भागलपुर: समाहरणालय परिसर में असंगठित कामगार महासंघ के बैनर तले एक्टू ने लेबर कोड बिल के विरोध में धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन का नेतृत्व एक्टू के महासचिव एसके शर्मा ने किया. धरना प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए. साथ ही एक्टू ने सरकार से मजदूरों के हितों के लिए पुरानी 44 कानून की बहाली की मांग के साथ सरकार को मांगे ना माने जाने पर राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन की सख्त लहजे में चेतावनी भी दी.
'चार कोड बिल मजदूरों की गुलामी'
धरना प्रदर्शन के दौरान अपनी मांगों के समर्थन में एक्टू के कार्यकर्ताओं की ओर से भारत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. साथ ही एक्टू ने धरना प्रदर्शन के बाद अपने मांगों के संबंध में डीएम को एक मांग पत्र सौंपा. एक्टू के कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के चार कोड बिल को मजदूरों की गुलामी का बिल बताया, साथ ही एक्टू कार्यकर्ताओं ने इस बिल के जरिए सरकार पर पब्लिक सेक्टर को बर्बाद करने का आरोप लगाया है.
'मोदी सरकार ने मजदूर वर्ग पर हमला किया है'
एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसके शर्मा ने कहा कि वर्तमान कि मोदी सरकार ने मजदूर वर्ग पर हमला कर दिया है. काफी लंबी लड़ाई के बाद मजदूरों के हितों के लिए 44 तरह के कानून को बनाया गया था. वर्तमान मोदी सरकार उस 44 कानून को हटाकर चार कोड बिल ले आई है. इस चार कोड बिल में मजदूरों के लिए गुलामी के अलावा कुछ नहीं है. एसके शर्मा ने कहा कि इस कोड बिल ने पब्लिक सेक्टर को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. इस बिल के विरोध में हम लोग आज धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. यदि इस बिल को सरकार वापस नहीं लेती है तो हम राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन करेंगे.