भागलपुर: खेती-बारी को लॉकडॉउन के असर से उबारने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने व्यापक कार्य योजना तैयार की है. इसके तहत किसानों को बीज, पौधे और रसायन दवाएं घर बैठे उपलब्ध कराई जा रही है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय अपने 21 जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए किसानों को खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध करा रहा है. साथ ही किसानों को उसके जरिए जागरूक भी कर रहा है.
बीज, कीटनाशक, खाद की होम डिलिवरी
इस बार किसानों की सहूलियत के लिए धान के बीज, कीटनाशक सहित अन्य सामान संबंधित कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को घर तक पहुंचाएगा. उसके लिए किसान को कोई अतिरिक्त राशि नहीं देनी होगी. किसान को घर बैठे या अपने कृषि विज्ञान केंद्र जाकर ऑनलाइन बीज बुक कराना होगा. बुक कराने के दौरान जितने का सामान चाहिए उसके हिसाब से उन्हें 20% राशि उस समय जमा करनी होगी. शेष राशि जब बीज पहुंच जाएगा तो जमा करनी पड़ेगी. यह कार्यक्रम बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने इस बार कोरोना संक्रमण काल के दौरान किसानों को होने वाली परेशानी से बचाने के लिए शुरू किया है. ताकि किसान कम परेशान हों और आसानी से बीज, कीटनाशक, खाद उपलब्ध हो सके.
विश्वविद्यालय ने पूरी की तैयारी- कुलपति
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि खरीफ का मौसम शुरू होने वाला है, जिसको लेकर विश्वविद्यालय ने तैयारी पूरी कर ली है. जितने भी बीज प्रोसेसिंग प्लांट्स हैं उनमें बीज तैयार कर लिया गया है. इस बार हम लोग किसानों के लिए नया करने जा रहे हैं. किसानों को कृषि विश्वविद्यालय आकर बीज लेने में जो परेशानी होती थी उससे उन्हें छुटकारा दिया जा रहा है. हमलोग उन्हें घर बैठे यह सुविधा मुहैया करा रहे हैं.
जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम होंगे शुरू
पिछले दिनों 2 जिलों में शुरू किए गए जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को अब बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर 11 जिलों में अपने कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से यह कार्यक्रम चलाएगा. 9 जिलों में इस बार के खरीफ के मौसम से ही इसकी शुरुआत होगी. इसका उद्देश्य पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए किसानों को ज्यादा से ज्यादा उत्पादन और लाभ सुनिश्चित कराना है.
इस योजना के तहत बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर पहले भागलपुर और बांका में ही काम करता था. लेकिन, इन दोनों जिलों के अलावा अब किशनगंज, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, सहरसा और बेगूसराय में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम को चलाएगा. इस योजना के अंतर्गत जिले में 5 गांव का चुनाव किया जाएगा. जिसमें यह कार्यक्रम चलाया जाएगा.