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भागलपुर: लॉकडाउन के कारण शादियां कैंसिल, बैंड वालों के सामने भुखमरी का संकट

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Published : May 30, 2020, 8:31 PM IST

Updated : May 31, 2020, 3:56 PM IST

तबारक हुसैन ने कहा कि लॉकडाउन के कारण हम लोगों का काम बंद हो गया है जिस कारण जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है. मार्च से लेकर जून तक होने वाली शादियों में किसी बैंड मास्टर को 40 तो किसी को 50 ऑर्डर मिले थे. लेकिन सभी अब कैंसिल हो चुके हैं.

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भागलपुर: कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन ने समाज के हर तबके की रोजी रोटी पर प्रभाव डाला है. इस प्रभावित समूह में बैंड बाजा वाले लोग भी शामिल हैं. यूं तो अप्रैल-मई-जून के सीजन में बाजारों से लेकर गांव और शहरी क्षेत्रों में बैंड बाजे की धुन सुनाई देती रहती थी. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन ने बैंड संचालकों की आर्थिक हालत खराब कर दी है.

अधिकांश बैंड संचालकों ने कर्मचारियों को फरवरी-मार्च में ही एडवांस दे दिए थे, जिससे सीजन में ये कर्मचारी बैंड बजाने कहीं और न जायें. लेकिन हालत ऐसी हो गई है कि संचालक सहित कर्मचारी चाहकर भी कहीं जा नहीं पा रहे हैं. जिले भर में लगभग 200 बैंड पार्टी से जुड़े दो हजार से अधिक लोगों के मन में यही सवाल है कि 3 महीने का सीजन निकल गया, अब पूरे साल का गुजारा कैसे होगा.

पेश है रिपोर्ट

लोग कैंसिल कर रहे बुकिंग
बैंड बाजा संचालकों का कहना है कि शादियों के सीजन में एक के बाद एक जगह जाने के लिए कर्मचारियों की कमी न हो, इसके लिए दो चार महीने पहले ही कर्मचारियों को एडवांस पैसे देकर बुक कर लिया था. लेकिन इस साल कोरोना ने सारी योजनाओं पर पानी फेर दिया. अप्रैल और मई का महीना बिना काम के ही निकलने से बैंड बाजा संचालक के परिवारों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बैंड बाजा संचालक बेरोजगार हो गए हैं. कोरोना के इस कहर में कहीं शादी नहीं हो रही है. जिन लोगों ने शादियों के लिए बैंड बाजे बुक किये थे, वे भी अपने एडवांस राशि वापस ले रहे हैं.

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बैंड संचालक

सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं
बैंड मास्टर मोहम्मद फैयाज ने बताया कि शहर में हम लोगों के करीब 45 परिवार हैं. कोरोना काल में खुद का ही बाजा बज गया है. हर एक बैंड पार्टी के साथ लगभग 70 से 80 लोग जुड़े होते हैं. इस बार शादी का सीजन भी अच्छा था. हर बैंड वाले के पास छोटी-बड़ी लगभग 25 से 30 शादियां बुक थीं. अब लोग फोन पर संपर्क करके बुकिंग निरस्त करा रहे हैं. मोहम्मद चांद ने कहा कि शादी कैंसिल हो गई है और हम लोगों का धंधा चौपट हो गया है. ऐसे में आमदनी का कोई जरिया नहीं है. उनका कहना है कि बैंड वालों के लिए सरकार की तरफ से भी सहायता का कोई ऐलान नहीं किया गया है.

2 महीने से बेरोजगार
तबारक हुसैन ने कहा कि लॉकडाउन के कारण हम लोगों का काम बंद हो गया है जिस कारण जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है. मार्च से लेकर जून तक होने वाली शादियों में किसी बैंड मास्टर को 40 तो किसी को 50 ऑर्डर मिले थे. लेकिन सभी अब कैंसिल हो चुके हैं. निकट में शादी की कोई गुंजाइश भी नहीं है. अब हम लोग भुखमरी के कगार पर हैं.

भागलपुर: कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन ने समाज के हर तबके की रोजी रोटी पर प्रभाव डाला है. इस प्रभावित समूह में बैंड बाजा वाले लोग भी शामिल हैं. यूं तो अप्रैल-मई-जून के सीजन में बाजारों से लेकर गांव और शहरी क्षेत्रों में बैंड बाजे की धुन सुनाई देती रहती थी. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन ने बैंड संचालकों की आर्थिक हालत खराब कर दी है.

अधिकांश बैंड संचालकों ने कर्मचारियों को फरवरी-मार्च में ही एडवांस दे दिए थे, जिससे सीजन में ये कर्मचारी बैंड बजाने कहीं और न जायें. लेकिन हालत ऐसी हो गई है कि संचालक सहित कर्मचारी चाहकर भी कहीं जा नहीं पा रहे हैं. जिले भर में लगभग 200 बैंड पार्टी से जुड़े दो हजार से अधिक लोगों के मन में यही सवाल है कि 3 महीने का सीजन निकल गया, अब पूरे साल का गुजारा कैसे होगा.

पेश है रिपोर्ट

लोग कैंसिल कर रहे बुकिंग
बैंड बाजा संचालकों का कहना है कि शादियों के सीजन में एक के बाद एक जगह जाने के लिए कर्मचारियों की कमी न हो, इसके लिए दो चार महीने पहले ही कर्मचारियों को एडवांस पैसे देकर बुक कर लिया था. लेकिन इस साल कोरोना ने सारी योजनाओं पर पानी फेर दिया. अप्रैल और मई का महीना बिना काम के ही निकलने से बैंड बाजा संचालक के परिवारों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बैंड बाजा संचालक बेरोजगार हो गए हैं. कोरोना के इस कहर में कहीं शादी नहीं हो रही है. जिन लोगों ने शादियों के लिए बैंड बाजे बुक किये थे, वे भी अपने एडवांस राशि वापस ले रहे हैं.

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बैंड संचालक

सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं
बैंड मास्टर मोहम्मद फैयाज ने बताया कि शहर में हम लोगों के करीब 45 परिवार हैं. कोरोना काल में खुद का ही बाजा बज गया है. हर एक बैंड पार्टी के साथ लगभग 70 से 80 लोग जुड़े होते हैं. इस बार शादी का सीजन भी अच्छा था. हर बैंड वाले के पास छोटी-बड़ी लगभग 25 से 30 शादियां बुक थीं. अब लोग फोन पर संपर्क करके बुकिंग निरस्त करा रहे हैं. मोहम्मद चांद ने कहा कि शादी कैंसिल हो गई है और हम लोगों का धंधा चौपट हो गया है. ऐसे में आमदनी का कोई जरिया नहीं है. उनका कहना है कि बैंड वालों के लिए सरकार की तरफ से भी सहायता का कोई ऐलान नहीं किया गया है.

2 महीने से बेरोजगार
तबारक हुसैन ने कहा कि लॉकडाउन के कारण हम लोगों का काम बंद हो गया है जिस कारण जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है. मार्च से लेकर जून तक होने वाली शादियों में किसी बैंड मास्टर को 40 तो किसी को 50 ऑर्डर मिले थे. लेकिन सभी अब कैंसिल हो चुके हैं. निकट में शादी की कोई गुंजाइश भी नहीं है. अब हम लोग भुखमरी के कगार पर हैं.

Last Updated : May 31, 2020, 3:56 PM IST
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