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भागलपुर: सरकारी दफ्तरों में धड़ल्ले से बर्बाद हो रही बिजली, कार्यालय में बिना काम के चलते मिले एसी और पंखे - एमबीए कार्यलय

भागलपुर में अधिकारियों के ऊपर मुख्य सचिव के दिशा निर्देश और टास्क का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है. खाली दफ्तरों में चल रहे हैं एसी, पंखे और जल रही है एलईडी बल्ब. निर्देशों की जमकर उड़ाई जा रही हैं धज्जियां.

सरकारी दफ्तरों में बिजली की बर्बादी
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Published : Sep 9, 2019, 7:16 PM IST

भागलपुरः सरकारी दफ्तरों में बिजली खपत कम करने की योजना 2 अक्टूबर से लागू होनी है. जिसके लिए मानिटरिंग सितंबर से ही शुरू कर दी गई है. इसके बावजूद अफसरों द्वारा फिजूल बिजली खर्च जारी है. दरअसल बीते 6 सितंबर को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिले के डीएम और एसपी को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बिजली बचाने का टास्क सौंपा था. जिसका कोई असर अधिकारी और कर्मचारी पर देखने को नहीं मिल रहा है.

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खाली कमरे में जल रहे बल्ब और चल रहा पंखा

'कर्मचारियों पर कोई असर नहीं'
भागलपुर के एमबीआई कार्यालय में अफसर तो मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके दफ्तर में पंखे ऐसे ही चल रहे थे, इतना ही नहीं वेवजह कमरे की बत्ती भी जल रही ती. वहीं दफ्तर में अधिकारी कब आएंगे इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन कमरे में दिनभर पंखे, एलईडी बल्ब जल रहे हैं. जिसकी किसी को कोई परवाह नहीं है. वहीं डीटीओ कार्यालय में भी साहब कुर्सी पर नहीं थे, लेकिन एसी चल रहा था. ऐसे में साफ जाहिर है कि मुख्य सचिव के निर्देश का कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है.

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कार्यालय में खिड़की बंद कर काम करते कर्मचारी

'सचिव ने क्या निर्देश दिए थे'
बीते 6 सितंबर को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिले के डीएम और एसपी को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बिजली बचाने का टास्क सौंपा था, जिसमें बिजली के खर्च को आधा करने का निर्देश दिया गया था. मुख्य सचिव का कहना था कि अफसर के नहीं रहने पर उनके कमरे में बिजली के उपकरणों को बंद रखा जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अगर दफ्तर में खिड़कियों पर लगे पर्दे हटाकर काम किया जाए तो बल्ब जलाने की जरूरत खत्म हो जाएगी. इससे बिजली की भी बचत हो सकेगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पवन कुमार फौजी की दलील'
भागलपुर प्रमंडलीय अध्यक्ष पवन कुमार फौजी ने कहा कि भागलपुर के डीटीओ और एमबीए कार्यालय का काम काफी पुरानी बिल्डिंग में चल रहा है. इसमें खिड़की नहीं होने के कारण लाइट जल रही है. वहीं अधिकारी की गैरमौजूदगी में चल रहे एसी, पंखे और जल रही लाइटों के बारे में उन्होंने अफसरों की लापरवाही बताई. उन्होंने इस तरह की फिजूल बिजली खर्च को रोकने की बात कही.

भागलपुरः सरकारी दफ्तरों में बिजली खपत कम करने की योजना 2 अक्टूबर से लागू होनी है. जिसके लिए मानिटरिंग सितंबर से ही शुरू कर दी गई है. इसके बावजूद अफसरों द्वारा फिजूल बिजली खर्च जारी है. दरअसल बीते 6 सितंबर को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिले के डीएम और एसपी को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बिजली बचाने का टास्क सौंपा था. जिसका कोई असर अधिकारी और कर्मचारी पर देखने को नहीं मिल रहा है.

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खाली कमरे में जल रहे बल्ब और चल रहा पंखा

'कर्मचारियों पर कोई असर नहीं'
भागलपुर के एमबीआई कार्यालय में अफसर तो मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके दफ्तर में पंखे ऐसे ही चल रहे थे, इतना ही नहीं वेवजह कमरे की बत्ती भी जल रही ती. वहीं दफ्तर में अधिकारी कब आएंगे इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन कमरे में दिनभर पंखे, एलईडी बल्ब जल रहे हैं. जिसकी किसी को कोई परवाह नहीं है. वहीं डीटीओ कार्यालय में भी साहब कुर्सी पर नहीं थे, लेकिन एसी चल रहा था. ऐसे में साफ जाहिर है कि मुख्य सचिव के निर्देश का कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है.

