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भागलपुर: जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने ग्राम पंचायत कार्यालय और ग्राम कचहरी का किया निरीक्षण

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Published : Mar 4, 2020, 7:59 AM IST

भागलपुर में जिला पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने पंचायत के मुखिया और सरपंच के ऊपर कारवाई के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण के दौरान पाया कि कई ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी बंद है, जबकि कार्यालयों को जिला स्तर से खोलने का निर्देश जारी किया गया है.

जिला पंचायती अधिकारी
जिला पंचायती अधिकारी

भागलपुर: जिले के सभी पंचायतों में ग्राम कचहरी और ग्राम पंचायत कार्यालय के सामानों की खरीद के लिए रुपये की निकासी की जा चुकी है. इसके बावजूद भी किसी भी कार्यालय में समान नहीं मिला है. सभी मुखिया और सरपंच के खातों में राशि आने के बाद वे अभिलेख बनाकर जिला कार्यालय में जमा कर दिए. जिसमें सामान खरीदने की जानकारी दे दी गई है. अभिलेख में सामान खरीदने वाले दुकान और इंटरप्राइजेज का रसीद भी संलग्न कर दिया है.

जिला पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान गोराडीह प्रखंड के सालपुर पंचायत, जगदीशपुर प्रखंड के पुरैनी दक्षिणी और उत्तरी दोनों पंचायत कार्यालय और ग्राम कचहरी बंद मिला है. पंचायत कार्यालय में कोई भी उपस्कर नहीं मिला. इसे लेकर पंचायत के मुखिया और सरपंच के ऊपर कारवाई के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है.

पेश है रिपोर्ट

'निरीक्षण के दौरान कुछ नहीं मिला'
पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण के दौरान पाया कि कई ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी बंद है, जबकि कार्यालयों को जिला स्तर से खोलने का निर्देश जारी किया गया है. फिर भी आदेशों के आलोक में मुखिया और सरपंच की ओर से ग्राम पंचायत कार्यालय और ग्राम कचहरी को बंद रखा गया है. उन्होंने कहा कि कई मुखिया ने सामग्री खरीदने का अभिलेख जिला कार्यालय को जमा किया है. जिसमें दुकान और इंटरप्राइजेज के रसीद को भी लगाया गया है. जिसके बाद राशि की निकासी कर लिया है. जबकि निरीक्षण के दौरान वहां कुछ नहीं मिला.

'निजी भवनों में कार्यालय चलाने का निर्देश'
पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पंचायत का विकास पंचायत कार्यालय पर ही निर्भर करता है. जब तक कि कार्यालय नहीं खुलेंगे पंचायत स्तरीय कर्मी वहां पर बैठकर कार्य नहीं करेंगे. तब तक पंचायत का विकास संभव नहीं है. इसको लेकर सरकार की ओर से ग्राम पंचायत कार्यालय और ग्राम कचहरी में उपस्कर के लिए 5 हजार से लेकर 5 लाख तक दिया गया है. जबकि जिस पंचायत में सरकारी भवन नहीं है. वहां निजी भवनों में भी कार्यालय चलाने का निर्देश दिया गया है. जिसका खर्च सरकार वहन करेगी. इसके बावजूद भी जनप्रतिनिधि की ओर से कार्य नहीं किया जा रहा है.

भागलपुर: जिले के सभी पंचायतों में ग्राम कचहरी और ग्राम पंचायत कार्यालय के सामानों की खरीद के लिए रुपये की निकासी की जा चुकी है. इसके बावजूद भी किसी भी कार्यालय में समान नहीं मिला है. सभी मुखिया और सरपंच के खातों में राशि आने के बाद वे अभिलेख बनाकर जिला कार्यालय में जमा कर दिए. जिसमें सामान खरीदने की जानकारी दे दी गई है. अभिलेख में सामान खरीदने वाले दुकान और इंटरप्राइजेज का रसीद भी संलग्न कर दिया है.

जिला पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान गोराडीह प्रखंड के सालपुर पंचायत, जगदीशपुर प्रखंड के पुरैनी दक्षिणी और उत्तरी दोनों पंचायत कार्यालय और ग्राम कचहरी बंद मिला है. पंचायत कार्यालय में कोई भी उपस्कर नहीं मिला. इसे लेकर पंचायत के मुखिया और सरपंच के ऊपर कारवाई के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है.

पेश है रिपोर्ट

'निरीक्षण के दौरान कुछ नहीं मिला'
पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण के दौरान पाया कि कई ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी बंद है, जबकि कार्यालयों को जिला स्तर से खोलने का निर्देश जारी किया गया है. फिर भी आदेशों के आलोक में मुखिया और सरपंच की ओर से ग्राम पंचायत कार्यालय और ग्राम कचहरी को बंद रखा गया है. उन्होंने कहा कि कई मुखिया ने सामग्री खरीदने का अभिलेख जिला कार्यालय को जमा किया है. जिसमें दुकान और इंटरप्राइजेज के रसीद को भी लगाया गया है. जिसके बाद राशि की निकासी कर लिया है. जबकि निरीक्षण के दौरान वहां कुछ नहीं मिला.

'निजी भवनों में कार्यालय चलाने का निर्देश'
पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पंचायत का विकास पंचायत कार्यालय पर ही निर्भर करता है. जब तक कि कार्यालय नहीं खुलेंगे पंचायत स्तरीय कर्मी वहां पर बैठकर कार्य नहीं करेंगे. तब तक पंचायत का विकास संभव नहीं है. इसको लेकर सरकार की ओर से ग्राम पंचायत कार्यालय और ग्राम कचहरी में उपस्कर के लिए 5 हजार से लेकर 5 लाख तक दिया गया है. जबकि जिस पंचायत में सरकारी भवन नहीं है. वहां निजी भवनों में भी कार्यालय चलाने का निर्देश दिया गया है. जिसका खर्च सरकार वहन करेगी. इसके बावजूद भी जनप्रतिनिधि की ओर से कार्य नहीं किया जा रहा है.

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