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भागलपुर: सरकारी शिक्षक सीखेंगे रेशम उत्पाद बढ़ाने की तकनीक, बच्चों को देंगे जानकारी

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Published : Oct 3, 2020, 3:58 PM IST

भागलपुर में सरकारी शिक्षकों को रेशम उत्पाद बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. जिसके बाद शिक्षक अपने स्कूल में प्लांटेशन करेंगे.

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सीखेंगे रेशम उत्पाद

भागलपुर: देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई है. नई शिक्षा नीति के तहत कृषि शिक्षा को मिडिल स्कूल स्तर पर भी अब पढ़ाया जाएगा. सरकार का प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को पढ़ाया जाए. जिससे बच्चे कृषि के संबंध में जानकारी के साथ-साथ कृषि से संबंधित उद्योग कैसे स्थापित किए जाए, उसके बारे में जान सके.

कृषि विशेषज्ञ से चर्चा
स्कूली बच्चों के लिए स्कूल में ही कृषि और पर्यावरण विषय के अंतर्गत पौधे लगाना और पौधे के बीज कैसे तैयार करना है, उसके बारे में बताया जाएगा. इसको लेकर भागलपुर शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए कृषि विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों से बातचीत की है.

बच्चों को देंगे जानकारी
जिले में रेशम के कीट कैसे तैयार किए जाते हैं और केले के छिलके से धागा और कागज तैयार कैसे किए जा सकते हैं और उसके उद्योग को स्थापित करने के बारे में जानकारी देंगे. उस जानकारी को अपने स्कूल में प्लांटेशन कर बच्चे को जानकारी देंगे.

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मौके पर मौजूद अधिकारी

क्या कहते हैं अधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि आने वाले दिनों में नई शिक्षा नीति के तहत मिडिल स्कूल स्तर पर ही कृषि शिक्षा बच्चों को दिया जाएगा. उसको लेकर कृषि वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ से बातचीत हुई है. वो जिले के सरकारी स्कूल के विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार हो गए हैं.

स्कूल में करेंगे प्लांटेशन
संजय कुमार ने कहा कि जिले में रेशम बृहद पैमाने पर तैयार होते हैं. उनके कीट कैसे पत्ते पर कोकून तैयार करते हैं. साथ ही यहां पर केले की खेती भी बृहद रूप में होती है. केले के छिलके से कैसे रेशा तैयार किया जा सकता है और छिलके से कागज तैयार कैसे करना है, उद्योग कैसे स्थापित करना है, उसके बारे में प्रशिक्षण देंगे. जिसके बाद शिक्षक अपने स्कूल में प्लांटेशन करेंगे.

प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश
प्लांटेशन करने के बाद जानकारी बच्चे को देंगे. जिससे कृषि के बारे में जानकारी स्कूल लेवल से ही बच्चे समझ पाएंगे. उन्हें कैसे कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ना है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने कार्यालय में शिक्षकों के साथ बैठक की. बैठक में विज्ञान शिक्षकों को सिल्क के उत्पाद को बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने का भी निर्देश दियाय

इसके अलावा शैक्षणिक सत्र 2020-2021 में कक्षा 6 से 10 तक के सभी विद्यालयों को विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट और इनोवेशन को इंस्पायर अवार्ड के ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया.

भागलपुर: देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई है. नई शिक्षा नीति के तहत कृषि शिक्षा को मिडिल स्कूल स्तर पर भी अब पढ़ाया जाएगा. सरकार का प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को पढ़ाया जाए. जिससे बच्चे कृषि के संबंध में जानकारी के साथ-साथ कृषि से संबंधित उद्योग कैसे स्थापित किए जाए, उसके बारे में जान सके.

कृषि विशेषज्ञ से चर्चा
स्कूली बच्चों के लिए स्कूल में ही कृषि और पर्यावरण विषय के अंतर्गत पौधे लगाना और पौधे के बीज कैसे तैयार करना है, उसके बारे में बताया जाएगा. इसको लेकर भागलपुर शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए कृषि विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों से बातचीत की है.

बच्चों को देंगे जानकारी
जिले में रेशम के कीट कैसे तैयार किए जाते हैं और केले के छिलके से धागा और कागज तैयार कैसे किए जा सकते हैं और उसके उद्योग को स्थापित करने के बारे में जानकारी देंगे. उस जानकारी को अपने स्कूल में प्लांटेशन कर बच्चे को जानकारी देंगे.

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मौके पर मौजूद अधिकारी

क्या कहते हैं अधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि आने वाले दिनों में नई शिक्षा नीति के तहत मिडिल स्कूल स्तर पर ही कृषि शिक्षा बच्चों को दिया जाएगा. उसको लेकर कृषि वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ से बातचीत हुई है. वो जिले के सरकारी स्कूल के विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार हो गए हैं.

स्कूल में करेंगे प्लांटेशन
संजय कुमार ने कहा कि जिले में रेशम बृहद पैमाने पर तैयार होते हैं. उनके कीट कैसे पत्ते पर कोकून तैयार करते हैं. साथ ही यहां पर केले की खेती भी बृहद रूप में होती है. केले के छिलके से कैसे रेशा तैयार किया जा सकता है और छिलके से कागज तैयार कैसे करना है, उद्योग कैसे स्थापित करना है, उसके बारे में प्रशिक्षण देंगे. जिसके बाद शिक्षक अपने स्कूल में प्लांटेशन करेंगे.

प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश
प्लांटेशन करने के बाद जानकारी बच्चे को देंगे. जिससे कृषि के बारे में जानकारी स्कूल लेवल से ही बच्चे समझ पाएंगे. उन्हें कैसे कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ना है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने कार्यालय में शिक्षकों के साथ बैठक की. बैठक में विज्ञान शिक्षकों को सिल्क के उत्पाद को बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने का भी निर्देश दियाय

इसके अलावा शैक्षणिक सत्र 2020-2021 में कक्षा 6 से 10 तक के सभी विद्यालयों को विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट और इनोवेशन को इंस्पायर अवार्ड के ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया.

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