भागलपुर: बिहार के भागलपुर (Bhagalpur) जिले में गंगा नदी के जलस्तर (Water Level Of Ganga) में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की जा रही है. फिलहाल जलस्तर खतरे के निशान से महज 5 सेंटीमीटर नीचे है. जलस्तर बढ़ने के कारण नाथनगर प्रखंड के दियारा और गंगा के सटे इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. धीरे-धीरे गांवों में पानी घुसना शुरु हो गया है. ऐसे में यहां के लोग पलायन को मजबूर हो गये हैं. बाढ़ प्रभावित लोग निजी नाव या किराए पर नाव को लेकर घर के सामान को सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं.
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गंगा का जलस्तर बढ़ने से जिले के नाथनगर के रतिपुर बैरिया, शंकरपुर दियारा के ज्यादातर गांव जलमग्न हो गये हैं. दिलदारपुर, अजमेरीपुर, मोहनपुर, बिशनपुर रसीदपुर में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. जबकि श्रीरामपुर, गोलाहू, राघोपुर, माधवपुर, मोदीपुर, नवटोलिया, मिर्जापुर, मथुरापुर, मुरारपुर समेत दर्जनभर से ज्यादा गांव के लोग धीरे-धीरे पलायन करना शुरू कर दिए हैं. लोग अपने घर के समान को लेकर सुरक्षित स्थान के लिए जाने लगे हैं.
बाढ़ प्रभावित लोग शहरी क्षेत्र के सीटीएस के पास टीएनबी कॉलेजिएट विश्वविद्यालय परिसर के तिलहाकोठी कॉलेज परिसर को लोगों ने अपना अस्थायी ठिकाना बनाया हुआ है. वहीं दियारा क्षेत्र में 25 फ़ीसदी ऐसे घर हैं जो ऊंचे स्थान पर बने हैं. वहां अभी बाढ़ का पानी नहीं घुसा है लेकिन खेत जलमग्न हो गये हैं. बाढ़ का पानी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के पीछे के हिस्से में भी घुस गया है. धीरे-धीरे पूरे प्रशासनिक परिषद में फैलना शुरू हो गया है.
बाढ़ प्रभावित लोग अपने निजी नाव या किराए पर नाव को लेकर घर के सामान को लेकर सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं. सरकारी स्तर पर अभी तक नाव की सुविधा और प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. लोग जैसे तैसे अपने छोटे-छोटे बच्चे और घर से कुछ सूखा राशन पानी लेकर सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हैं. वहीं अभी तक प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को किसी तरह की सहायत नहीं मिली है. ऐसे में लोगों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश भी बढ़ रहा है.
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'दिलदारपुर दियारा गांव में करीब एक हजार परिवार प्रभावित हैं. सभी के घरों में पानी घुस गया है. कुछ लोग वहां अपने छत पर तंबू गाड़ कर रह रहे हैं. जिनके मिट्टी के घर हैं. वहां से अपने घर के सामान को निकाल कर निजी नाव के सहारे ऊंचे स्थान पर जा रहे हैं. सरकार ने अब तक कोई सहायता नहीं की है, ना हीं प्रशासन का कोई अधिकारी देखने भी नहीं पहुंचा है.' :- सरवन महतो, बाढ़ पीड़ित, दिलदारपुर दियारा
वहीं बाढ़ पीड़ित उषा देवी ने बताया कि उनका गांव दिलदारपुरका बिंद टोली है. अभी गांव पूरी तरह से पानी में डूब गया है. इसलिए वे वहां से भागकर विश्वविद्यालय के टिलहा कोठी में रहने के लिए आई हैं. उन्होंने कहा कि यहां पर ना बिजली की व्यवस्था है, ना पानी के पीने की व्यवस्था है और ना खाने की व्यवस्था है. हम लोग जैसे तैसे अपना प्लास्टिक लगाकर खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं.
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'हम लोगों का घर पूरी तरह से डूब गया है. उन्होंने कहा कि जहां तहां हम लोग जा रहे हैं. कहीं पर ऊंचा स्थान या रोड पर रहेंगे. अब तक प्रशासन से कोई सहायता नहीं मिली है, ना ही कोई देखना आया है. जहां हम लोग रह रहे हैं वहां काफी अंधेरा है. बिजली-पानी की कोई व्यवस्था नही हैं.' :- विमला देवी, बाढ़ पीड़ित, दिलदारपुर दियारा
बता दें कि भागलपुर में पिछले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 18 सेंटीमीटर बढ़ा है. कहलगांव में गंगा का जलस्तर 31.09 मीटर है जो खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर ऊपर है. दियारा इलाका में हजारों एकड़ में लगी फसलें डूब गई है. प्रशासनिक स्तर पर कहीं पर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए रहने के लिए आश्रय स्थल अब तक नहीं बनाया गया है. प्रभावित परिवारों को सूखा राशन भी मुहैया नहीं कराया गया है. लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं.