भागलपुर (नवगछिया): बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया में अपराधियों ने जदयू नेता को गोली मारकर घायल कर दिया (Criminals shot JDU leader in Naugachia). जिसके बाद आनन-फानन में परिजनों ने उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए जेएलएनएमसीएच मायागंज रेफर कर दिया गया. पूरा मामला नवगछिया शहर के मिल्की गौशाला की है.
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जदयू नेता को बदमाशों ने मारी गोली: बताया जाता है कि शाम करीब पांच बजे मिल्की गौशाला में जेडीयू के पंचायत अध्यक्ष लोभन चौधरी को बदमाशों ने गोली मार कर घायल कर दिया. गोली लोभन चौधरी के दाएं हाथ में लगी है. वहीं उनके सिर में भी चोट लगी है. घटना के बाद अपराधी मौके से फरार हो गये. वारदात के बाद परिजन घायल जेडीयू नेता को चारपाई पर लेकर नवगछिया अनुमंडल अस्पताल पहुंचे. जहां से उनको भागलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. स्थानीय लोगों को घटना की जानकारी जैसे ही लगी, लोगों की भीड़ अस्पताल में जुट गई. इसी दौरान अस्पताल पहुंची पुलिस को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा.
प्राथमिक इलाज के बाद मायागंज रेफर: घायल अवस्था में लोभन चौधरी ने बताया कि वे घर से बाहर आकर एक बक्से की दुकान पर बक्सा बनते हुए देख रहे थे. इसी क्रम में तीन गोली चली, जिसमें एक गोली उन्हें लग गयी. इसी दौरान उनके सिर पर लाठी से भी प्रहार किया गया. घायल ने गांव के ही उभो यादव उर्फ उभय यादव और बबलू यादव पर गोली मारने और लाठी से प्रहार करने का आरोप लगाया है.
1987 से गौशाला के जमीन पर रहे रहे हैं विस्थापित परिवार: इधर स्थानीय लोगों ने कहा कि अपराधी हत्या करने की मंशा से आये थे, लेकिन लोगों के जुट जाने के बाद वे कामयाब नहीं हो सके और मौकाए वारदात से भाग निकले. स्थानीय लोगों के मुताबिक वे लोग विस्थापित परिवार हैं और वर्ष 1987 से गोपाल गौशाला की जमीन पर रहते हैं. 1987 से ही लगातार वे लोग प्रशासन और सरकार से पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.
सरकार ने दिया था जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश: सरकार के निर्देश पर उनलोगों को जमीन देने का निर्देश दिया गया है. जिसके लिए विस्थापित भूमिहीन लोगों की सूची मांगी गयी थी. ग्रामीणों के मुताबिक गांव के कई लोगों ने भूमिहीनों की सूची प्रशासन को सुपुर्द किया. इस सूची में वैसे लोगों का नाम नहीं है, जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं और जमीन की खरीददारी कर ली है. लेकिन संपन्न लोगों का कहना है कि उनका नाम भी भूमिहीन परिवारों की सूची में रहना चाहिए. विवाद का यही कारण है.
कई दिनों से दी जा रही थी धमकी: पिछले कई दिनों से उनलोगों को धमकी दी जा रही है. जिसकी शिकायत उनलोगों ने शनिवार को नवगछिया थाना से की थी. लेकिन थाना ने कुछ खास रुचि नहीं दिखायी. जिसके बाद उनलोगों ने अनुमंडल कार्यालय पर जाकर अनुमंडल पदाधिकारी से मामले की शिकायत की थी. अजय चौधरी समेत अन्य लोगों ने कहा कि अगर पुलिस जरूरी कदम उठा लेती तो निश्चित रूप से इस तरह की घटना नहीं होती. घटना के बाद नवगछिया पुलिस मामले की छानबीन करने में जुट गयी है.
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