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कोरोना के बीच किसानों की मदद के लिए आगे आया बिहार कृषि विश्वविद्यालय, बांटी गई रासायनिक दवाई - कृषि रथ एप

लॉकडाउन के कारण किसानों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. किसानों का मदद के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने व्यापक कार्य योजना तैयार की है.

लॉकडाउन
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Published : Apr 28, 2020, 5:18 PM IST

Updated : May 25, 2020, 2:11 PM IST

भागलपुर: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन का असर खेती-बारी पर भी हुआ है. इसे उबारने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने व्यापक कार्य योजना तैयार की है. इसके तहत किसानों को बीज, पौधे और रासायनिक दवाईयां आदि उपलब्ध कराई जा रही हैं.

किसानों को किया जा रहा जागरूक
बिहार कृषि विश्वविद्यालय 21 जिलों में स्थित अपने कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए किसानों को जागरूक भी कर रहा है. इसके माध्यम से किसानों से सामुदायिक दूरी का पालन करने की अपील भी की जा रही है. कोरोना से बचाव के लिए किसानों और मजदूरों के बीच मास्क का वितरण किया जा चुका है. मुख्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से बाढ़ में संचालित एफएम रेडियो द्वारा किसानों को संक्रमण से बचाव कार्य में सावधानियां और सरकारी निर्देश का अनुपालन आदि की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.

500 एकड़ फसल की देखरेख
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर के सोहाने ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से दलहन, तिलहन, मक्का, जूट और मसाला आदि फसलों का प्रत्येक्षण कराया गया है. पौधों और पशुओं की देखरेख के लिए कीटनाशक दवा और विभिन्न प्रकार के रसायन का वितरण किया गया है. तकरीबन 500 एकड़ में फसल लगी है, जिसकी कृषि वैज्ञानिक देखरेख कर रहे हैं.

12 घंटे होगा कृषि कार्यक्रम का प्रसारण
लोगों में कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एफएम रेडियो के कार्यक्रम प्रसारण को 3 घंटे की जगह 12 घंटे कर दिया गया है. सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई आरोग्य सेतू एप और कृषि रथ एप को किसानों के मोबाइलों में इंस्टॉल कराया जा रहा है. कृषि विश्वविद्यालय किसानों की सुरक्षा और बेहतर कृषि के उत्पादन की दिशा में भी प्रयास कर रहा है.

भागलपुर: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन का असर खेती-बारी पर भी हुआ है. इसे उबारने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने व्यापक कार्य योजना तैयार की है. इसके तहत किसानों को बीज, पौधे और रासायनिक दवाईयां आदि उपलब्ध कराई जा रही हैं.

किसानों को किया जा रहा जागरूक
बिहार कृषि विश्वविद्यालय 21 जिलों में स्थित अपने कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए किसानों को जागरूक भी कर रहा है. इसके माध्यम से किसानों से सामुदायिक दूरी का पालन करने की अपील भी की जा रही है. कोरोना से बचाव के लिए किसानों और मजदूरों के बीच मास्क का वितरण किया जा चुका है. मुख्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से बाढ़ में संचालित एफएम रेडियो द्वारा किसानों को संक्रमण से बचाव कार्य में सावधानियां और सरकारी निर्देश का अनुपालन आदि की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.

500 एकड़ फसल की देखरेख
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर के सोहाने ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से दलहन, तिलहन, मक्का, जूट और मसाला आदि फसलों का प्रत्येक्षण कराया गया है. पौधों और पशुओं की देखरेख के लिए कीटनाशक दवा और विभिन्न प्रकार के रसायन का वितरण किया गया है. तकरीबन 500 एकड़ में फसल लगी है, जिसकी कृषि वैज्ञानिक देखरेख कर रहे हैं.

12 घंटे होगा कृषि कार्यक्रम का प्रसारण
लोगों में कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एफएम रेडियो के कार्यक्रम प्रसारण को 3 घंटे की जगह 12 घंटे कर दिया गया है. सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई आरोग्य सेतू एप और कृषि रथ एप को किसानों के मोबाइलों में इंस्टॉल कराया जा रहा है. कृषि विश्वविद्यालय किसानों की सुरक्षा और बेहतर कृषि के उत्पादन की दिशा में भी प्रयास कर रहा है.

Last Updated : May 25, 2020, 2:11 PM IST
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