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चरित्र प्रमाण-पत्र के लिए घंटों धूप में खड़ी रहती हैं महिलाएं, नहीं है कोई विशेष इंतजाम - बिहार ताजा समाचार

आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक की भर्ती के लिए पुलिस विभाग की ओर से निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है. जिसके लिए महिलाओं को घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है.

कैरैक्टर सर्टिफिकेट के लिए कतार में खड़ी महिलाएं
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Published : Aug 21, 2019, 11:50 AM IST

बेगूसराय: जिले के एसपी ऑफिस में सैंकड़ों की संख्या में लड़की और महिलाएं अपना चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने आई हैं. बेगूसराय जिले के 18 प्रखंडों में समाज कल्याण विभाग की ओर से महिला पर्यवेक्षक के 121 पद के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है. शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के अलावा अभ्यर्थी को पुलिस विभाग से चरित्र प्रमाण पत्र बनवा कर देना होता है. इसका उद्देश्य इस बात की प्रमाणिकता होगी कि अभ्यर्थी के खिलाफ थाने में किसी भी तरह का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.

चरित्र प्रमाण-पत्र के लिए परेशान महिलाएं

घंटों चिलचिलाती धूप में खड़ी महिलाएं
बेरोजगारी की मार झेल रहे बिहार में पढ़े लिखे लोगों के लिए किसी भी विभाग की बहाली एक पर्व के समान होता है. चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बीते कई दिनों से हजारों की संख्या में लड़की और महिलाएं पुलिस अधीक्षक कार्यालय का चक्कर काट रही हैं. घंटों चिलचिलाती धूप में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं. कतार में ऐसी भी महिलाएं हैं जो शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं. कुछ ऐसी भी हैं जो गोद में बच्चे को लेकर चिलचिलाती धूप में खड़ी होकर अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं.

begusarai
चरित्र प्रमाण-पत्र के लिए आई आवेदक

जुगाड़ से होता है काम
जब बात पुलिस डिपार्टमेंट की आती है तो कायदे से कोई काम इस विभाग में नहीं होता है. पैरवी वाले लोग अपने अभ्यर्थी को पहले चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने की जुगाड़ में लगे होते हैं. कुछ अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों ने मांग है कि यहां पर महिला सिपाहियों की प्रतिनियुक्ति कर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए. लोग नियम को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. ऐसा नहीं होना चाहिए कि जो लोग घंटों खड़े हैं, वो लाइन में ही खड़े रहें और 5 मिनट पहले आने वाले लोग अपना काम करवा कर निकल जाएं.

begusarai
कैरैक्टर सर्टिफिकेट के लिए कतार में खड़ी महिलाएं

121 पद के लिए हजारों आवेदक
अभ्यर्थियों की परेशानी और हो हंगामे से पुलिस डिपार्टमेंट के लोग बेखबर हैं. अधिकारी भी मानते हैं कि हजारों की संख्या में लोग आ रहे हैं. जिससे जगह की कमी और आदमी की कमी के कारण ये हालात हैं. इससे न सिर्फ महिलाओं और अभिभावकों को परेशानी हो रही है बल्कि थाना से लेकर पुलिस मुख्यालय तक पुलिस डिपार्टमेंट के लोग भी इसमें उलझे हुए हैं.

बेगूसराय: जिले के एसपी ऑफिस में सैंकड़ों की संख्या में लड़की और महिलाएं अपना चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने आई हैं. बेगूसराय जिले के 18 प्रखंडों में समाज कल्याण विभाग की ओर से महिला पर्यवेक्षक के 121 पद के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है. शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के अलावा अभ्यर्थी को पुलिस विभाग से चरित्र प्रमाण पत्र बनवा कर देना होता है. इसका उद्देश्य इस बात की प्रमाणिकता होगी कि अभ्यर्थी के खिलाफ थाने में किसी भी तरह का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.

चरित्र प्रमाण-पत्र के लिए परेशान महिलाएं

घंटों चिलचिलाती धूप में खड़ी महिलाएं
बेरोजगारी की मार झेल रहे बिहार में पढ़े लिखे लोगों के लिए किसी भी विभाग की बहाली एक पर्व के समान होता है. चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बीते कई दिनों से हजारों की संख्या में लड़की और महिलाएं पुलिस अधीक्षक कार्यालय का चक्कर काट रही हैं. घंटों चिलचिलाती धूप में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं. कतार में ऐसी भी महिलाएं हैं जो शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं. कुछ ऐसी भी हैं जो गोद में बच्चे को लेकर चिलचिलाती धूप में खड़ी होकर अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं.

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चरित्र प्रमाण-पत्र के लिए आई आवेदक

जुगाड़ से होता है काम
जब बात पुलिस डिपार्टमेंट की आती है तो कायदे से कोई काम इस विभाग में नहीं होता है. पैरवी वाले लोग अपने अभ्यर्थी को पहले चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने की जुगाड़ में लगे होते हैं. कुछ अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों ने मांग है कि यहां पर महिला सिपाहियों की प्रतिनियुक्ति कर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए. लोग नियम को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. ऐसा नहीं होना चाहिए कि जो लोग घंटों खड़े हैं, वो लाइन में ही खड़े रहें और 5 मिनट पहले आने वाले लोग अपना काम करवा कर निकल जाएं.

