बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में बीते जनवरी को एक युवक की संदिग्ध मौत (Suspicious Death Of Youth In Begusarai) का मामला सामने आया था. करीब दस महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस युवक की मौत की गुथी को नहीं सुलझा पाई है. ना ही इस मामले मे नामजद किये गए आरोपियों को ही गिरफ्तार कर पाई है. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है. पुलिस की लेट लतीफी पर परिजन अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. ये मामला नगर थाना क्षेत्र के श्रीकृष्णपूरी मुहल्ले का है.
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बंद कमरे में मिला था मृतक युवक का शव: 7 जनवरी 2022 को नगर थाना क्षेत्र के श्रीकृष्णपूरी मोहल्ले के रहने वाले स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह के लगभग 40 वर्षीय पुत्र शीलभद्र प्रियदर्शी का शव उनके आवास के एक बंद कमरे से बरामद किया गया था. इस संबंध में मृतक के मामा सुरेश भारती ने नगर थाना मे मृतक की चाची बबीता कुमारी उर्फ अंशु कुमारी और बबीता कुमारी के भाई बबलू कुमार को नामजद अभियुक्त बनाया था. मौत के इस मामले में मृतक के भाई अमित आनंद ने संभावना जाहिर की है कि उनके भाई की जमीनी विवाद में पीट-पीट कर हत्या की गई है.
रिश्तेदारों के बीच है जमीन को लेकर विवाद: अमित आनंद ने बताया कि तकरीबन 25 धूर की जमीन जिस पर न्यायालय में मुकदमा लंबित है. उस जमीन को उनके चाची और उसका भाई बेचने की लगातार कोशिश कर रहे थे. जिसकी जानकारी मिलते मिलते ही उन लोगों ने चाची से संपर्क साधा था पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इस बीच कुछ लोगों मृतक युवक पर मकान खाली कर देने का दवाब बना रहे थे. अमित ने बताया कि यह सारा विवाद 12 धूर की जमीन के लिए है.
मौत के दिन शीलभ्रद कमरे से नहीं आया बाहर: मृतक के परिजनों को आशंका है कि मृत युवक की गंभीर रूप से पिटाई की गई थी.जिसके बाद वो से वह अपने रूम पर चले आए थे और बाद में उनकी इसी पिटाई की वजह से मौत हो गई. इस संबंध में प्रत्यक्षदर्शी चंदन कुमार ने बताया कि शीलभद्र प्रियदर्शी सात बजे के तकरीबन प्रतिदिन खाना खाने होटल जाया करते थे. सामान्य दिनों की तरह वह अपने पानी प्लांट को बंद कर घर चले गए थे. दूसरे दिन जब वह पुनः अपने दुकान पर आये तो किसी ने उन्हें बताया की शीलभद्र प्रियदर्शी सुबह से अपने रूम से बाहर नहीं आए हैं.
10 महीने से नहीं सुलझा संदिग्ध मौत का मामला: जिसके बाद वह जब शीलभद्र के रूम में देखने गए तो वह अपने बिस्तर पर नहीं थे. जिसके बाद उन्होंने इस बात की सूचना अमित आनंद को फौरन ही दी. जिसके बाद लोग जमा हुए तो मकान का दरवाजा तोड़ा गया तो शील भद्र प्रियदर्शी चौकी के नीचे मरे हुए पड़े हुए थे. जिसके बाद उन लोगों ने शीलभद्र को अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम कराया.
मृतक के भाई अमित आनंद ने आरोप लगाया की इस केस के पूर्व जाँच अधिकारी दोनों पक्ष में समझौता करा दिए जाने की बात कह रहे थे. वही इस मामले दूसरे अनुसन्धानकर्ता ओमप्रकाश ने अनौपचारिक रूप मे सिर्फ इतना ही बताया की मामले की जाँच पड़ताल जारी है. घटना के तकरीबन 10 महीने बीत जाने के बाद भी अनुसन्धान के पूरा नहीं होने पर मृतक के छोटे भाई अमित आंनद ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर पुलिस को अनुसंधान मे अब और कितना और वक्त चाहिए.