भागलपुर: हिंदू धर्म में 'पितृपक्ष' का विशेष महत्व है. पितृपक्ष में सनातन धर्म के लोग अपने पूर्वजों को याद कर उनको इस माह में तर्पण देते हैं. 15 दिनों तक पितृपक्ष चलता है. अभी पितृपक्ष का महीना चल रहा है. भागलपुर के दीपक झा ने अपने पिता की याद में पौधारोपण की शुरुआत की है. पिछले 17 साल से वो अब 255 पौधे लगा चुके हैं.
जिले के अलीगंज के सूर्य लोक कॉलोनी के निवासी दीपक झा अपने पिता के नाम पर पितृपक्ष के दौरान हर रोज अलग-अलग पौधे लगाते हैं. उनके पास अलग-अलग पौधों को लगाने के पीछे अलग-अलग तर्क भी है. पिछले 17 साल से वो अब तक तर्पण के साथ-साथ नीम, पीपल, बरगद, चंपा, गुलमोहर सहित 255 पौधे अपने घर के बागान में लगाया चुके हैं. दीपक झा के पिता अरविंद कुमार झा का देहांत 2002 में हो गया था. वो 2003 से हर साल पिता के नाम से पितृपक्ष के दौरान ऐसा कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं.
17 साल से लगा रहे हैं पौधा
दीपक झा ने कहा कि आश्विन माह के कृष्ण पक्ष से पितृपक्ष की शुरुआत होती है. ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों को दिया गया भोजन और तर्पण उनके पूर्वजों तक पहुंचता है. उन्होंने कहा कि इस माह हम तर्पण के साथ-साथ अपने पूर्वजों के याद में एक पौधा लगा रहे हैं, जिससे कि आने वाले पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण मिल सके. उन्होंने कहा कि हमारे पिताजी पर्यावरण के प्रति जागरूक थे. वो किसी भी पौधे को नहीं काटने देते थे, उनके उसी समर्पण भाव के वजह से मेरे अंदर वृक्ष के प्रति प्यार का भाव आया, जिस वजह से हर साल पितृपक्ष के महीने में तर्पण करने के बाद अपने इस बागान में रोज एक पौधा लगाते हैं. उन्होंने कहा कि इस बागान में अब तक 17 साल में 255 पौधे लगा चुके हैं.
बागान में देते हैं प्रतिदिन 3 घंटा
बता दें कि दीपक झा पेशे से एक व्यवसायी हैं. वो अपने बागान में हक रोज 3 घंटे का समय पौधे को सींचने में देते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ रहने के साथ-साथ पौधे भी सुरक्षित रह सके. दीपक झा के बागान में हर तरह का पौधा लगा हुआ है. वहीं, भागलपुर के गोपालपुर के धरारा गांव में बेटी होने पर वृक्षारोपण की परंपरा वर्षों से चली आ रही है.