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डाक विभाग के फैसले से लौटी लेटर बॉक्स की रंगत, नहीं खुला लेटर बॉक्स तो पोस्टमैन की नौकरी गई समझो !

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Published : Mar 20, 2021, 7:57 PM IST

जब से सोशल मीडिया का चलन बढ़ा है, चिट्ठी-पत्र का इस्तेमाल सिर्फ कार्यालयी कामकाज तक ही सिमट कर रह गया है. यही वजह है कि हमेशा टाइम पर आने वाला डाकिया भी सुस्त हो गया है. रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट पर विभाग का फोकस है, लेकिन सामान्य चिट्ठी के लिए मुहल्लों में लगे लेटर बॉक्स की ओर डाकिए का ध्यान भी नहीं जाता. इस कारण डाक विभाग ने ऐसा कुछ किया है, जिसकी वजह से लेटर बॉक्स खोलना पोस्टमैन की मजबूरी बन गई है. भागलपुर से आई स्पेशल रिपोर्ट पढ़िए-

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भागलपुर: आम लोगों की समस्या को समझते हुए डाक विभाग ने अपने सिस्टम को नए तरीके से अपडेट करते हुए लेटर बॉक्स के अंदर बारकोड सिस्टम लागू किया है. इससे पोस्टमैन की मनमानी अब नहीं चल सकेगी. सिस्टम लागू होने से लेटर बॉक्स रोजाना खोलकर पोस्टमैन को बार कोड सहित लेटर की संख्या विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट पर लोड करना पड़ रहा है. इससे रोजाना लेटर बॉक्स से लेटर निकाल कर समय पर पहुंचाई जा रही है.

देखें रिपोर्ट

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नहीं चलेगी पोस्टमैन की मनमानी
बता दें कि पोस्टमैन की लापरवाही से समय पर लेटर नहीं पहुंचाई जा रही थी, जिससे लोग सामान्य लेटर सेवा की जगह स्पीड पोस्ट और कोरियर सर्विस पर निर्भर होने लगे थे. डाक विभाग को इस वजह से भी काफी नुकसान हो रहा था. इसी को ध्यान में रखकर डाक विभाग ने लेटर बॉक्स के अंदर बारकोड सिस्टम लागू किया है.

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इंटरनेट से जुड़ गये लेटर बॉक्स

यह भी पढ़ें- बिहार के इस गांव में आज तक नहीं पहुंचा 'विकास', मूलभूत सुविधाएं तक नहीं

बारकोड से जुड़ गये लेटर बॉक्स
बारकोड सिस्टम से जुड़ने के बाद मुख्य ऑफिस के साथ-साथ भारत में कहीं भी बैठे डाक विभाग के अधिकारी किसी भी लेटर बॉक्स की जानकारी प्राप्त कर ले रहे हैं. भागलपुर जिले के सभी डाकघर के लेटर बॉक्स में यह सिस्टम लागू कर दिया गया है.

बारकोड से हर लेटर की GPO रखता है जानकारी
डाक विभाग ने नन्यासा एप्लीकेशन के माध्यम से सभी लेटर बॉक्स को जोड़ा गया है. जिससे रोजाना लेटर बॉक्स को खोलने पर लेटर बॉक्स के बार कोड को स्कैन कर विभाग के साइट पर अपलोड करना पड़ रहा है. इस सिस्टम के लागू होने से रोजाना लेटर बॉक्स खुलने लगा है. लेटर बॉक्स के इंटरनेट से कनेक्ट होने से पोस्टमैन कितने बजे बॉक्स को खोल रहा है , कितने समय में कितनी पोस्ट डिलीवरी की गई, यह जानकारी भी जीपीओ को आसानी से मिल जा रही है.

यह भी पढ़ें- विश्व गौरैया दिवस: गुम होतीं चिड़ियों का आसरा बने गया के बर्ड मैन, पक्षियों को बचाने में खपा दिया जीवन

'लेटर बॉक्स के इंटरनेट से जुड़ने के कारण आमजन का डाक समय पर पहुंच जा रहा है, साथ ही पोस्टमैन की लापरवाही भी पकड़ी जा रही है.'- आरपी प्रसाद, डाक अधीक्षक, भागलपुर

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आरपी प्रसाद, डाक अधीक्षक, भागलपुर

डाक विभाग ने खुद को किया अपग्रेड
बता दें कि डाक विभाग को लगातार कंप्लेंट्स भेजी जा रही थी कि डाकिया लेटर बॉक्स नहीं खोलते. इसलिए डाक विभाग ने बारकोड सिस्टम लागू किया. नए सिस्टम में लेटर बॉक्स से निकले लेटर की डिटेल का भी पता चल रहा है. जिले के सभी लेटर बॉक्स को अपडेट कर दिया गया है. सभी लेटर बॉक्स की साफ-सफाई और रंगाई कर दी गई है. एक बार फिर डाक विभाग ने खुद को अपग्रेड करके पुराने समय की यादें भी ताजा कर दीं हैं.

