भागलपुर: जिले में प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर की व्यवस्था की है. प्रशासन की तरफ से यहां दो बार भोजन और एक बार नास्ता दिया जाना है. मेडिकल के तौर पर 27 तरह की दवाइयों की व्यवस्था की बात की गई है. जबकि बच्चों के लिए अलग से व्यवस्था करने का दावा किया गया है. लेकिन हकीकत कुछ और ही है. शिविर में रहने वाले लोगों का कहना है कि व्यवस्था के दावों के अनुसार कार्य नहीं हो रहा है.
गर्भवती महिला को नहीं दी गई दवा
शहर के टिल्लहा कोठी के राहत शिविर में रह रही गर्भवती महिला कुसमी देवी ने बताया कि उनकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है. प्रशासन की तरफ से कोई भी दवा नहीं दी गई है. वहीं, दूसरी महिला ने बताया कि इस शिविर में गर्भवती महिलाओं के लिए कोई भी अलग से व्यवस्था नहीं की गई है.
शिविर में शुद्ध पेयजल की कमी
शिविर में ही रह रही एक और गर्भवती महिला ने बताया कि एक दिन पहले आशा कार्यकर्ता आई थी. तब आशा कार्यकर्ता ने गर्भवती महिलाओं की जांच कराने की बात कहकर चली गई. लेकिन अब तक कोई नहीं आया. शिविर की महिला किरण देवी ने कहा कि यहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है.
मच्छरों से परेशान हैं लोग
राहत शिविर में 10 दिनों से रह रहे जुगल मंडल ने बताया कि राहत शिविर में प्लास्टिक के फट जाने से बारिश होने पर पानी टपकता है. कल ही नया प्लास्टिक को बांधकर पानी को टपकने से रोका गया है. उन्होंने बताया कि लगातार बारिश से मच्छरों की तादाद बढ़ गई है. जिससे सोने में काफी परेशानी होती है. वहीं, खाने की गुणवक्ता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि खाना बढ़िया मिलता है.
डीएम ने दी जानकारी
इस बारे में डीएम ने बताया कि बाढ़ पीड़ित के लिए 13 राहत शिविर सहित 26 सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा है. 20 टैंकरों से पानी राहत शिविर तक पहुंचाए जा रहे हैं. चार मोबाइल टॉयलेट और 2 वाटर एटीएम लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 263 प्रेगनेंट महिलाओं की पहचान की गई है. जिसमें से 86 राहत कैंप में रह रही है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं को एक्सपेक्टेड डिलेवरी से पहले अस्पताल में भर्ती करने का निर्देश दे दिया गया है.