भागलपुर: व्यवहार न्यायालय के एडीजे अतुलवीर सिंह की अदालत ने शनिवार को एनडीपीएस एक्ट के उल्लंघन और बगैर पासपोर्ट के भारत में घूमने के आरोप में दोषी बांग्लादेशी नागरिक शहादत हुसैन उर्फ पायल को 3 साल की कठोर कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाया. जुर्माना नहीं देने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी.
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स्मैक के साथ पुलिस ने किया था गिरफ्तार
शहादत 25 नवंबर 2018 से जेल में बंद है. 24 नवंबर 2018 की शाम ब्रह्मपुत्र मेल से भागलपुर रेलवे स्टेशन पर उतरे शहादत को रेल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जांच पड़ताल के दौरान उसके पास से स्मैक और नशीली टिकिया समेत अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया था. पूछताछ के दौरान उसने खुद को किन्नर बताया था, लेकिन मेडिकल जांच में वह पुरुष निकला था. शहादत हुसैन बांग्लादेश के ढांका जिले के जगबाड़ी थाना क्षेत्र के रहने वाले मोहम्मद सिराज मियां का बेटा है.
दिल्ली में ड्रग पेडलर का काम करता था
पुलिस को शहादत ने बताया था कि वह दिल्ली में ड्रग पेडलर (ड्रग सप्लाई करने वाला) का काम करता था. उसे अवैध तरीके से बांग्लादेश के एकया गांव से दिल्ली लाया गया था. वह दिल्ली में वेश बदलकर रह रहा था. दिल्ली के सोरण सरदार के संरक्षण में नशीले पदार्थ का धंधा करता था. पहचान छिपाने के लिए नकली किन्नर बनकर रहता था.
घर लौटते समय पकड़ा गया था
भागलपुर रेल पुलिस ने मालदा जाने के क्रम में शहादत को गिरफ्तार किया था. वह भागलपुर रेलवे स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस से उतरकर पानी ले रहा था तभी ट्रेन खुल गई. ट्रेन छूट जाने के चलते वह पुलिस की गिरफ्त में आया. शहादत ने मालदा से सटे बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते चोरी छिपे भारत में प्रवेश किया था. वह फिर उसी रास्ते से वापस अपने घर जाने की फिराक में था.
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