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बेगूसराय: लॉकडाउन में जब सारे स्कूल हैं बंद, 'दिनकर' के पैतृक गांव में युवा पेश कर रहें हैं मिशाल - राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के पैतृक गांव सिमरिया में लोगों ने खाली समय में प्रतिदिन दिनकर की काव्य रचनाओं को बच्चों को याद कराने का संकल्प लिया है.

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Published : Apr 29, 2020, 12:09 AM IST

बेगूसराय: देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण स्कूल-कॉलेज बंद होने से बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है. सभी शैक्षणिक संस्थान बंद होने के कारण घर के लोग भी परेशान हैं. इसी बीच राष्ट्रकवि दिनकर के पैतृक गांव सिमरिया में कुछ युवाओं ने बच्चों को दिनकर की काव्य रचनाएं पढ़ानी शुरू की है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस के प्रति बच्चों को जागरूक भी किया जा रहा है.

कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के कारण जिले को हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है. लॉकडाउन के कारण सभी सरकारी एवं गैरसरकारी शिक्षण संस्थान बंद हैं. लंबे समय से विद्यालय बंद होने के कारण बच्चों की शरारतें बढ़ने लगी है. इससे बच्चों के माता-पिता काफी परेशान हैं. वहीं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के पैतृक गांव सिमरिया में लोगों ने इसके लिए अनूठा तरीका निकाला है. यहां के युवाओं और बुजुर्गों ने खाली समय में प्रतिदिन दिनकर की काव्य रचनाओं को बच्चों को याद कराने का संकल्प लिया है. इससे इनका खाली समय भी निकल जाता है और खेल खेल में बच्चे दिनकर की काव्य रचनाओं को आत्मसात भी कर रहे हैं.

दिनकर की काव्य रचना सुनते बच्चे
दिनकर की काव्य रचना सुनते बच्चे

बच्चे हैं उत्साहित
इसको लेकर बच्चे काफी उत्साहित हैं. वहीं ग्रामीण इस बात से खुश हैं कि बच्चे इसी बहाने दिनकर जी को करीब से समझ पाएंगे. बच्चों को काव्य पाठ के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस से बचाव के तरीके भी समझाए जा रहे हैं.

बेगूसराय: देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण स्कूल-कॉलेज बंद होने से बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है. सभी शैक्षणिक संस्थान बंद होने के कारण घर के लोग भी परेशान हैं. इसी बीच राष्ट्रकवि दिनकर के पैतृक गांव सिमरिया में कुछ युवाओं ने बच्चों को दिनकर की काव्य रचनाएं पढ़ानी शुरू की है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस के प्रति बच्चों को जागरूक भी किया जा रहा है.

कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के कारण जिले को हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है. लॉकडाउन के कारण सभी सरकारी एवं गैरसरकारी शिक्षण संस्थान बंद हैं. लंबे समय से विद्यालय बंद होने के कारण बच्चों की शरारतें बढ़ने लगी है. इससे बच्चों के माता-पिता काफी परेशान हैं. वहीं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के पैतृक गांव सिमरिया में लोगों ने इसके लिए अनूठा तरीका निकाला है. यहां के युवाओं और बुजुर्गों ने खाली समय में प्रतिदिन दिनकर की काव्य रचनाओं को बच्चों को याद कराने का संकल्प लिया है. इससे इनका खाली समय भी निकल जाता है और खेल खेल में बच्चे दिनकर की काव्य रचनाओं को आत्मसात भी कर रहे हैं.

दिनकर की काव्य रचना सुनते बच्चे
दिनकर की काव्य रचना सुनते बच्चे

बच्चे हैं उत्साहित
इसको लेकर बच्चे काफी उत्साहित हैं. वहीं ग्रामीण इस बात से खुश हैं कि बच्चे इसी बहाने दिनकर जी को करीब से समझ पाएंगे. बच्चों को काव्य पाठ के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस से बचाव के तरीके भी समझाए जा रहे हैं.

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