भागलपुरः गंगा में लगातार जलस्तर बढ़ोतरी से बाढ़ का पानी जिले समेत कई इलाकों में प्रवेश कर गया है. इससे गांव के लगभग 2 लाख लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. साथ ही साथ लगातार हो रही बारिश से गंगा खतरे के निशान से 56 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जो हाई फ्लड लेवल से सिर्फ 48 सेंटीमीटर नीचे है.
गांव और घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोग सड़कों पर जीवन-यापन करने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल पाई है.
विभागाध्यक्षों को अलर्ट रहने का निर्देश
सरकार की पहल पर फरक्का बराज के कुछ दरवाजों को खोला गया था. जिससे गंगा के जलस्तर में कुछ कमी आ सके. लेकिन फरक्का बराज को खोलने के बाद भी जलस्तर में कोई कमी देखने को नहीं मिली. वहीं, लगातार बारिश से नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. बिगड़ते हालात को देखते हुए जिलाधिकारी ने 72 घंटों के लिए अलर्ट जारी कर सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. वहीं दूसरी ओर सभी विभाग के विभागाध्यक्षों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है.
पीड़ितों की दलील
पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ का पानी गांवों के साथ-साथ घरों में घुस गया है. इसकी वजह से लोग अपने छत पर मवेशियों के साथ जिंदगी गुजारने को मजबूर है. वहीं कुछ लोग एनएच 80 पर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. लोगों का कहना है कि यहां सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं पहुंचाई गई है. लगातार हो रही बारिश ने जिंदगी को मुश्किल बना दिया है.
क्या हैं इनका कहना?
जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि गंगा के वाटर फ्लोर को कंट्रोल करने और वाटर लेवल को मेंटेन करने के लिए फरक्का के विनय गेटों को खोला गया था. इसके बाद भी गंगा का जलस्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है. उन्होंने गंगा के जलस्तर में धीरे-धीरे कमी की उम्मीद जताई है. साथ ही बाढ़ पीड़ितों तक राहत और बचाव कार्यों को पहुंचाने की बात कही है.