बेगूसरायः बिहार में बनते बिगड़ते राजनीतिक समीकरण के बीच अब वैश्य समाज ने भी राजनीतिक दलों को अपना दम दिखाने का मन बना लिया है. वैश्य समाज के लोग अब मतदाता के रूप में राजनीतिक दलों की कठपुतली बनने की बजाय राजनीतिक भागीदारी में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएंगे. हर बार की तरह इस बार भी टिकट के बंटवारे में अपनी उपेक्षा से नाराज वैश्य समाज ने चुनावी दंगल में अपने उम्मीदवारों को उतारने की घोषणा कर दी है.
33 प्रतिशत है वैश्य समाज की आबादी
बेगूसराय में कुल सात विधानसभा क्षेत्र हैं. इसमें चार विधानसभा क्षेत्रों में वैश्य समाज की आबादी 33 प्रतिशत तक है. इसके बावजूद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में किसी वैश्य को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज लोगों ने बेगूसराय विधानसभा सीट, तेघरा विधानसभा सीट, साहेबपुरकमाल विधानसभा सीट और चेरियाबरियारपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.
दो उम्मीदवारों की घोषणा
वैश्य समाज ने बेगूसराय विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व नेता अनिल कुमार देव और तेघड़ा से प्रोफेसर योगेंद्र पंडित को अपना कैंडिडेट बनाया है. वैश्य समाज के प्रतिनिधि डॉक्टर राजेश रौशन ने कहा कि कि मौखिक और पत्राचार के माध्यम से कई बार राजनीतिक दलों से प्रतिनिधि देने की मांग की गई, लेकिन किसी ने भी ऐसा करना उचित नहीं समझा.
भाजपा को उठाना पड़ सकता है नुकसान
बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र से पूर्व भाजपा नेता और वैश्य समाज के उम्मीदवार अनल कुमार देव ने कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए सबकुछ किया, लेकिन उन्हें सिर्फ धोखा दिया गया. भाजपा अपने वोट बैंक वैश्य समाज पर अगर ध्यान नहीं देती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.