भागलपुर: बिहार के भागलपुर के सबौर में स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय में सातवें दीक्षांत समारोह का आयोजन (Convocation Ceremony of BAU) किया गया. जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की. दीक्षांत समारोह में अतिथि के रुप में बिहार सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली से उद्यान उपनिदेशक डॉ एके सिंह शामिल हुए. राज्यपाल के प्रधान सचिव रोवर्ट एल चिम्पु भी मौजूद रहे.
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दीक्षांत समारोह का आयोजन: इस बार दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का थीम जल जीवन हरियाली था. कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई. उसके बाद विधिवत घड़े मे जल अर्पित कर किया गया. जिसमें बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, बिहार सरकार के कृषि मंत्री और दिल्ली से आए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उद्यान उपनिदेशक, राज्यपाल के प्रधान सचिव, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावे कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे.
कार्यक्रम में राज्यपाल हुए शामिल: भागलपुर पहुंचने पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उसके बाद बैंड से स्वागत की गई. मंच पर राज्यपाल को भव्य मखाना के माला पहनाकर स्वागत किया गया. सभी अतिथियों को पौधा देकर स्वागत किया गया. सातवें दिक्षांश समारोह में सभी अतिथियों की ओर से जल अर्पित किया गया.
980 छात्रों को दी गई डिग्री: सातवें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र के बाद कुल 980 विद्यार्थियों को राज्यपाल के हाथों डिग्रियां प्रदान की गई. जिसमें यूजीसी के 688, पीजी के 243 और पीएचडी के 49 विद्यार्थी थे. 12 छात्रों को गोल्ड मेडल दिया गया. बिहार सरकार के कृषि मंत्री ने विश्वविद्यालय में अनुकंपा के आधार पर कुल 14 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया.
गोल्ड मेडल से भी सम्मानित हुए छात्र: जिन छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया, उसमें मयंक कुमार, शालवी, रिया सोनी, इराम आरजू, श्रुति सिन्हा, साक्षी कुमारी, अंकिता दुबे, ऋत्विक साहू, नवनीता दास, बेस्ट टीचर अवार्ड के लिए संतोष कुमार और चंदन पांडा को गोल्ड मैडल देकर सम्मानित किया गया. कृषि विश्वविद्यालय सबौर के द्वारा गोद लिए गए कस्तूरबा गांधी विद्यालय के बच्चों को भी पठन पाठन की समग्री से सम्मानित किया गया. साथ ही वर्क इज वर्सिफ एंड वर्क इज एसमाईलिंग के साथ कई पुस्तक और लोगो का लोकार्पण किया गया.
सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन: कार्यक्रम के अंतिम कड़ी में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं और यहां के शिक्षक एवं कर्मियों के बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई. विश्वविद्यालय परिसर और भवनों को रंगीन रोशनी से सजाया गया था. पूरे विश्वविद्यालय में मानो उत्सव का माहौल था. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था. सभी जगहों पर सुरक्षा गार्ड भी मौजूद थे.