बेगूसराय: 29 अप्रैल को बिहार के सबसे हॉट सीट पर मतदान होना है. यहां से चुनावी मैदान में तीन दिग्गज खड़े हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा सीपीआई कैंडिडेट कन्हैया और बीजेपी प्रत्याशी गिरिराज सिंह की है. हालांकि तनवीर हसन मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. दिल्ली के जेएनयू छात्रसंघ से राजनीतिक पारी शुरू करने वाले कन्हैया कुमार के पास न कोई घर है और न ही कोई गाड़ी है. यही नहीं कन्हैया बेरोजगार भी हैं. लेकिन फिर भी उन्हें वीआईपी उम्मीदवार की श्रेणी में रखा जा रहा है.
फिल्मी हस्तियों ने किया प्रचार
कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय में फिल्मी हस्तियों और देश के नामी गिरामी लोग प्रचार करने पहुंच रहे हैं. नामांकन में स्वरा भास्कर ने कन्हैया के लिए वोट मांगा और कहा जिया हो बिहार के लाला. वहीं बॉलीवुड फिल्म के गनी भाई यानि प्रकाश राज भी उनके लिए वोट मांगने बेगूसराय आ चुके हैं. फिलहाल शबाना आजमी और जावेद अख्तर चुनावी रैली करके कन्हैया के लिए वोट मांग रहे हैं.
गिरिराज को मिली सबसे कठिन सीट
जबकि गिरिराज सिंह की बात करें तो 2014 का लोकसभा चुनाव गिरीराज सिंह नवादा सीट से लड़े थे और जीत भी हासिल की थी. बिहार में बीजेपी का एनडीए के साथी दलों के साथ तालमेल होने के बाद नवादा सीट लोक जन शक्ति पार्टी के खाते में चली गई और बीजेपी नेतृत्व ने गिरिराज सिंह को अपेक्षाकृत कठिन सीट बेगूसराय भेज दिया.
गिरिराज सिंह का चुनाव प्रचार
गिरिराज सिंह खुद बीजेपी के फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं. उनके चुनाव प्रचार में अब तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बेगूसराय आ चुके हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी गिरिराज के लिए बेगूसराय में वोट मांगा.
तनवीर हसन लड़ाई बना रहे त्रिकणीय
वहीं बेगूसराय से तीसरे वीआईपी उम्मीदवार की बात करें तो राजद ने तनवीर हसन को यहां टिकट दिया है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो तनवीर हसन यहां कन्हैया कुमार और गिरिराज सिंह का खेल बिगाड़ सकते हैं. क्योंकि बेगूसराय में मुस्लिम वोटर उनके साथ जा सकते हैं.
पिछले चुनाव का गणित
2014 लोकसभा चुनाव में भोला सिंह ने आरजेडी उम्मीदवार तनवीर हसन को 58 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. तब तनवीर हसन के 3.69 लाख वोटों के मुकाबले भोला सिंह को 4.28 लाख वोट मिले थे. सीपीआई उम्मीदवार राजेंद्र प्रसाद सिंह को 1.92 लाख वोट मिले थे.
बेगूसराय सीट पर जातीय समीकरण
बेगूसराय में भूमिहार वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. कन्हैया कुमार और गिरिराज सिंह दोनों भूमिहार जाति से हैं. हालांकि यहां मुस्लिम और ओबीसी वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है. आंकड़ों पर नजर डालें तो बेगूसराय में 19 लाख वोटर हैं जिनमें 19 फीसदी भूमिहार, 15 फीसदी मुस्लिम, 12 फीसदी यादव और 7 फीसदी कुर्मी समुदाय के लोग हैं. ऐसे में एनडीए और कम्युनिस्ट पार्टी दोनों के लिए ही भूमिहार वोटरों को साधना अहम है. बात महागठबंधन की करें तो उसकी नजर मुस्लिम और ओबीसी वोटों पर टिकी है.