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बरौनी रिफाइनरी के ठेका मजदूरों ने जमकर काटा बवाल, विभिन्न मांगों को लेकर दिया धरना - Labor development council

गुरुवार शाम को रिफाइनरी गेट पर ठेका मजदूरों ने मशाल जुलूस निकालकर जमकर बवाल काटा और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की. धरना प्रदर्शन में पांच से छह हजार मजदूर बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर बैठ गए.

ठेका मजदूरों ने जमकर काटा बवाल
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Published : Nov 21, 2019, 11:21 PM IST

बेगूसराय: देश के अग्रणी रिफाइनरियों में से एक बरौनी रिफाइनरी में मजदूर और प्रबंधक के बीच का खींचतान अब आंदोलन का रूप लेता जा रहा है. बता दें कि विभिन्न मांगों को लेकर बीटीएमयू और श्रमिक विकास परिषद ने आगामी शुक्रवार को संयुक्त रूप से बरौनी रिफाइनरी में एक दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया है. जिसको लेकर गुरुवार शाम को रिफाइनरी गेट पर ठेका मजदूरों ने मशाल जुलूस निकालकर जमकर बवाल काटा और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की.

बरौनी रिफाइनरी के ठेका मजदूरों ने जमकर काटा बवाल

'तुगलकी फरमान से होगी परेशानी'
गौरतलब है कि धरना प्रदर्शन में पांच से छह हजार मजदूर बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर बैठ गए. रिफाइनरी प्रबंधन के लाख मनाने के बावजूद मजदूर अपनी मांगों पर अड़े रहे. मजदूरों का आरोप है कि बरौनी प्रबंधन की ओर से सुबह 8 से लेकर रात आठ बजे तक मशीन की तरह काम करवाया जाता है और बदले में कोई सुविधा नहीं दी जाती है. साथ ही मजदूरों का आरोप है कि प्रबंधन की ओर से पारित नए आदेश में लिखा गया है कि मजदूर जो अंदर काम करने जाएंगे वह रात 8 बजे से पहले वापस नहीं आ सकते हैं. मजदूरों का कहना है कि इस तुगलकी फरमान के बाद उन्हें काम करने में काफी परेशानी होगी.

धरना प्रदर्शन, बेगूसराय
धरना प्रदर्शन करते उग्र मजदूर

'सुरक्षा दृष्टिकोण से नया आदेश महत्वपूर्ण'
वहीं, मामले में बीटीएमयू और श्रमिक विकास परिषद के संयुक्त यूनियन नेताओं का दावा है कि एक दिवसीय हड़ताल की वजह से कम से कम 5 करोड़ का नुकसान बरौनी रिफाइनरी को उठाना पड़ेगा. हड़ताल में एंबुलेंस और फायर टीम को अलग रखा गया है. लेकिन पूरा मार्केटिंग डिविजन बंद रहेगा. बरौनी रिफाईनरी के सभी प्लांटों को बंद किया जाएगा. जिसमें उत्पादन भी शामिल है. इस संबंध में बीटीएमयू प्रबंधन का कहना है कि सुरक्षा दृष्टिकोण से नया आदेश काफी महत्वपूर्ण है. अगर किसी मजदूर को कोई समस्या है तो वह पर्सनली मिल सकते हैं उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा. साथ ही साथ उनकी सभी मांगों पर भी विचार किया जाएगा.

बेगूसराय: देश के अग्रणी रिफाइनरियों में से एक बरौनी रिफाइनरी में मजदूर और प्रबंधक के बीच का खींचतान अब आंदोलन का रूप लेता जा रहा है. बता दें कि विभिन्न मांगों को लेकर बीटीएमयू और श्रमिक विकास परिषद ने आगामी शुक्रवार को संयुक्त रूप से बरौनी रिफाइनरी में एक दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया है. जिसको लेकर गुरुवार शाम को रिफाइनरी गेट पर ठेका मजदूरों ने मशाल जुलूस निकालकर जमकर बवाल काटा और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की.

बरौनी रिफाइनरी के ठेका मजदूरों ने जमकर काटा बवाल

'तुगलकी फरमान से होगी परेशानी'
गौरतलब है कि धरना प्रदर्शन में पांच से छह हजार मजदूर बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर बैठ गए. रिफाइनरी प्रबंधन के लाख मनाने के बावजूद मजदूर अपनी मांगों पर अड़े रहे. मजदूरों का आरोप है कि बरौनी प्रबंधन की ओर से सुबह 8 से लेकर रात आठ बजे तक मशीन की तरह काम करवाया जाता है और बदले में कोई सुविधा नहीं दी जाती है. साथ ही मजदूरों का आरोप है कि प्रबंधन की ओर से पारित नए आदेश में लिखा गया है कि मजदूर जो अंदर काम करने जाएंगे वह रात 8 बजे से पहले वापस नहीं आ सकते हैं. मजदूरों का कहना है कि इस तुगलकी फरमान के बाद उन्हें काम करने में काफी परेशानी होगी.

धरना प्रदर्शन, बेगूसराय
धरना प्रदर्शन करते उग्र मजदूर

'सुरक्षा दृष्टिकोण से नया आदेश महत्वपूर्ण'
वहीं, मामले में बीटीएमयू और श्रमिक विकास परिषद के संयुक्त यूनियन नेताओं का दावा है कि एक दिवसीय हड़ताल की वजह से कम से कम 5 करोड़ का नुकसान बरौनी रिफाइनरी को उठाना पड़ेगा. हड़ताल में एंबुलेंस और फायर टीम को अलग रखा गया है. लेकिन पूरा मार्केटिंग डिविजन बंद रहेगा. बरौनी रिफाईनरी के सभी प्लांटों को बंद किया जाएगा. जिसमें उत्पादन भी शामिल है. इस संबंध में बीटीएमयू प्रबंधन का कहना है कि सुरक्षा दृष्टिकोण से नया आदेश काफी महत्वपूर्ण है. अगर किसी मजदूर को कोई समस्या है तो वह पर्सनली मिल सकते हैं उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा. साथ ही साथ उनकी सभी मांगों पर भी विचार किया जाएगा.

