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बेगूसराय: NRC, NPR और CAA के विरोध में महिलाओं ने निकाला विरोध मार्च - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

बेगूसराय में एनआरसी, एनपीआर और सीएए के खिलाफ महिला दिवस के मौके पर महिलाओं ने विरोध मार्च निकाला. महिलाओं ने कहा कि 1500 रुपये में काम करने वाली महिला रसोईयों को 5 से 10 महीने तक राशि का भुगतान नहीं किया जाता है.

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महिलाओं ने निकाला विरोध मार्च
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Published : Mar 9, 2020, 8:13 AM IST

Updated : Mar 9, 2020, 8:23 AM IST

बेगूसराय: जिले में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन मोर्चा की ओर से विरोध मार्च निकाला गया. इस मौके पर विरोध मार्च में शामिल महिलाओं ने सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए एनआरसी, एनपीआर और सीएए वापस लेने की मांग की.

'महिला विरोधी कानून दिया करार'
बेगूसराय में एक तरफ जहां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रमों की धूम रही. वहीं, दूसरी तरफ अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की ओर से एनआरसी और एनपीआर के विरोध में प्रदर्शन का दौर जारी रहा. इस दौरान महिलाओं ने इस कानून को वापस लेने की मांग की. साथ ही इसे महिला विरोधी कानून करार दिया.

देखें पूरी रिपोर्ट

'बेटी पढ़ाओ बेटी पढ़ाओ का नारा हो रहा बेकार साबित'
इस मौके पर विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि यह कैसा महिला दिवस है, जहां महज 1500 रुपये में काम करने वाली महिला रसोईयों को 5 से 10 महीने तक राशि का भुगतान नहीं किया जाता है. वहीं, महिलाओं के समर्थन में उतरे नेताओं ने कहा कि बेटी पढ़ाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बेकार साबित हो रहा है.

बेगूसराय: जिले में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन मोर्चा की ओर से विरोध मार्च निकाला गया. इस मौके पर विरोध मार्च में शामिल महिलाओं ने सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए एनआरसी, एनपीआर और सीएए वापस लेने की मांग की.

'महिला विरोधी कानून दिया करार'
बेगूसराय में एक तरफ जहां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रमों की धूम रही. वहीं, दूसरी तरफ अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की ओर से एनआरसी और एनपीआर के विरोध में प्रदर्शन का दौर जारी रहा. इस दौरान महिलाओं ने इस कानून को वापस लेने की मांग की. साथ ही इसे महिला विरोधी कानून करार दिया.

देखें पूरी रिपोर्ट

'बेटी पढ़ाओ बेटी पढ़ाओ का नारा हो रहा बेकार साबित'
इस मौके पर विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि यह कैसा महिला दिवस है, जहां महज 1500 रुपये में काम करने वाली महिला रसोईयों को 5 से 10 महीने तक राशि का भुगतान नहीं किया जाता है. वहीं, महिलाओं के समर्थन में उतरे नेताओं ने कहा कि बेटी पढ़ाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बेकार साबित हो रहा है.

Last Updated : Mar 9, 2020, 8:23 AM IST
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