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कैरैक्टर सर्टिफिकेट के लिए कतार में खड़ी महिलाएं

121 पद के लिए हजारों आवेदक
अभ्यर्थियों की परेशानी और हो हंगामे से पुलिस डिपार्टमेंट के लोग बेखबर हैं. अधिकारी भी मानते हैं कि हजारों की संख्या में लोग आ रहे हैं. जिससे जगह की कमी और आदमी की कमी के कारण ये हालात हैं. इससे न सिर्फ महिलाओं और अभिभावकों को परेशानी हो रही है बल्कि थाना से लेकर पुलिस मुख्यालय तक पुलिस डिपार्टमेंट के लोग भी इसमें उलझे हुए हैं.

Intro:एंकर- बेगूसराय यह जो आप तस्वीर देख रहे हैं ये एसपी ऑफिस बेगूसराय की है ,जहां सैकड़ों की संख्या में लड़की और महिलाएं अपना चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने आई हैं। ऐसा नहीं है कि चरित्र प्रमाण पत्र की आवश्यकता इन के सामाजिक जीवन या पारिवारिक जीवन के लिए जरूरी है, दरअसल आईसीडीएस के द्वारा महिला पर्यवेक्षिका की बहाली प्रक्रिया में पुलिस विभाग द्वारा निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है जिसके लिए यह महिलाएं घंटों धूप में खड़ी होकर अपना चरित्र प्रमाण पत्र बनवा रही हैं।


Body:vo- बेगूसराय जिले के 18 प्रखंडों में समाज कल्याण विभाग के द्वारा महिला पर्यवेक्षिका के 121 पद के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के अलावे अभ्यर्थी को पुलिस विभाग से चरित्र प्रमाण पत्र बनवा कर देना होता है। इसका उद्देश्य इस चीज की प्रमाणिकता होगी कि अभ्यर्थी के खिलाफ किसी थाने में किसी भी तरह का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
बेरोजगारी की मार झेल रहे बिहार में पढ़े लिखे लोगों के लिए किसी भी विभाग की बहाली एक पर्व के समान होती है और पूरी प्रक्रियाओं को पूरी कर जिस को नौकरी मिलती है स्थानीय भाषा में गंगा नहाना कहा जाता है ,और इसी गंगा नहाने के लिए ये तमाम लोग डुबकियां लगा रहे हैं ।चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बीते कई दिनों से हजारों की संख्या में लड़की और महिलाएं पुलिस अधीक्षक कार्यालय का चक्कर काट रही है और घंटों चिलचिलाती धूप में खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रही हैं।समाचार संकलन के दौरान ऐसी भी महिलाएं मिली जो शारिरीक रूप से अस्वस्थ है और कुछ ऐसी भी मिली जो गोद में बच्चे को लेकर चिलचिलाती धूप में खड़ी होकर अपनी बारी का इंतजार कर रही है।
जब बात पुलिस डिपार्टमेंट की आती है तो कायदे से कोई काम इस विभाग में नहीं होता है यह सभी जानते हैं ,जिस वजह से जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत चरितार्थ करते हुए पैरवी वाले लोग अपने अभ्यर्थी को पहले चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने की जुगत में लगे होते हैं ,जिस वजह से घंटों खड़ी महिलाएं और उनके अभिभावक हंगामा करने लगते हैं।
कुछ अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों ने मांग की कि यहां पर महिला सिपाहियों की प्रतिनियुक्ति कर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए, लोग नियम को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए जो लोग घंटो से खड़े हैं वो लाइन में ही खड़े रह जाते हैं और 5 मिनट पहले आने वाले लोग अपना काम करवा कर निकल लेते हैं।
बाइट-सरस्वती कुमारी,आवेदक
बाइट-नोवा किंम,आवेदक
बाइट-राहुल कुमार,परिजन
vo-अभ्यर्थियों की परेशानी और हो हंगामे से पुलिस डिपार्टमेंट के लोग बेखबर है अधिकारी भी मानते हैं कि हजारो की संख्या में लोग आ रहे हैं जिससे जगह की कमी और आदमी की कमी के कारण ये हालात है लेकिन सब नियंत्रण में है।
बाइट-कुंदन सिंह,मुख्यालय डीएसपी



Conclusion:fvo-सबसे बड़ी बात है जब पर्यवेक्षिका के पद पर महिलाओं की बहाली होनी है और वो भी मात्र 121 सीट पर तो आवेदन करने वाले उन हजारो लोगों से चरित्र प्रमाणपत्र की मांग क्यों की जा रही है ।सबसे आसान तरीका तो ये होना चाहिए कि जिन अभ्यर्थीयों का चयन होता उनसे चरित्र प्रमाणपत्र की मांग की जाती।इससे न सिर्फ महिलाओं और अभिभावकों को परेशानी हो रही है बल्कि थाना से लेकर पुलिस मुख्यालय तक पुलिस डिपार्टमेंट के लोग भी इसमें उलझे हुए हैं।
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