भागलपुर: जिले के नवगछिया भवानीपुर के रहने वाले निभाष रजक दिव्यांग दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी कार्यालय में ट्राई साइकिल की मांग की फरियाद को लेकर पहुंचे थे. लेकिन उसकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं था. घंटों जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर इंतजार करने के बाद जिलाधिकारी प्रणब कुमार पत्रकारों की पहल पर निभाष से मिले, लेकिन फिर से उन्होंने आश्वासन की घुट्टी पिलाते हुए एक और प्रमाण पत्र लाने की बात कही.
दिव्यांग दिवस के मौके पर लाचार दिव्यांग
इसे प्रशासन की उदासीनता कहें या फिर लाचार निभाष का नसीब. जिस भागलपुर के डीआरडीए परिसर के चक्कर वह एक ट्राई साइकिल के लिए वर्षों से लगा हुआ है. वहां दर्जनों की संख्या में ट्राई साइकिल खुले आसमान के नीचे धूल फांक रहा है. ट्राई साइकिल के पास पहुंचकर निभाष ट्राई साइकिल नहीं मिल पाने की कसक दिल में लेकर वापस अपने सहयोगी के साथ भागलपुर से 25 किलोमीटर दूर अपने घर साइकिल पर बैठकर चला गया.
ट्राई साइकिल के लिए 5 वर्षों से भटक रहा दिव्यांग
पीड़ित निभाष रजक ने बताया कि ट्राई साइकिल के लिए वह पिछले 5 वर्षों से दर-दर और दफ्तर-दफ्तर भटक रहा है. उन्होंने कहा कि वह उच्च शिक्षा प्राप्त है और अपने गांव में बच्चों को पढ़ा कर जीवन यापन करते हैं. लेकिन एक ट्राई साइकिल के लिए उन्हें वर्षों से कभी इस दफ्तर तो कभी उस दफ्तर भटकना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज जिलाधिकारी ने फिर से एक नया प्रमाण पत्र और कागज लाने के लिए कहा है.
रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा दिव्यांग कार्यक्रम का आयोजन
जिलाधिकारी प्रणब कुमार ने कहा कि आज विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. कई दिव्यांग जनों को योजनाओं का लाभ भी दिया गया है. दिव्यांग जनों के साथ जिला प्रशासन संवेदना के साथ कार्य कर रही है. उन तक हर लाभ पहुंचाई जा रही है. जिले में सरकारी स्तर पर दिव्यांगों के लिए घोषणाओं के अनुरूप कार्यक्रम भी संचालित नहीं हो रहे हैं. सबसे बड़ी मुस्किल यह है कि आज भी प्रमाण पत्र के लिए दिव्यांग को कार्यालयों का दौड़ लगाना पड़ रहा है.
विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर सिर्फ दिए जा रहें भाषण
बता दें कि विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर जिले में दर्जनों कार्यक्रम आयोजित किया गया और दिव्यांगों के विकास को लेकर बड़ी-बड़ी बातें भी कही गई और हर दिव्यांग को योजना का लाभ पहुंचे उसको लेकर भी अधिकारियों ने अपने अपने भाषण शहरों में दिया है. गौरतलब हो कि दिव्यांगों को योजनाओं का लाभ, स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल बोर्ड से विकलांगता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही मिलता है. अन्यथा संबंधित को योजना के लाभ से वंचित कर दिया जाता है.