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भागलपुरः बांग्लादेशी कैदी की इलाज के दौरान मौत

बांग्लादेश का नागरिक मोहम्मद तौफीक मूल रूप से मल्लिकपुर कंसार चकौती का रहने वाला था. पूर्णिया के नगर थाना में उसपर दर्ज केस के तहत उसे 13 जनवरी 2010 को जेल भेजा गया था.

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Published : Dec 26, 2020, 9:09 PM IST

भागलपुरः जिले के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बांग्लादेश के रहने वाले कैदी की मौत हो गई. 61 वर्षीय कैदी मोहम्मद तौफीक की मौत हृदय गति रुकने से हो गई. वह पिछले 6 साल से पूर्णिया जेल में बंद था. मोहम्मद तौफीक को तबीयत बिगड़ने के बाद 24 नवंबर को पूर्णिया सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे 5 दिसंबर को भागलपुर रेफर कर दिया गया था.

वतन लौटने की थी आस
कैदी मोहम्मद तौफीक की इलाज के दौरान देर रात करीब एक बजे मौत हो गई. उसका 3 साल का कारावास भारत में पूरा हो गया था. तौफीक को अपने वतन लौटने की आस थी.

देखें रिपोर्ट

"बांग्लादेश के रहने वाले वृद्ध कैदी की तबीयत जेल में बिगड़ने के बाद इलाज के लिए पूर्णिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां से बेहतर इलाज के लिए भागलपुर भेज दिया गया. इलाज के क्रम में कैदी की मौत हो गई. मोहम्मद तौफीक की सजा पूरी हो गई थी, लेकिन उसके परिवार वाले उसे लेने नहीं पहुंचे. इससे वह जेल में ही रह रहा था." - पवन कुमार यादव, एसआई, पूर्णिया जेल

3 साल की मिली थी सजा
बता दें कि बांग्लादेश का नागरिक मोहम्मद तौफीक मूल रूप से मल्लिकपुर कंसार चकौती का रहने वाला था. पूर्णिया के नगर थाना में उसपर दर्ज केस के तहत उसे 13 जनवरी 2010 को जेल भेजा गया था. जनवरी 2013 में उसे 3 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई और 3000 का अर्थदंड भी लगाया गया था. 17 सितंबर 2017 को मोहम्मद तौफीक की वतन वापसी थी, लेकिन उसे लेने के लिए बांग्लादेश से उसके परिजन नहीं आए. इसके बाद से वह जेल में ही रह रहा था.

भागलपुरः जिले के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बांग्लादेश के रहने वाले कैदी की मौत हो गई. 61 वर्षीय कैदी मोहम्मद तौफीक की मौत हृदय गति रुकने से हो गई. वह पिछले 6 साल से पूर्णिया जेल में बंद था. मोहम्मद तौफीक को तबीयत बिगड़ने के बाद 24 नवंबर को पूर्णिया सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे 5 दिसंबर को भागलपुर रेफर कर दिया गया था.

वतन लौटने की थी आस
कैदी मोहम्मद तौफीक की इलाज के दौरान देर रात करीब एक बजे मौत हो गई. उसका 3 साल का कारावास भारत में पूरा हो गया था. तौफीक को अपने वतन लौटने की आस थी.

देखें रिपोर्ट

"बांग्लादेश के रहने वाले वृद्ध कैदी की तबीयत जेल में बिगड़ने के बाद इलाज के लिए पूर्णिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां से बेहतर इलाज के लिए भागलपुर भेज दिया गया. इलाज के क्रम में कैदी की मौत हो गई. मोहम्मद तौफीक की सजा पूरी हो गई थी, लेकिन उसके परिवार वाले उसे लेने नहीं पहुंचे. इससे वह जेल में ही रह रहा था." - पवन कुमार यादव, एसआई, पूर्णिया जेल

3 साल की मिली थी सजा
बता दें कि बांग्लादेश का नागरिक मोहम्मद तौफीक मूल रूप से मल्लिकपुर कंसार चकौती का रहने वाला था. पूर्णिया के नगर थाना में उसपर दर्ज केस के तहत उसे 13 जनवरी 2010 को जेल भेजा गया था. जनवरी 2013 में उसे 3 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई और 3000 का अर्थदंड भी लगाया गया था. 17 सितंबर 2017 को मोहम्मद तौफीक की वतन वापसी थी, लेकिन उसे लेने के लिए बांग्लादेश से उसके परिजन नहीं आए. इसके बाद से वह जेल में ही रह रहा था.

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