ETV Bharat / state

भागलपुर के अमित ने बनाया ऐसा रोबोट, जो कोरोना संक्रमण रोकने में साबित होगा मददगार - robot for fighting with corona virus

भागलपुर के आईआईटियन अमित कुमार ने कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए एक रोबोट बनाया है. जिसके जरिए तेजी से फैल रहे संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी.

डिजाइन इमेज
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Jun 28, 2020, 8:29 PM IST

भागलपुर(कहलगांव): कोरोना संक्रमण से पूरा विश्व जूझ रहा है. तमाम सुविधाओं के बावजूद अब तक न ही वैक्सीन का निर्माण नहीं हो सका है और न ही इससे लड़ने के लिए कोई दवा कारगर साबित हुई. स्वास्थ्य कर्मी जान हथेली पर लेकर कोरोना मरीजों की देखभाल कर रहे हैं. ऐसे में उन पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. इस समस्या को देखते हुए जिले के आईआईटियन ने एक रोबोट का निर्माण किया है जो कोरोना से लड़ने में मददगार साबित होगा.

bgp
कोरोना से लड़ेगा रोबोट

भागलपुर अंतर्गत कहलगांव प्रखंड के लालापुर के रहने वाले आईआईटियन अमित कुमार ने रोबोटिक यूवी जर्मीसाइडल लैंप बनाया है. जिसकी रोशनी से कोरोना वायरस से निजात मिल सकता है. आईआईटियन अमित कुमार का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण कई ऐसे चीजों में है, जिसे हम धो नहीं सकते. इसलिए हमने रोबोटिक यूवी जर्मीसाइडल लैंप बनाया है जो अपनी रोशनी से वायरस को मारकर चीजों को डिसइनफेक्ट कर सकता है.

bgp
आईआईटियन ने बनाया कोरोना के खिलाफ लड़ने वाला रोबोट

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कर रहे कार्य
अमित कुमार कहते हैं कि उन्होंने इस टेक्नोलॉजी को चाइना में इस्तेमाल होते हुए देखा था. आने वाले दिनों में इसे वे भागलपुर के ऑफिस और शॉपिंग मॉल के लिए बनाना चाह रहे हैं. बेंगलुरु में इस तकनीक से बने रोबोट का पहले ही इस्तेमाल किया जा रहा है. अमित की मानें तो कॉरपोरेट ऑफिस में भी रोबोटिक यूवी जर्मी साइडल लैंप का इस्तेमाल कर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. हालांकि मानव शरीर के लिए यह खतरनाक है.

bgp
मशीनों को लाइट से करेगा डिसइनफेक्ट

स्थापित किया है खुद का लैब
खड़गपुर से आईआईटी करने वाले अमित कुमार ने भागलपुर में स्टेपअपीफाय लैब स्थापित किया है. यह लैब मुख्य रूप से रोबोट और भविष्य की विकसित टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट से जुड़े हुए हैं. इस लैब के बैनर तले कैरियर इंस्टिट्यूट की भी शुरुआत की गई है. जिसमें रिसर्च एंड डेवलपमेंट भी है. इस इंस्टीट्यूट में छठी क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चों को नए-नए टेक्नोलॉजी के बारे जानकारी दी जाएगी. उनके इस रिसर्च लैब में उनकी पत्नी और परिवार का भी सहयोग मिल रहा है.

bgp
अमित कुमार, आईआईटियन

40 हजार की लागत से हो सकेगा तैयार
अमित कुमार ने साल 2013 में खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. मौजूदा समय में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इंजीनियर अमित कुमार ने लो बजट रोबोट तैयार किया है. इसकी लागत 40 हजार रुपये तक आएगी. इस रोबोट में कैमरा, सेंसर, स्पीकर और एक छोटी सी टंकी है. इस टंकी में सैनिटाइजर होगा. इस रोबोट को 15 मीटर की दूरी से ऑपरेट किया जा सकेगा.

युवा आईआईटियन को सरकार से उम्मीद
युवा आईआईटियन अमित कुमार की इस टेक्नोलॉजी को मध्य रेलवे रायपुर में ट्रायल के तौर पर लिया गया है. जहां पर सफलतापूर्वक रोबोटिक टेक्नोलॉजी का ट्रायल पूरा हो गया है. इंजीनियर अमित कुमार का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए काफी ज्यादा उपयोगी है. उनका उद्देश्य है कि जिस टेक्नोलॉजी को बड़े-बड़े संस्थानों में सिखाया जाता है, उसे गांव के बच्चों को भी सीखना चाहिए.

देखें खास रिपोर्ट

रिसर्च के दौरान पत्नी और परिवार वालों का मिल रहा सहयोग
इंजीनियर अमित कुमार बताते हैं कि इस कार्य में उन्हें परिवार वालों का काफी ज्यादा सहयोग मिला. परिवार को उनके इस रिसर्च पर भरोसा था कि थोड़ा वक्त जरूर लगेगा लेकिन परिणाम बेहतर आएंगे. अमित कुमार की पत्नी अलका रंजन सिंह भी इस पूरी तकनीक को अच्छे से जानती हैं और अपने पति के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं.

