वाहन सफाई कार्य में लगाए गए हैं. अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ गाड़ियों में ही जीपीएस लगाया जाएगा. जीपीएस लग जाने के बाद वाहनों के आने-जाने की मॉनिटरिंग आसान हो सकेगी. साथ ही कौन सा वाहन कितने किलोमीटर चला इसकी जानकारी भी पदाधिकारी को मिलेगी.

डीजल के खपत में आएगी कमी
पूर्व नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम के सफाई कार्य में लगे वाहनों में महीने में 15 से 16 लाख की डीजल की खपत है. जीपीएस लग जाने से इंधन की खपत में कमी आएगी. अभी जीपीएस नहीं लगने से वाहनों की आवाजाही की फर्जी रिपोर्ट तैयार करना आसान होता है. उन्होंने कहा कि जीपीएस लग जाने के बाद वाहनों के आने-जाने की मॉनिटरिंग होगी. साथ ही कौन सा वाहन कितने किलोमीटर चला इसकी जानकारी पदाधिकारी को मिलने लगेगी.

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