बेगूसराय: देश के अग्रणी रिफाइनरियों में से एक बरौनी रिफाइनरी में मजदूर और प्रबंधक के बीच का खींचतान अब आंदोलन का रूप लेता जा रहा है. बता दें कि विभिन्न मांगों को लेकर बीटीएमयू और श्रमिक विकास परिषद ने आगामी शुक्रवार को संयुक्त रूप से बरौनी रिफाइनरी में एक दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया है. जिसको लेकर गुरुवार शाम को रिफाइनरी गेट पर ठेका मजदूरों ने मशाल जुलूस निकालकर जमकर बवाल काटा और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
'तुगलकी फरमान से होगी परेशानी'
गौरतलब है कि धरना प्रदर्शन में पांच से छह हजार मजदूर बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर बैठ गए. रिफाइनरी प्रबंधन के लाख मनाने के बावजूद मजदूर अपनी मांगों पर अड़े रहे. मजदूरों का आरोप है कि बरौनी प्रबंधन की ओर से सुबह 8 से लेकर रात आठ बजे तक मशीन की तरह काम करवाया जाता है और बदले में कोई सुविधा नहीं दी जाती है. साथ ही मजदूरों का आरोप है कि प्रबंधन की ओर से पारित नए आदेश में लिखा गया है कि मजदूर जो अंदर काम करने जाएंगे वह रात 8 बजे से पहले वापस नहीं आ सकते हैं. मजदूरों का कहना है कि इस तुगलकी फरमान के बाद उन्हें काम करने में काफी परेशानी होगी.
'सुरक्षा दृष्टिकोण से नया आदेश महत्वपूर्ण'
वहीं, मामले में बीटीएमयू और श्रमिक विकास परिषद के संयुक्त यूनियन नेताओं का दावा है कि एक दिवसीय हड़ताल की वजह से कम से कम 5 करोड़ का नुकसान बरौनी रिफाइनरी को उठाना पड़ेगा. हड़ताल में एंबुलेंस और फायर टीम को अलग रखा गया है. लेकिन पूरा मार्केटिंग डिविजन बंद रहेगा. बरौनी रिफाईनरी के सभी प्लांटों को बंद किया जाएगा. जिसमें उत्पादन भी शामिल है. इस संबंध में बीटीएमयू प्रबंधन का कहना है कि सुरक्षा दृष्टिकोण से नया आदेश काफी महत्वपूर्ण है. अगर किसी मजदूर को कोई समस्या है तो वह पर्सनली मिल सकते हैं उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा. साथ ही साथ उनकी सभी मांगों पर भी विचार किया जाएगा.