भागलपुर: बिहार के भागलपुर पॉक्सो कोर्ट (Bhagalpur POCSO Court) ने नाबालिग से रेप के मामले में एक आरोपी को 10 वर्ष की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाने के साथ एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जिसे जमा नहीं करने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. पूरा मामले फरवरी 2016 का है. सहारा इंडिया में शाखा प्रबंधक के पोस्ट पर कार्यरत उमेश यादव ने अपने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास किया था. इसी मामले में कोर्ट ने शाखा प्रबंधक को दोषी मानते हुए सजा सुनाई.
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दुष्कर्म के आरोपी को मिली 10 साल की सजा: दोषी उमेश यादव सहारा इंडिया में शाखा प्रबंधक के पोस्ट पर कार्यरत था. उसने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था. 22 फरवरी 2016 को महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया गया था. मामला पॉक्सो कोर्ट में पहुंचा और सुनवाई के बाद 1 अप्रैल 2023 को आरोपी को दोषी पाया गया और कोर्ट ने सजा के बिंदु पर रखा था. गुरुवार यानि आज कोर्ट ने दोषी को दस वर्ष की सजा सुनाई.
"बिस्किट देने के बहाने बच्ची को घर पर बुलाया उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया. जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था. उमेश यादव पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अर्थदंड नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है. वहीं पीड़िता को 6 लाख रुपये मुवाजा देने का भी निर्देश दिया गया है."- शंकर जयकिशन मंडल, विशेष लोक अभियोजक, पार्क्स कोर्ट, भागलपुर
कोर्ट ने दोषी पर जुर्माना भी लगाया: विशेष लोक अभियाजक ने बताया कि घटना के बाद अब छोटे बच्चों को किसी के गोद में भी देने से लोग परहेज करेंगे. पोक्सो कोर्ट के शंकर जयकिशन मंडल ने बताया कि अब बच्ची को अपने रिश्तेदार के यहां भजेने में भी लोग डरते हैं. उन्होंने कहा कि ये जिस तरीके का जघन्य अपराध किया, वैसे में कोई भी अपने छोटे बच्चों को गोद में देने से परहेज करेंगे.