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भागलपुर: गंगा के बढ़ते जलस्तर में डूबे कई गांव और शहर, नहीं मिल रही सरकारी मदद

दियारा गांव के लोग अपना गांव छोड़कर जाने को मजबूर हैं. पानी के कारण दियारा के निचले इलाकों के हजारों एकड़ में लगी मक्का, परवल, कद्दू, करेला, भिंडी आदि की फसलें बर्बाद हो गई हैं. वहीं, सुल्तानगंज से लेकर पीरपैंती तक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

भागलपुर में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर
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Published : Aug 24, 2019, 7:28 PM IST

भागलपुर: जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब तक इससे कई गांव प्रभावित हो गए हैं. बावजूद इसके अभी तक कोई सरकारी मदद मुहैया नहीं करवाई गई है. गंगा की बात करें तो अब ये खतरे के निशान को पार करने वाली है. जहां इसका खतरे का निशान 33.68 मीटर था. वहीं अब ये निशान 33.13 मीटर हो गया है.

bhagalpur
नहीं मिली है सरकारी मदद

गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर
दरअसल, गंगा नदी का जलस्तर प्रति घंटा बढ़ रहा है. इस कारण जिले में भी गंगा नदी उफान पर है. लगातार जलस्तर के बढ़ने से भागलपुर के तटवर्ती शहरी इलाकों में पानी भर गया है. बताया गया है कि शहर के प्रसिद्ध बुद्धानाथ मंदिर का पार्क पूरी तरह से डूब चुका है. वहीं, शनिवार को गंगा अपने खतरे के निशान को भी पार कर चुकी है. इससे कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं.

bhagalpur
डूब गये गांव-शहर

नदी ने मचाया हाहाकार
दियारा गांव के लोग अपना गांव छोड़कर जाने को मजबूर हैं. पानी के कारण दियारा के निचले इलाकों के हजारों एकड़ में लगी मक्का, परवल, कद्दू, करेला, भिंडी आदि की फसलें बर्बाद हो गई हैं. वहीं, सुल्तानगंज से लेकर पीरपैंती तक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा नाथनगर प्रखंड के दियारा क्षेत्र का शंकरपुर, दीनदयालपुर, अजमेरीपुर, बलिया, रसलपुर, गोसाईदासपुर और शंकरपुर चौवनिया के दर्जन भर गांव पूरी तरह से डूब गये हैं.

गंगा नदी खतरे के निशान के पार

नहीं आई सरकारी मदद
स्थानीय लोगों ने बताया कि वो यहां पशु चारा के लिए आई हैं. दियारा में उनका घर और आसपास की जगह पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है. वहां कोई सरकारी व्यवस्था नहीं आई है. उन्होंने कहा कि अभी वह जिस नाव से आई हैं वह भी प्राइवेट नाव है. सरकार की तरफ से अभी तक कोई नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं, एक दूसरी महिला ने बताया कि वो शंकरपुर दियारा की रहने वाली हैं. उनके घर भी पानी में डूब गए हैं. इसके अलावा अगल-बगल के घरों में भी पानी भर गया है. वहां कोई रहने की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से वहां के लोगों को निकालने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. पानी भरने से ऐसे हालात हैं कि अब बाल-बच्चों के साथ कहीं ऊंचे स्थान पर तंबू डालकर रहना पडे़गा.

भागलपुर: जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब तक इससे कई गांव प्रभावित हो गए हैं. बावजूद इसके अभी तक कोई सरकारी मदद मुहैया नहीं करवाई गई है. गंगा की बात करें तो अब ये खतरे के निशान को पार करने वाली है. जहां इसका खतरे का निशान 33.68 मीटर था. वहीं अब ये निशान 33.13 मीटर हो गया है.

bhagalpur
नहीं मिली है सरकारी मदद

गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर
दरअसल, गंगा नदी का जलस्तर प्रति घंटा बढ़ रहा है. इस कारण जिले में भी गंगा नदी उफान पर है. लगातार जलस्तर के बढ़ने से भागलपुर के तटवर्ती शहरी इलाकों में पानी भर गया है. बताया गया है कि शहर के प्रसिद्ध बुद्धानाथ मंदिर का पार्क पूरी तरह से डूब चुका है. वहीं, शनिवार को गंगा अपने खतरे के निशान को भी पार कर चुकी है. इससे कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं.

