भागलपुर: बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा कि राज्य में रोजाना कोरोना से सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है. हालांकि, सरकारी आंकड़ा कुछ और बता रहा है. उन्होंने राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने, वेंटिलेटर की व्यवस्था को दुरुस्त करने और अस्पताल में व्यवस्था को सुधारने को लेकर भी मांग की.
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''बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे केवल बयानबाजी करते हैं. उनके अधिकारी धरातल पर काम नहीं कर पा रहे हैं. मुख्यमंत्री को अधिकारी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं. यही वजह है कि अस्पताल में व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है. राज्य के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव सहित कई आला अधिकारियों की मौत कोरोना के कारण हो गई है और उसका इलाज एक प्राइवेट हॉस्पीटल में किया गया. इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी हॉस्पीटल में क्या व्यवस्था होगी''- अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल नेता, बिहार
वहीं, उन्होंने कहा कि योजना एवं विकास विभाग के संकल्प संख्या 1483 द्वारा कोरोना वायरस रोकथाम से संबंधित खरीदी करने के लिए मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के मध्य से विधायकों की अनुशंसा पर होने वाले खर्च राशि में से दो करोड़ की राशि राज्य के सभी विधायकों से कटौती कर ली गई है. ये राज्य स्वास्थ्य विभाग में गठित कोरोना कोष में जमा किया जाएगा. ये अच्छी पहल है, लेकिन पिछला अनुभव ठीक नहीं है.
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अजीत शर्मा ने कहा कि पिछली बार योजना और विकास विभाग के द्वारा सभी विधायकों के मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत पारित राशि से 30 लाख की राशि काटकर स्वास्थ्य विभाग में गठित कोरोना उन्मूलन कोष में जमा कराई गई थी. साथ ही संसदीय कार्य विभाग की अधिसूचना संख्या 263 द्वारा भी बिहार विधान मंडल और नियमावली 2020 द्वारा सभी सदस्यों के मूल वेतन से 15% कटौती कर कोरोना कोष में जमा किया गया था. दोनो राशि मिलाकर 160 करोड़ जमा किए गए थे. लेकिन उस जमा राशि का भी कोई उपयोग सही से नहीं हुआ.