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कार्यालय में खिड़की बंद कर काम करते कर्मचारी

'सचिव ने क्या निर्देश दिए थे'
बीते 6 सितंबर को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिले के डीएम और एसपी को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बिजली बचाने का टास्क सौंपा था, जिसमें बिजली के खर्च को आधा करने का निर्देश दिया गया था. मुख्य सचिव का कहना था कि अफसर के नहीं रहने पर उनके कमरे में बिजली के उपकरणों को बंद रखा जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अगर दफ्तर में खिड़कियों पर लगे पर्दे हटाकर काम किया जाए तो बल्ब जलाने की जरूरत खत्म हो जाएगी. इससे बिजली की भी बचत हो सकेगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पवन कुमार फौजी की दलील'
भागलपुर प्रमंडलीय अध्यक्ष पवन कुमार फौजी ने कहा कि भागलपुर के डीटीओ और एमबीए कार्यालय का काम काफी पुरानी बिल्डिंग में चल रहा है. इसमें खिड़की नहीं होने के कारण लाइट जल रही है. वहीं अधिकारी की गैरमौजूदगी में चल रहे एसी, पंखे और जल रही लाइटों के बारे में उन्होंने अफसरों की लापरवाही बताई. उन्होंने इस तरह की फिजूल बिजली खर्च को रोकने की बात कही.

Intro:अफसर दफ्तर में मौजूद नहीं है लेकिन उनके दफ्तर में पंखे कुर्सी को ठंडक दे रहे हैं और एलईडी लाइट उनके कमरे में रोशनी कर रहा है । जी हां यह हाल है भागलपुर के एमबीआई साहब के दफ्तर का । एमबीआई साहब कब आएंगे इसके बारे में किसी को पता नहीं ,लेकिन दिनभर पंखे ,एलईडी बल्ब और ट्यूबलाइट जल रहे हैं । किसी को कोई परवाह नहीं ।

वही डीटीओ ऑफिस में भी साहब कुर्सी पर है नहीं और ऐसी चल रहा हैं , साहब के कुर्सी के पीछे खिड़की है जिस पर पर्दा लगा हुआ है जिसे हटा कर भी वहां काम कर कर्मचारी काम कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है दफ्तर में ऐसी , ट्यूबलाइट और एलईडी बल्ब जल रहे हैं ।.

यदि डीटीओ व अन्य अधिकारी के गैरमौजूदगी में ऐसी चलते हैं तो मामले की जांच होनी चाहिए ।

बीते 6 सितंबर को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिले के डीएम और एसपी को वीडियो कांफ्रेंस करके बिजली बचाने का टैक्स सौंपा है और बिजली के खर्च को आधे करने का निर्देश दिया । मुख्य सचिव ने कहा है कि अफसर के नहीं रहने पर उनके कमरे में बिजली के उपकरणों को बंद रखा जाना चाहिए । मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि अगर दफ्तर में खिड़कियों पर लगे पर्दे हटाकर काम करें तो बल्ब जलाने की जरूरत खत्म हो जाएगी ।

हालांकि सरकारी दफ्तरों में बिजली खपत घटाने की योजना 2 अक्टूबर से लागू होगी ,लेकिन मॉनिटरिंग सितंबर से ही शुरू कर दी गई है ।इसके बावजूद अफसरों द्वारा फिजूल बिजली के खर्च जारी है । अधिकारी के ऊपर मुख्य सचिव के दिशा निर्देश और टाक्स का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है ।


शहर में बिजली की डिमांड काफी है बिजली किल्लत को लेकर कुछ दिनों पहले दर्जनभर से अधिक प्रदर्शन भी हुए ।


Body:जिन पर विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी है यदि वे लोग ही बिजली की फिजूलखर्ची नहीं रोकते हैं और लोगों से बचत की उम्मीद करते हैं तो यह कितना वाजिब है । जिस अधिकारी ने अपने कमरों में ऐसी लगाया हुआ है यह अफसर अपने कार्यालय में बैठे हो या ना बैठे हो यहां का ऐसी कभी बंद नहीं होता जबकि बिजली की सबसे ज्यादा खपत ऐसी में ही होता है । ऐसी बढ़ने की वजह से पिछले साल की तुलना में इस साल गर्मियों में ओवरलोड के चलते ट्रिपिंग के कारण और ऊपर से तय रोस्टर के अलावा स्थानीय स्तर पर भी लोगों को बिजली की अतिरिक्त कटौती झेलनी पड़ी है । इसके बावजूद अधिकारी गैर जिम्मेदार बने हुए हैं ।


बिहार राज्य परिवहन मित्र कामगार संघ भागलपुर प्रमंडल प्रमंडलीय अध्यक्ष पवन कुमार फौजी ने कहा कि भागलपुर का डीटीओ ऑफिस और एमबीए ऑफिस काफी पुराना बिल्डिंग में चल रहा है इसमें खिड़की नहीं होने के कारण लाइट जल रही है,

जब उनसे पूछा गया कि ऑफिस में कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं है फिर लाइट जल रहा है .तो इस पर उन्होंने कहा कि ....यह अफसरों की लापरवाही है गैर जिम्मेदार है ,इस तरह की फिजूल बिजली खर्च को रोका जाना चाहिए ।


Conclusion:visual
byte - पवन कुमार फौजी ( बिहार राज्य परिवहन मित्र कामगार संघ प्रमंडलीय अध्यक्ष )
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