भागलपुर: सारण जिले में राजीव प्रताप रूडी के कार्यालय से एंबुलेंस बरामद और उसे तूल देने के बाद पप्पू यादव को 32 साल पुराने मामले में जेल भेज दिया है. अब मामला राजनीतिक रूप लेता जा रहा है. जहां सरकार में शामिल हम और वीआईपी पार्टी के नेताओं ने सरकार के खिलाफ बयान दिया है. वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
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'बदले की भावना से ग्रसित होकर गिरफ्तारी'
अजीत शर्मा ने कहा कि 'पप्पू यादव को पटना पुलिस पहले लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के कारण गिरफ्तार करती है. फिर आधी रात को 32 साल पुराने मामले में मधेपुरा पुलिस उन्हें हिरासत में लेने के लिए पटना पहुंचती है. फिर उन्हें जेल भेज दिया गया. यह पूरी तरह से तानाशाही है और बदले की भावना से ग्रसित होकर सरकार ने यह निर्णय लिया है.'
'लॉकडाउन का उल्लंघन उसके पहले भी जदयू ,भाजपा के कई विधायक और नेता कर चुके हैं. जिस पर आज तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया और ना ही गिरफ्तारी हुई है. तो फिर किस आधार पर पप्पू यादव की गिरफ्तारी की गई है. फिर उसे पुराने मामले में जेल क्यों भेजा गया.'- अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता
'रूडी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा हो'
अजीत शर्मा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सारण मामले में ना तो राजीव प्रताप रूडी पर मामला दर्ज किया गया है और ना ही जिला प्रशासन के खिलाफ कोई निर्णय लिया गया. उन्होंने सवाल उठाए कि आखिर किस नियम के तहत राजीव प्रताप रूडी के कार्यालय में एंबुलेंस खड़ी थी. इस बारे में भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई. अजीत शर्मा ने मांग की है कि राजीव प्रताप रूडी पर देशद्रोह का मुकदमा हो, क्योंकि उन्होंने अपने कार्यालय में दर्जनों संख्या में एंबुलेंस को उस वक्त खड़ा रखा जब देश में एंबुलेंस के बिना सैकड़ों मरीज की जान जा रही है.
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