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भागलपुरः हत्या मामले में 45 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, 25 सितंबर को होगा सजा का ऐलान

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Published : Sep 20, 2019, 8:43 AM IST

अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया मुकदमा दर्ज होने के बाद अदालत की कार्यवाही शुरू हो गई थी. लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आने की वजह से देर होता चला गया. घटना के 28 साल तक पोस्टमॉटम रिपोर्ट नहीं आया था.

भागलपुर

भागलपुरः भागलपुर व्यवहार न्यायालय में गुरुवार को हत्या के मामले में सुवाई करते हुए एडीजे एमपी सिंह ने एक अभियुक्त को दोषी करार दिया. मामले में 45 साल बाद फैसला आया है. जिले के सनहौला थाना क्षेत्र के कोठिया गांव में खेत का पानी बहाने के विवाद में धनंजय चौधरी की 28 अप्रैल 1974 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सनहौला थाने में दर्ज इस मामले में 5 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.

अभियोजन पक्ष के वकील का बयान

2 अभियुक्त की हो चुकी है मौत
45 साल बाद दोषी करार दिए गए इस मामले में दो अभियुक्तों की मौत हो चुकी है. न्यायालय ने एक को दोषमुक्त करते हुए रिहा कर दिया. घटना के समय एक आरोपी के नाबालिग होने की वजह से उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में चलाया गया और चतुरानन चौधरी को मामले में दोषी करार दिया गया है. जिसे सजा सुनाने के लिए 25 सितंबर की तारीख मुकर्रर की गई है.

भागलपुर
एडीजे एमपी सिंह ने सुनाया फैसला

न्यायालय पर था भरोसा
अभियोजन पक्ष के वकील मोहम्मद रियाज हुसैन ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद अदालत की कार्यवाही शुरू हो गई थी. लेकिन, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आने की वजह से विलंब होता चला गया. घटना के 28 साल तक पोस्टमॉटम रिपोर्ट नहीं आयी थी. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के गैर-जिम्मेदाराना रवैया से पीड़ित पक्ष की आस टूटने लगी थी. लेकिन न्यायालय पर उनका पूरा भरोसा था.

भागलपुरः भागलपुर व्यवहार न्यायालय में गुरुवार को हत्या के मामले में सुवाई करते हुए एडीजे एमपी सिंह ने एक अभियुक्त को दोषी करार दिया. मामले में 45 साल बाद फैसला आया है. जिले के सनहौला थाना क्षेत्र के कोठिया गांव में खेत का पानी बहाने के विवाद में धनंजय चौधरी की 28 अप्रैल 1974 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सनहौला थाने में दर्ज इस मामले में 5 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.

अभियोजन पक्ष के वकील का बयान

2 अभियुक्त की हो चुकी है मौत
45 साल बाद दोषी करार दिए गए इस मामले में दो अभियुक्तों की मौत हो चुकी है. न्यायालय ने एक को दोषमुक्त करते हुए रिहा कर दिया. घटना के समय एक आरोपी के नाबालिग होने की वजह से उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में चलाया गया और चतुरानन चौधरी को मामले में दोषी करार दिया गया है. जिसे सजा सुनाने के लिए 25 सितंबर की तारीख मुकर्रर की गई है.

भागलपुर
एडीजे एमपी सिंह ने सुनाया फैसला

न्यायालय पर था भरोसा
अभियोजन पक्ष के वकील मोहम्मद रियाज हुसैन ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद अदालत की कार्यवाही शुरू हो गई थी. लेकिन, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आने की वजह से विलंब होता चला गया. घटना के 28 साल तक पोस्टमॉटम रिपोर्ट नहीं आयी थी. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के गैर-जिम्मेदाराना रवैया से पीड़ित पक्ष की आस टूटने लगी थी. लेकिन न्यायालय पर उनका पूरा भरोसा था.

Intro:bh_bgp_02_accused_convicted_after_45_years_avb_7202641

भागलपुर व्यवहार न्यायालय में हत्या के मामले में एडीजे 8 एमपी सिंह में अभियुक्त को दोषी करार दिया है और सजा के लिए अगली तारीख 25 सितंबर मुकर्रर किया है मामला साल 1974 का है भागलपुर के सनहौला थाना क्षेत्र अंतर्गत कोठिया गांव में खेत का पानी बहाने के विवाद में निवासी धनंजय चौधरी की 28 अप्रैल 1974 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी इस मामले में सन्हौला थाने में मामला दर्ज कराया गया था जिसमें 2 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था इस मामले में चतुरानन चौधरी और रविंद्र चौधरी संदेह के ग्राउंड पर रविंद्र चौधरी को रिहा कर दिया गया था आनंद चौधरी को दोषी करार दिया गया हत्या के मामले में इतने दिनों बाद दोषी करार दिए जाने कि न्यायिक व्यवस्था पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है कि आखिर अभियुक्त को दोषी करार देने में इतना वक्त क्यों लग गया ।


Body:इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद अदालत की कार्यवाही शुरू हो गई लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आने की वजह से विलंब होता चला गया मामले को जब 28 साल बीत गया उसके बाद भी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर कई बार सिविल सर्जन अस्पताल अधीक्षक राज्य के स्वास्थ्य सचिव और विधि विज्ञान प्रयोगशाला को पत्राचार किया गया पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आने के बाद मामले की सुनवाई में विलंब होता चला गया इस मामले में विजयकांत चौधरी के बयान पर मामला दर्ज किया गया था इस मामले में रविंद्र चौधरी चतुर आनंद चौधरी मदन कुमार चौधरी चंद्र किशोर चौधरी एवं रामविलास चौधरी को आरोपी बनाया गया ट्रायल के दौरान दो आरोपितों की मृत्यु हो गई और एक आरोपी की उम्र घटना के समय कम होने की वजह से किशोर न्याय बोर्ड में चला गया था इस मामले में करीबन 45 वर्ष बाद एक अभियुक्त को दोषी करार दिया गया है।


Conclusion:जिला प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना और ढुलमुल रवैया से पीड़ित पक्ष की आस लगभग टूट चुकी थी लेकिन फिर भी लोगों को न्यायालय पर भरोसा था देर से ही सही न्याय मिलने के बाद एबीपी रियाज ने कहा कि जो भी विलंब हुआ है वह यहां की ढुलमुल प्रशासनिक रवैया की वजह से हुआ है जिसके वजह से पोस्टमार्टम रिपोर्ट इतने वर्षों बाद भी नहीं आ पाया 1974 के इस हत्या में दोषी करार दिए जाने के बाद अब अगली सुनवाई की तारीख 25 का इंतजार है उस दिन इस मामले में आरोपी चतुरानन चौधरी को सजा सुनाई जाएगी ।

वाइट मोहम्मद रियाज हुसैन, ए पी पी ,एडीजे 8
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