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बेगूसराय: 13 साल से बीमार है बेटा, आयुष्मान कार्ड के लिए मां काट रही है दफ्तरों के चक्कर - aplastic anemia disease

डॉक्टर्स ने बताया कि गोलू को ए प्लास्टिक एनीमिया नामक बीमारी है. इस बीमारी में मरीज के शरीर में खून बनना बंद हो जाता है. गोलू के इलाज के लिए डॉक्टरों ने 7 लाख रुपये का खर्च बताया है.

एसडीएम कार्यालय में शिवकुमारी देवी
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Published : Aug 9, 2019, 1:48 PM IST

बेगूसराय: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का लाभ जरूरत मंदों को नहीं मिल पा रहा है. ताजा मामला जिला मुख्यालय से सटे धबौली गांव की शिवकुमारी देवी का है, जो अपने बेटे की इलाज के लिए दर-दर भटक रही हैं. शिवकुमारी देवी बेटे को दिल्ली एम्स में भर्ती कराकर आयुष्मान भारत का कार्ड बनवाने के लिए सरकरी दफ्तरों के चक्कर काट रही है.

बेगूसराय
एसडीएम से गुहार लगाती पीड़ित की मां


इलाज में 7 लाख रुपये होंगे खर्च
दरअसल, शिवकुमारी देवी का बेटा गोलू 2006 से ही बीमार है. बेगूसराय से पटना तक इलाज कराकर थक गई, तो अब गोलू को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर्स ने बताया कि गोलू को ए प्लास्टिक एनीमिया नामक बीमारी है. इस बीमारी में मरीज के शरीर में खून बनना बंद हो जाता है. गोलू के इलाज के लिए डॉक्टरों ने 7 लाख रुपये का खर्च बताया है.

पूरी रिपोर्ट


अब आयुष्मान भारत योजना से ही उम्मीद
शिवकुमारी देवी ने डॉक्टरों को अपनी माली हालत के बारे में बताया तो उन्होंने आयुष्मान भारत कार्ड की मांग की. शिवकुमारी देवी गोलू को एम्स में ही छोड़ कर बेगूसराय लौट आईं हैं, और आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने के लिए रोज सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं.

बेगूसराय
पीड़ित की मां शिवकुमारी देवी


13 साल से है बीमार
शिवकुमारी देवी ने बताया कि उनके पति योगेंद्र सिंह मजदूरी कर घर चलाते हैं. खा-पी कर जो थोड़ा बहुत बचता है वो बेटे की दवा में लग जाता है. 7 लाख रुपये होते तो बेटा 13 साल से बीमारी की हालत में नहीं रहता. उन्होंने आगे कहा कि आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तर जाती हैं तो कोई उन्हें एसडीएम के पास जाने को कहता है, तो कोई डीएम के पास. जबकी उनका परिवार बीपीएल कार्ड धारी है. वहीं, सदर एसडीएम संजीव चौधरी ने कहा कि गोलू मामले की जानकारी हुई है. संबंधित अधिकारी को जल्द हर संभव मदद करने का निर्देश दिया गया है.

बेगूसराय: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का लाभ जरूरत मंदों को नहीं मिल पा रहा है. ताजा मामला जिला मुख्यालय से सटे धबौली गांव की शिवकुमारी देवी का है, जो अपने बेटे की इलाज के लिए दर-दर भटक रही हैं. शिवकुमारी देवी बेटे को दिल्ली एम्स में भर्ती कराकर आयुष्मान भारत का कार्ड बनवाने के लिए सरकरी दफ्तरों के चक्कर काट रही है.

बेगूसराय
एसडीएम से गुहार लगाती पीड़ित की मां


इलाज में 7 लाख रुपये होंगे खर्च
दरअसल, शिवकुमारी देवी का बेटा गोलू 2006 से ही बीमार है. बेगूसराय से पटना तक इलाज कराकर थक गई, तो अब गोलू को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर्स ने बताया कि गोलू को ए प्लास्टिक एनीमिया नामक बीमारी है. इस बीमारी में मरीज के शरीर में खून बनना बंद हो जाता है. गोलू के इलाज के लिए डॉक्टरों ने 7 लाख रुपये का खर्च बताया है.

पूरी रिपोर्ट


अब आयुष्मान भारत योजना से ही उम्मीद
शिवकुमारी देवी ने डॉक्टरों को अपनी माली हालत के बारे में बताया तो उन्होंने आयुष्मान भारत कार्ड की मांग की. शिवकुमारी देवी गोलू को एम्स में ही छोड़ कर बेगूसराय लौट आईं हैं, और आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने के लिए रोज सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं.

