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भागलपुरः नहीं होगा पंचायत और प्रखंडों के कार्यपालक सहायकों का ट्रांसफर

स्थानांतरण को रद्द करते हुए जिले के सभी बीडीओ को एक पत्र लिखा गया है. जिसमें कहा गया है कि कर्मियों की नियुक्ति पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर की गई है. जिससे मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना में शामिल नल जल और गली नली योजना को समय से पूरा किया जा सके.

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Published : Feb 11, 2020, 9:21 AM IST

भागलपुरः जिले में प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनुमति के बिना पंचायत और प्रखंडों में पदस्थापित कार्यपालक सहायकों को स्थानांतरित करने का मामला सामने आया है. इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने सभी बीडीओ को पत्र लिखकर इसे रद्द कर दिया है.

सभी बीडीओ को लिखा गया पत्र
स्थानांतरण को रद्द करते हुए जिले के सभी बीडीओ को एक पत्र लिखा गया है. जिसमें कहा गया है कि कर्मियों की नियुक्ति पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर की गई है. जिससे मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना में शामिल नल जल और गली नली योजना को समय से पूरा किया जा सके. इसीलिए कर्मियों को पहले इन्हीं कामों में लगाया जाए.

कार्यपालक सहायकों का स्थानांतरण रद्द

'शोषण और दोहन के उद्देश्य से स्थानांतरण'
ईटीवी भारत से बातचीत में बीडीओ की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कि प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि नवनियुक्त कर्मियों को स्थानांतरित कर अन्य कामों में लगाया जा रहा है. जिससे मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के अंतर्गत चल रहे नल जल योजना और गली नली योजना में स्थिलता आ गई है. उन्होंने कहा कि कर्मियों को शोषण और दोहन करने के उद्देश्य से स्थानांतरित किया गया है.

'नियुक्ति रद्द कर स्थानांतरण'
पंचायती राज पदाधिकारी ने कहा कि कुछ प्रखंड विकास पदाधिकारी संविदा पर नियुक्त कार्यपालक सहायक, लेखापाल सहायक और तकनीकी सहायक का जिला से की गई नियुक्ति को रद्द करते हुए स्थानांतरण किया जा रहा था. जबकि सभी पदस्थापित कर्मियों का मासिक मानदेय जिला स्तर पर दिया जाता है.

जिलास्तर पर होगी कार्रवाई
राजेश कुमार ने कहा कि काम में किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर विभागीय अनुशंसा कर कर्मियों के ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रखंड स्तर पर लिखा जाए. जिस पर जिलास्तर से कार्रवाई की जाएगी.

भागलपुरः जिले में प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनुमति के बिना पंचायत और प्रखंडों में पदस्थापित कार्यपालक सहायकों को स्थानांतरित करने का मामला सामने आया है. इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने सभी बीडीओ को पत्र लिखकर इसे रद्द कर दिया है.

सभी बीडीओ को लिखा गया पत्र
स्थानांतरण को रद्द करते हुए जिले के सभी बीडीओ को एक पत्र लिखा गया है. जिसमें कहा गया है कि कर्मियों की नियुक्ति पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर की गई है. जिससे मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना में शामिल नल जल और गली नली योजना को समय से पूरा किया जा सके. इसीलिए कर्मियों को पहले इन्हीं कामों में लगाया जाए.

कार्यपालक सहायकों का स्थानांतरण रद्द

'शोषण और दोहन के उद्देश्य से स्थानांतरण'
ईटीवी भारत से बातचीत में बीडीओ की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कि प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि नवनियुक्त कर्मियों को स्थानांतरित कर अन्य कामों में लगाया जा रहा है. जिससे मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के अंतर्गत चल रहे नल जल योजना और गली नली योजना में स्थिलता आ गई है. उन्होंने कहा कि कर्मियों को शोषण और दोहन करने के उद्देश्य से स्थानांतरित किया गया है.

