भागलपुर: बिहार में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. मधुबनी पेंटिंग और मंजूषा पेंटिंग को लेकर बिहार का डंका देश-विदेश तक बज चुका है. और अब भागलपुर के मनीष ने रद्दी पेपर को वो रुप दिया है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. इस कलाकार ने रद्दी पेपर को खूबसूरत आकृतियों में बदल दिया है.
यह भी पढ़ें- यात्रीगण ध्यान दें, दानापुर से चलने वाली कई स्पेशल ट्रेनों का परिचालन रद्द
रद्दी कागजों से बना रहे कलाकृति
मनीष ने घर में रखे रद्दी कागज से कई सुंदर और आकर्षक आकृति तैयार की है जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. मनीष ने रद्दी कागज से आकृति बनाने के लिए कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है. बस अपनी लगन और मेहनत से आकृति बना डाला.
खूबसूरत आकृतियों की ओर आकृष्ट हो रहे लोग
मनीष का अपना घर नहीं है. पिता मंगल महालदार का बरसों पहले लंबी बीमारी के कारण देहांत हो गया है. मनीष और अपनी मां सुनीता देवी और बहन पिंकी कुमारी के साथ बरसों से नाथनगर के मनकामनानाथ चौक स्थित चेतन कुमार झा के घर रहकर नौकरी करता है. खाली समय में मनीष कागज से आकृति बनाते हैं.
'रद्दी कागज से आकृति बनाने के लिए कहीं कोई परीक्षण नहीं लिया है. एक आकृति को बनाने में महीने 2 महीने का समय लगता है. रद्दी कागज को जलाकर, कलर मिलाकर, फिर फेविकोल से आकृति को बनाया है.'- मनीष कुमार, कलाकार
हो रही ऑनलाइन बिक्री
मनीष ने कागज के बने आकृतियों की अब ऑनलाइन बिक्री भी शुरू की है. मनीष देश के अलग-अलग शहर में अपने आकृति को भेज रहे हैं. इसके अलावा कई बेहतरीन आकृति को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूएई सहित अन्य देशों में भी भेज चुके हैं. और उनकी आमदनी भी बढ़ी गई है.
मनीष को किया गया पुरस्कृत
मनीष ने कागज से देश का प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर ,लाल किला ,जमा मस्जिद, पटना गोलघर, चिड़ियाघर , इंडिया गेट सहित कई देवी-देवताओं सहित सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों की आकृति बनाई है. मनीष को भागलपुर में नाबार्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी द्वारा पुरस्कृत भी किया गया है.