बेगूसराय: बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने जारी आंदोलन के तहत आक्रोश मार्च निकाला. शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले निकाले गए मार्च में हजारों की संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए. बता दें कि शहर के ट्रैफिक चौक से शुरू होकर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होते हुए आक्रोश मार्च कैंटीन चौक पहुंचा जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के पास आकर समाप्त हुआ. इस दौरान प्रदर्शनकारी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
'वार्ता कर समस्या का हल निकाले सरकार'
अपने विभिन्न मांगों को लेकर काफी समय से नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. शिक्षकों के इस हड़ताल से परेशान अधिकारियों ने शिक्षकों पर प्राथमिकी और निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रशासनिक अधिकारियों के कार्रवाई के विरोध में शिक्षकों ने आक्रोश मार्च निकाला है. आज के प्रदर्शन में शिक्षकों ने दावा किया कि तकरीबन 5 हजार शिक्षक बेगूसराय की सड़कों पर विरोध मार्च में शामिल हुए हैं. शिक्षकों का कहना है कि सरकार दामनात्मक कार्रवाई के बजाय शिक्षकों से वार्ता कर इस समस्या का हल निकाले.
शिक्षकों का निलंबन अलोकतांत्रिक
प्रदर्शनकारी शिक्षक रामकल्याण पासवान ने बताया कि बिहार सरकार शिक्षकों के साथ दमन की नीति अपना रही है. शिक्षक अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार प्राथमिकी दर्ज कराने और निलंबन की कार्यवाही कर रही है, जो कि अलोकतांत्रिक है. उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षा स्तर को ऊंचा करने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है. यही वजह है कि आज बिहार का जीडीपी तेजी से बढ़ा है.
जारी रहेगा आंदोलन
वहीं, दूसरे प्रदर्शनकारी शिक्षक विनय कुमार मिश्र ने कहा कि मैट्रिक और इंटर में छात्रों की सफलता का प्रतिशत बढ़ने का मुख्य कारण बिहार के शिक्षक वर्ग ही हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से संचालित हो रहा है. सरकार अपनी दमनकारी नीति से हमें डरा नहीं पाएगी और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर देती.