'नियुक्ति रद्द कर स्थानांतरण'
पंचायती राज पदाधिकारी ने कहा कि कुछ प्रखंड विकास पदाधिकारी संविदा पर नियुक्त कार्यपालक सहायक, लेखापाल सहायक और तकनीकी सहायक का जिला से की गई नियुक्ति को रद्द करते हुए स्थानांतरण किया जा रहा था. जबकि सभी पदस्थापित कर्मियों का मासिक मानदेय जिला स्तर पर दिया जाता है.

जिलास्तर पर होगी कार्रवाई
राजेश कुमार ने कहा कि काम में किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर विभागीय अनुशंसा कर कर्मियों के ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रखंड स्तर पर लिखा जाए. जिस पर जिलास्तर से कार्रवाई की जाएगी.

Intro:प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बिना अनुमति के जिला स्तर से नियुक्त किए गए पंचायतों व प्रखंडों में पदस्थापित कार्यपालक सहायकों को स्थानांतरित कर दिया था ,जिस पर कड़ा रुख अपनाते हुए भागलपुर जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने रद्द कर दिया है । ईटीवी भारत से बातचीत में बीडीओ की मंशा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा नवनियुक्त कर्मियों को स्थानांतरित कर अन्य कामों में लगा रहे हैं, जिससे मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के अंतर्गत चल रहे नल जल योजना और गली नाली योजना में स्थिलता लाना है, उन्होंने कहा कि पंचायती राज द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाना बीडीओ की अच्छी मंशा प्रतीत नहीं होता है । प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा कर्मियों का शोषण और दोहन करने के उद्देश्य स्थानांतरित किया गया । जिसके आलोक में स्थानांतरण को रद्द करते हुए जिले के सभी बीडीओ को एक पत्र लिखा है ,जिसमें निर्देश दिया है कि यह नियुक्ति पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर किया गया है ,जिसमें नवनियुक्त संविदा कर्मियों से मुख्य रूप से मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना में शामिल नल जल योजना और गली नली योजना के काम में तेजी लाने और ससमय पूरा करने के लिए किया गया है ,इसलिए सर्वप्रथम इन्हीं कार्यों में सभी कर्मियों को रहने दिया जाए ।


Body:पंचायती राज पदाधिकारी ने कहा कि कुछ प्रखंड विकास पदाधिकारी संविदा पर नियुक्त कार्यपालक सहायक लेखापाल सहायक एवं तकनीकी सहायक का पदस्थापन कलस्टर के आधार पर जिला से की गई नियुक्त को रद्द करते हुए स्थानांतरण किया जा रहा था ,जबकि सभी पदस्थापित कर्मियों का मासिक मानदेय जिला स्तर पर दिया जाता है और प्रखंड में इन सभी पद स्थापित कर्मियों को भेजा गया है । प्रखंड विकास पदाधिकारी बिना जिला से अनुशंसा प्राप्त किए अन्य कलस्टरों में सभी संविदा कर्मियों का तबादला कर रही है ,इसी आलोक में हमने कड़ा रुख अपनाते हुए इस पर रोक लगाने के लिए जिला स्तर से मेरे द्वारा पत्र निकाला गया है ,ताकि जिसका पदस्थापन जिस कलस्टर में किया गया है उसी क्लस्टर में काम लिया जाए, यदि किसी भी तरह से कर्मियों द्वारा कार्य में कमी पाई जाती है तो विभागीय अनुशंसा कर उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए प्रखंड स्तर से लिखा जाए जिस पर जिला स्तर से कार्रवाई की जाएगी ।


Conclusion:ऐसा पूरे जिले भर में कहलगांव प्रखंड में किया गया था, जिसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक सहायक उमेश कुमार का ग्राम पंचायत मोहनपुर गौघट्टा , सलेमपुर सैनी ग्राम पंचायत के निरंजन ठाकुर को कहलगांव प्रखंड कार्यालय और राजकुमार रंजन को मोहनपुर गौघट्टा से सलेमपुर सैनी पंचायत में स्थानांतरित किया गया था । इस स्थानांतरण को पंचायती राज पदाधिकारी ने रद्द कर दिया है ।

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byte - राजेश कुमार ( जिला पंचायती राज पदाधिकारी )
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