भागलपुरः जिले में प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनुमति के बिना पंचायत और प्रखंडों में पदस्थापित कार्यपालक सहायकों को स्थानांतरित करने का मामला सामने आया है. इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने सभी बीडीओ को पत्र लिखकर इसे रद्द कर दिया है.
सभी बीडीओ को लिखा गया पत्र
स्थानांतरण को रद्द करते हुए जिले के सभी बीडीओ को एक पत्र लिखा गया है. जिसमें कहा गया है कि कर्मियों की नियुक्ति पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर की गई है. जिससे मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना में शामिल नल जल और गली नली योजना को समय से पूरा किया जा सके. इसीलिए कर्मियों को पहले इन्हीं कामों में लगाया जाए.
'शोषण और दोहन के उद्देश्य से स्थानांतरण'
ईटीवी भारत से बातचीत में बीडीओ की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कि प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि नवनियुक्त कर्मियों को स्थानांतरित कर अन्य कामों में लगाया जा रहा है. जिससे मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के अंतर्गत चल रहे नल जल योजना और गली नली योजना में स्थिलता आ गई है. उन्होंने कहा कि कर्मियों को शोषण और दोहन करने के उद्देश्य से स्थानांतरित किया गया है.
'नियुक्ति रद्द कर स्थानांतरण'
पंचायती राज पदाधिकारी ने कहा कि कुछ प्रखंड विकास पदाधिकारी संविदा पर नियुक्त कार्यपालक सहायक, लेखापाल सहायक और तकनीकी सहायक का जिला से की गई नियुक्ति को रद्द करते हुए स्थानांतरण किया जा रहा था. जबकि सभी पदस्थापित कर्मियों का मासिक मानदेय जिला स्तर पर दिया जाता है.
जिलास्तर पर होगी कार्रवाई
राजेश कुमार ने कहा कि काम में किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर विभागीय अनुशंसा कर कर्मियों के ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रखंड स्तर पर लिखा जाए. जिस पर जिलास्तर से कार्रवाई की जाएगी.