Intro:देश के अग्रणी रिफाइनरी में से एक बरौनी रिफाइनरी में मजदुर और प्रबंधक के बीच का खींचतान अब आंदोलन का रूप लेता जा रहा है । बरौनी प्रबंधन जहा अपनी शर्तों पर मजदुरो से काम कराना चाहता है वही मजदूर प्रबंधन के आदेश को मानने को तैयार नही है । मजदूरों का आरोप है कि बरौनी प्रबंधन सिर्फ उनसे सुबह 8 बजे से लेकर रात आठ बजे तक मशीन की तरह काम करवाए और बदले में उन्हें न कोई सुविधा दी जाए न हीं समय पर मजदूरी । इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज बरौनी रिफाइनरी के ठेका मजदूरों ने जमकर बवाल काटा और प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । देखते ही देखते या नारेबाजी धरना और प्रदर्शन में तब्दील हो गया ।
इस धरना और प्रदर्शन में पांच से छह हजार मजदूर काम का बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर बैठ गए । प्रबंधन द्वारा इन्हें लाख मनाने की कोशिश की गई और यह मजदूर देर शाम तक मानने को तैयार नहीं थे । आज के इस प्रदर्शन मे हर तरफ मजदूर ही मजदूर नजर आ रहे थे ।

Body:- बरौनी रिफाइनरी प्रबंधन और यहां पर काम करने वाले ठेका मजदूर की बीच की खींचतान अब आंदोलन का रूप ले चुका है । इसी खींच तान का परिणाम है कि इन मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बृहस्पतिवार को जमकर बवाल काटा । इस दौरान प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी शर्तों को मानने की बात दोहराई। मजदूरों ने काम का बहिष्कार करते हुए धरना और प्रदर्शन किया और प्रबंधन के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए ।।आज के इस प्रदेर्शन मे हर तरफ मजदूर ही मजदूर नजर आ रहे थे । वही ठेका मजदूरो की इस विशाल प्रदेर्शन में प् प्रबंधन के द्वारा मजदूरों की मांगों पर बिचार करने के आश्वासन दिया गया पर मजदूर मानने को तैयार नहीं थे । आज के इस प्रदर्शन मे तकरीबन 6 हज़ार ठेका मजदूर शामिल थे जिन्होंने काम का बहिष्कार करते हुए धरना और प्रदर्शन किया । आज चिका मजदूरों के विशाल धरना और प्रदर्शन के बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि बरौनी रिफाइनरी प्रबंधन और यहाँ काम।करने वाले मजदूरों के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है । मजदूरों ने बरौनी रिफाइनरी के उस आदेश के खिलाफ धरना और प्रदर्शन पर उतारू हो गए जिसमें बरौनी रिफाइनरी ने ठेका मजदूरों को सुबह 8:00 बजे से लेकर 8:30 बजे तक ही प्रवेश करने का आदेश दिया है । ऐसा नहीं करने पर ठेका मजदूरो को प्रवेश पर वर्जित करने का आदेश प्रबंधन ने सुनाया है । पर मजदूर रिफाइंड के इस आदेश को जायज नहीं मानते हैं । मजदूरों का आरोप है कि इस आदेश में यह भी लिखा गया है कि मजदूर जो अंदर काम करने जाएंगे वह रात 8:00 बजे से पहले वापस नहीं आ सकते हैं । मजदूरों का कहना है कि यहां काम करने वाले मजदूर काफी दूरदराज से आते हैं । इस तुगलकी फरमान के बाद उन्हें काम करने में काफी परेशानी होगी । मजदूरों का कहना है कि एक तो उन्हें तीन चार महीने के बाद मजदूरी का आधा रुपया दिया जाता है वही प्रबंधन के द्वारा अंदर में न तो बैठने की व्यवस्था है ना तो पासून की व्यवस्था है न तो समुचित पानी पीने की व्यवस्था की गई है । मजदूरों का कहना है कि उनको बीएफ और दूसरी सुविधाएं भी नहीं मिल रही है पर रिफाइनरी प्रबंधन चुपचाप है । ठेकेदारों के अंदर में काम करने वाले यह मजदूर खुद को काफी थका हुआ महसूस कर रहे हैं और आज इनका गुस्सा उस वक्त सामने आया जब इन्हें बरौनी रिफाइनरी में प्रवेश के लिए रोका गया । वही प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने ठेकेदार सुपरवाइजर और मजदूरों को 2 सप्ताह पहले ही इसकी सूचना दे दी गई थी इसके इसके बावजूद आज इस नियम को कड़ाई से पालन कराया गया । प्रबंधन का कहना है कि यह सुरक्षा दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण आदेश है । अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी मजदूर को कोई समस्या है तो वह पर्सनली मिल सकते हैं उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा साथ ही साथ उनकी सभी मांगों पर विचार किया जाएगा । आज के आंदोलन के दौरान स्कूटी डायरेक्टर शुक्ला मिस्त्री ने भी मजदूरों को काफी समझाने की कोशिश की पर मजदूर काफी उग्र नजर आए ।
बाइट- मजदूर
बाइट- मजदूर
बाइट- मानस वोरा - चीफ जनरल मैनेजर ह्यूमन रिसोर्स बरौनी रिफाइनरीConclusion:
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