भागलपुर: आम लोगों की समस्या को समझते हुए डाक विभाग ने अपने सिस्टम को नए तरीके से अपडेट करते हुए लेटर बॉक्स के अंदर बारकोड सिस्टम लागू किया है. इससे पोस्टमैन की मनमानी अब नहीं चल सकेगी. सिस्टम लागू होने से लेटर बॉक्स रोजाना खोलकर पोस्टमैन को बार कोड सहित लेटर की संख्या विभाग के ऑफिशियल वेबसाइट पर लोड करना पड़ रहा है. इससे रोजाना लेटर बॉक्स से लेटर निकाल कर समय पर पहुंचाई जा रही है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- CM से सम्मानित शेख सोबराती का परिवार दाने-दाने को है मोहताज

नहीं चलेगी पोस्टमैन की मनमानी
बता दें कि पोस्टमैन की लापरवाही से समय पर लेटर नहीं पहुंचाई जा रही थी, जिससे लोग सामान्य लेटर सेवा की जगह स्पीड पोस्ट और कोरियर सर्विस पर निर्भर होने लगे थे. डाक विभाग को इस वजह से भी काफी नुकसान हो रहा था. इसी को ध्यान में रखकर डाक विभाग ने लेटर बॉक्स के अंदर बारकोड सिस्टम लागू किया है.

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इंटरनेट से जुड़ गये लेटर बॉक्स

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बारकोड से जुड़ गये लेटर बॉक्स
बारकोड सिस्टम से जुड़ने के बाद मुख्य ऑफिस के साथ-साथ भारत में कहीं भी बैठे डाक विभाग के अधिकारी किसी भी लेटर बॉक्स की जानकारी प्राप्त कर ले रहे हैं. भागलपुर जिले के सभी डाकघर के लेटर बॉक्स में यह सिस्टम लागू कर दिया गया है.

बारकोड से हर लेटर की GPO रखता है जानकारी
डाक विभाग ने नन्यासा एप्लीकेशन के माध्यम से सभी लेटर बॉक्स को जोड़ा गया है. जिससे रोजाना लेटर बॉक्स को खोलने पर लेटर बॉक्स के बार कोड को स्कैन कर विभाग के साइट पर अपलोड करना पड़ रहा है. इस सिस्टम के लागू होने से रोजाना लेटर बॉक्स खुलने लगा है. लेटर बॉक्स के इंटरनेट से कनेक्ट होने से पोस्टमैन कितने बजे बॉक्स को खोल रहा है , कितने समय में कितनी पोस्ट डिलीवरी की गई, यह जानकारी भी जीपीओ को आसानी से मिल जा रही है.

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'लेटर बॉक्स के इंटरनेट से जुड़ने के कारण आमजन का डाक समय पर पहुंच जा रहा है, साथ ही पोस्टमैन की लापरवाही भी पकड़ी जा रही है.'- आरपी प्रसाद, डाक अधीक्षक, भागलपुर

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आरपी प्रसाद, डाक अधीक्षक, भागलपुर

डाक विभाग ने खुद को किया अपग्रेड
बता दें कि डाक विभाग को लगातार कंप्लेंट्स भेजी जा रही थी कि डाकिया लेटर बॉक्स नहीं खोलते. इसलिए डाक विभाग ने बारकोड सिस्टम लागू किया. नए सिस्टम में लेटर बॉक्स से निकले लेटर की डिटेल का भी पता चल रहा है. जिले के सभी लेटर बॉक्स को अपडेट कर दिया गया है. सभी लेटर बॉक्स की साफ-सफाई और रंगाई कर दी गई है. एक बार फिर डाक विभाग ने खुद को अपग्रेड करके पुराने समय की यादें भी ताजा कर दीं हैं.

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