bhagalpur
डूब गये गांव-शहर

नदी ने मचाया हाहाकार
दियारा गांव के लोग अपना गांव छोड़कर जाने को मजबूर हैं. पानी के कारण दियारा के निचले इलाकों के हजारों एकड़ में लगी मक्का, परवल, कद्दू, करेला, भिंडी आदि की फसलें बर्बाद हो गई हैं. वहीं, सुल्तानगंज से लेकर पीरपैंती तक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा नाथनगर प्रखंड के दियारा क्षेत्र का शंकरपुर, दीनदयालपुर, अजमेरीपुर, बलिया, रसलपुर, गोसाईदासपुर और शंकरपुर चौवनिया के दर्जन भर गांव पूरी तरह से डूब गये हैं.

गंगा नदी खतरे के निशान के पार

नहीं आई सरकारी मदद
स्थानीय लोगों ने बताया कि वो यहां पशु चारा के लिए आई हैं. दियारा में उनका घर और आसपास की जगह पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है. वहां कोई सरकारी व्यवस्था नहीं आई है. उन्होंने कहा कि अभी वह जिस नाव से आई हैं वह भी प्राइवेट नाव है. सरकार की तरफ से अभी तक कोई नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं, एक दूसरी महिला ने बताया कि वो शंकरपुर दियारा की रहने वाली हैं. उनके घर भी पानी में डूब गए हैं. इसके अलावा अगल-बगल के घरों में भी पानी भर गया है. वहां कोई रहने की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से वहां के लोगों को निकालने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. पानी भरने से ऐसे हालात हैं कि अब बाल-बच्चों के साथ कहीं ऊंचे स्थान पर तंबू डालकर रहना पडे़गा.

Intro:गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है ,जिस कारण भागलपुर जिले में गंगा उफान पर है ,लगातार जलस्तर में वृद्धि होने के कारण भागलपुर के तटवर्ती शहरी इलाके में पानी फैल गया है ,शहर के प्रसिद्ध बुढ़ानाथ मंदिर के पार्क पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गया है । जिले में गंगा नदी का जलस्तर प्रति घंटा बढ़ रहा है शनिवार दोपहर तक जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है । जिस कारण तटवर्ती इलाकों में धीरे-धीरे पानी फैल रहा है । जिले के दियारा के दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गया है । बाढ़ के खतरे को देखते हुए दियारा क्षेत्र के लोग अब अपने घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर पलायन करने लगे हैं । जिले के सुल्तानगंज से लेकर पीरपैंती तक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है । दियारा के निचले इलाकों के हजारों एकड़ में लगी मक्का , परवल, कद्दू ,करेला ,भिंडी आदि की फसलें बर्बाद हो गई है जो पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गया है । नाथनगर प्रखंड के दियारा क्षेत्र का शंकरपुर ,दीनदयालपुर ,अजमेरीपुर ,बलिया, रसलपुर ,गोसाईदासपुर ,शंकरपुर चौवनिया का दर्जन भर गांव टापू में तब्दील हो गया है , धीरे-धीरे वहां से लोग निकलना शुरू कर दिए हैं ।

गंगा का जलस्तर

खतरे का निशान मीटर में - 33.68
वर्तमान जलस्तर - 33.13
खतरे के निशान से दूरी मीटर में - 00.55


Body:सुगनी देवी ने बताया कि वे यहां पशु चारा के लिए आई है दियारा में उनका घर और आसपास पूरी तरह से पानी में डूब गया है वहां कोई व्यवस्था नहीं है उन्होंने कहा कि अभी वह जिस नाम से आई है वह प्राइवेट नाउ है सरकार द्वारा अभी तक कोई सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं किया गया है जिस कारण उन्हें खर्च कर कर आना पड़ रहा है ।


अनीता देवी ने बताया कि वे शंकरपुर दियारा की रहने वाली है उनके घर में और अगल-बगल पूरी तरह से पानी भर गया है वहां कोई व्यवस्था रहने के लिए नहीं है उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा वहां के लोगों को निकालने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं किया गया है वह आज अपने बाल बच्चों के साथ बाजार आई है कहीं ऊंचे स्थान पर देख कर तंबू डालकर रहेगी ।


Conclusion:visual
PTC
byte - झालो देवी ( पीड़ित महिला )
byte - रेखा देवी ( पीड़ित महिला )
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