बेगूसराय
पीड़ित की मां शिवकुमारी देवी


13 साल से है बीमार
शिवकुमारी देवी ने बताया कि उनके पति योगेंद्र सिंह मजदूरी कर घर चलाते हैं. खा-पी कर जो थोड़ा बहुत बचता है वो बेटे की दवा में लग जाता है. 7 लाख रुपये होते तो बेटा 13 साल से बीमारी की हालत में नहीं रहता. उन्होंने आगे कहा कि आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तर जाती हैं तो कोई उन्हें एसडीएम के पास जाने को कहता है, तो कोई डीएम के पास. जबकी उनका परिवार बीपीएल कार्ड धारी है. वहीं, सदर एसडीएम संजीव चौधरी ने कहा कि गोलू मामले की जानकारी हुई है. संबंधित अधिकारी को जल्द हर संभव मदद करने का निर्देश दिया गया है.

Intro:एंकर- केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना बिहार में पूरी तरह से फ्लॉप शो साबित हुई है। बेगूसराय जिले की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि आयुष्मान भारत योजना की स्थिति बद से बदतर है। ताजा मामले में बेगूसराय की शिवकुमारी देवी को अपने बेटे गोलू की इलाज करवाने के लिए आयुष्मान भारत योजना कार्ड की आवश्यकता है जिसके लिए वह दिल्ली एम्स से लेकर बेगूसराय तक की दौड़ लगा रही हैं ,ना ही आयुष्मान कार्ड बना और ना 7 लाख का इंतजाम हो पाया ,अब बेटे का इलाज हो तो हो कैसे ?


Body:vo- बेगूसराय जिला मुख्यालय से सटे धबौली गांव की शिवकुमारी देवी वर्ष 2006 से अपने बीमार बेटे का इलाज करवाने के लिए दर दर की ठोकर खा रही है। वर्ष 2006 से लेकर अब तक इलाज में शिवकुमारी देवी को काफी आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है ,यह हालत तब है जबकि शिवकुमारी देवी गरीब परिवार से आती हैं और बीपीएल कार्ड धारी हैं ।शिवकुमारी देवी के पुत्र गोलू के गंभीर बीमारी के इलाज के लिए दिल्ली के अस्पताल ने सात लाख का स्टीमेट कॉस्ट बताया है जिस पर शिवकुमारी देवी ने अपनी गरीबी का हवाला अस्पताल को दिया तो अस्पताल प्रबंधन ने शिवकुमारी देवी को सुझाव दिया कि आप गरीब परिवार से हैं आप आयुष्मान भारत योजना का कार्ड बनवा लें तो इससे आपको बहुत हद तक राहत हो जाएगी और आपका बेटा स्वस्थ हो सकता है ।इसके बाद शिवकुमारी देवी अपने पुत्र का इलाज करवाने हेतु लगातार दिल्ली से बेगूसराय और बेगूसराय से दिल्ली तक आयुष्मान योजना के कार्ड के लिए दौड़ लगा रही हैं। एक तरफ बीमार बेटा अस्पताल में बेड पर पड़ा है तो दूसरी तरफ आयुष्मान भारत योजना कार्ड बनवाने के लिए वह अधिकारियों के दर पर भीख मांग रही हैं ।शिवकुमारी देवी बताती हैं कोई कहता है अस्पताल जाओ कोई कहता है एसडीएम के यहां जाओ कोई कहता है डीएम के यहां जाओ मुझे कुछ समझ में नहीं आता कि मैं कहां जाऊं क्या करूं।
बाइट-शिव कुमारी देवी,पीड़ित मां
vo-वहीं सदर एसडीएम से जब शिवकुमारी देवी ने जब गुहार लगाया तो वो तुरंत एक्शन में आये और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अविलंब शिवकुमारी देवी की मदद करने को कहा।
बाइट-संजीव चौधरी, एसडीएम सदर
vo-आयुष्मान भारत योजना से महरूम रहने वाली शिवकुमारी देवी का मामला एकलौता नही है ऐसे कई लोग हैं जो इस योजना से जुड़ना चाहते हैं लेकिन उन्हें लाभ नही मिल पाता है ताज्जुब की बात है कि जिले के सिविल सर्जन भी मानते हैं कि आयुष्मान भारत योजना की स्थिति काफी असन्तोष प्रद है।
बाइट-बृजनंदन शर्मा,सीएस
PTC-आशीष,संवाददाता


Conclusion:fvo-शिवकुमारी देवी अपने बेटे के इलाज के लिए 7 लाख रुपये के इंतजाम के लिए दर दर की ठोकर खा रही हैं ऐसे में आज अगर उनके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड होता तो शायद उनकी लड़ाई कुछ आसान हो जाती।
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