भागलपुर(कहलगांव): कोरोना संक्रमण से पूरा विश्व जूझ रहा है. तमाम सुविधाओं के बावजूद अब तक न ही वैक्सीन का निर्माण नहीं हो सका है और न ही इससे लड़ने के लिए कोई दवा कारगर साबित हुई. स्वास्थ्य कर्मी जान हथेली पर लेकर कोरोना मरीजों की देखभाल कर रहे हैं. ऐसे में उन पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. इस समस्या को देखते हुए जिले के आईआईटियन ने एक रोबोट का निर्माण किया है जो कोरोना से लड़ने में मददगार साबित होगा.

bgp
कोरोना से लड़ेगा रोबोट

भागलपुर अंतर्गत कहलगांव प्रखंड के लालापुर के रहने वाले आईआईटियन अमित कुमार ने रोबोटिक यूवी जर्मीसाइडल लैंप बनाया है. जिसकी रोशनी से कोरोना वायरस से निजात मिल सकता है. आईआईटियन अमित कुमार का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण कई ऐसे चीजों में है, जिसे हम धो नहीं सकते. इसलिए हमने रोबोटिक यूवी जर्मीसाइडल लैंप बनाया है जो अपनी रोशनी से वायरस को मारकर चीजों को डिसइनफेक्ट कर सकता है.

bgp
आईआईटियन ने बनाया कोरोना के खिलाफ लड़ने वाला रोबोट

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कर रहे कार्य
अमित कुमार कहते हैं कि उन्होंने इस टेक्नोलॉजी को चाइना में इस्तेमाल होते हुए देखा था. आने वाले दिनों में इसे वे भागलपुर के ऑफिस और शॉपिंग मॉल के लिए बनाना चाह रहे हैं. बेंगलुरु में इस तकनीक से बने रोबोट का पहले ही इस्तेमाल किया जा रहा है. अमित की मानें तो कॉरपोरेट ऑफिस में भी रोबोटिक यूवी जर्मी साइडल लैंप का इस्तेमाल कर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. हालांकि मानव शरीर के लिए यह खतरनाक है.

bgp
मशीनों को लाइट से करेगा डिसइनफेक्ट

स्थापित किया है खुद का लैब
खड़गपुर से आईआईटी करने वाले अमित कुमार ने भागलपुर में स्टेपअपीफाय लैब स्थापित किया है. यह लैब मुख्य रूप से रोबोट और भविष्य की विकसित टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट से जुड़े हुए हैं. इस लैब के बैनर तले कैरियर इंस्टिट्यूट की भी शुरुआत की गई है. जिसमें रिसर्च एंड डेवलपमेंट भी है. इस इंस्टीट्यूट में छठी क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चों को नए-नए टेक्नोलॉजी के बारे जानकारी दी जाएगी. उनके इस रिसर्च लैब में उनकी पत्नी और परिवार का भी सहयोग मिल रहा है.

bgp
अमित कुमार, आईआईटियन

40 हजार की लागत से हो सकेगा तैयार
अमित कुमार ने साल 2013 में खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. मौजूदा समय में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इंजीनियर अमित कुमार ने लो बजट रोबोट तैयार किया है. इसकी लागत 40 हजार रुपये तक आएगी. इस रोबोट में कैमरा, सेंसर, स्पीकर और एक छोटी सी टंकी है. इस टंकी में सैनिटाइजर होगा. इस रोबोट को 15 मीटर की दूरी से ऑपरेट किया जा सकेगा.

युवा आईआईटियन को सरकार से उम्मीद
युवा आईआईटियन अमित कुमार की इस टेक्नोलॉजी को मध्य रेलवे रायपुर में ट्रायल के तौर पर लिया गया है. जहां पर सफलतापूर्वक रोबोटिक टेक्नोलॉजी का ट्रायल पूरा हो गया है. इंजीनियर अमित कुमार का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए काफी ज्यादा उपयोगी है. उनका उद्देश्य है कि जिस टेक्नोलॉजी को बड़े-बड़े संस्थानों में सिखाया जाता है, उसे गांव के बच्चों को भी सीखना चाहिए.

देखें खास रिपोर्ट

रिसर्च के दौरान पत्नी और परिवार वालों का मिल रहा सहयोग
इंजीनियर अमित कुमार बताते हैं कि इस कार्य में उन्हें परिवार वालों का काफी ज्यादा सहयोग मिला. परिवार को उनके इस रिसर्च पर भरोसा था कि थोड़ा वक्त जरूर लगेगा लेकिन परिणाम बेहतर आएंगे. अमित कुमार की पत्नी अलका रंजन सिंह भी इस पूरी तकनीक को अच्छे से जानती हैं और अपने पति के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.