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लॉकडाउन में फंसे दस नेपाली नागरिकों के सामने भुखमरी की स्थिती, 21 मार्च को रिश्ता लेकर आए थे बलिया

जिले के बलिया में दस नेपाली नागरिकों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. सभी नेपाली नागरिक एक रिश्ते को लेकर 21 मार्च को बलिया आए थे. तभी से सभी यहां फंसे हुए हैं.

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Published : May 11, 2020, 12:14 AM IST

बेगूसराय: हमारा देश अतिथी सत्कार के लिए जाना जाता है. लेकिन जब खुद की जान बचानी मुश्किल हो तो ऐसी स्थिती में यह सबसे बड़ी परेशानी बन जाती है. देश में लागू लॉकडाउन के कारण जिले के बलिया में दस नेपाली नागरिकों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. सभी नेपाली नागरिक एक रिश्ता लेकर 21 मार्च को बलिया आए थे. तभी से सभी यहां फंसे हुए हैं.

दरअसल नेपाल के विराटनगर दोहा के रहने वाले राजनारायण कर्ण अपनी बेटी के रिश्ते के लिए बलिया निवासी योगेंद्र प्रसाद सिन्हा के यहां 21 मार्च को पहुंचे थे. लेकिन उसके बाद जनता कर्फ्यू एवं लॉकडाउन घोषित हो गया. इससे राजनारायण कर्ण अपने परिवार के दस सदस्यों के साथ बलिया में ही फंस गए. इतने दिनों तक योगेंद्र प्रसाद सिन्हा के परिवार एवं स्थानीय लोगों ने किसी तरह इन नेपाली नागरिकों के राशन-पानी का जुगाड़ किया. लेकिन अब सभी धीरे-धीरे हाथ खड़े कर रहे हैं.

प्रशासन कर सकता है समस्या पर विचार
वहीं दूसरे देश के नागरिक होने की वजह से प्रशासन के पास भी अभी इन लोगों को वापस भेजने का कोई विकल्प नहीं है. लेकिन अब सभी नेपाली नागरिक भारत सरकार, बिहार सरकार एवं स्थानीय प्रशासन से अपने घर जाने की गुहार लगा रहे हैं. जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि अगर ये लोग निजी गाड़ी से जाने में सक्षम हैं, तो सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए ये जा सकते हैं. इसके लिए इन्हें पास निर्गत कर दिया जाएगा. परंतु अगर यह अपना खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं, तो ये लोग अपनी परेशानी प्रशासन को लिखित रूप में दें. फिर बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन इनकी समस्या पर विचार करेगी और अन्य राज्यों में फंसे लोगों की सूची तैयार कर इन्हें वापस अपने घर भेजा जाएगा.

जाने की प्रक्रिया काफी जटिल
वहीं इस अतिथि सेवा से तंग लोगों ने जहां अपने हाथ खड़े कर दिए हैं, वहीं नेपाली अतिथि अब दाने दाने को मोहताज होने की स्थिति में हैं. चूंकि इनके जाने के लिए आदेश की प्रक्रिया काफी जटिल है. सारी कागजी प्रक्रिया पूरी होने में काफी समय लग सकता है.

बेगूसराय: हमारा देश अतिथी सत्कार के लिए जाना जाता है. लेकिन जब खुद की जान बचानी मुश्किल हो तो ऐसी स्थिती में यह सबसे बड़ी परेशानी बन जाती है. देश में लागू लॉकडाउन के कारण जिले के बलिया में दस नेपाली नागरिकों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. सभी नेपाली नागरिक एक रिश्ता लेकर 21 मार्च को बलिया आए थे. तभी से सभी यहां फंसे हुए हैं.

दरअसल नेपाल के विराटनगर दोहा के रहने वाले राजनारायण कर्ण अपनी बेटी के रिश्ते के लिए बलिया निवासी योगेंद्र प्रसाद सिन्हा के यहां 21 मार्च को पहुंचे थे. लेकिन उसके बाद जनता कर्फ्यू एवं लॉकडाउन घोषित हो गया. इससे राजनारायण कर्ण अपने परिवार के दस सदस्यों के साथ बलिया में ही फंस गए. इतने दिनों तक योगेंद्र प्रसाद सिन्हा के परिवार एवं स्थानीय लोगों ने किसी तरह इन नेपाली नागरिकों के राशन-पानी का जुगाड़ किया. लेकिन अब सभी धीरे-धीरे हाथ खड़े कर रहे हैं.

प्रशासन कर सकता है समस्या पर विचार
वहीं दूसरे देश के नागरिक होने की वजह से प्रशासन के पास भी अभी इन लोगों को वापस भेजने का कोई विकल्प नहीं है. लेकिन अब सभी नेपाली नागरिक भारत सरकार, बिहार सरकार एवं स्थानीय प्रशासन से अपने घर जाने की गुहार लगा रहे हैं. जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि अगर ये लोग निजी गाड़ी से जाने में सक्षम हैं, तो सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए ये जा सकते हैं. इसके लिए इन्हें पास निर्गत कर दिया जाएगा. परंतु अगर यह अपना खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं, तो ये लोग अपनी परेशानी प्रशासन को लिखित रूप में दें. फिर बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन इनकी समस्या पर विचार करेगी और अन्य राज्यों में फंसे लोगों की सूची तैयार कर इन्हें वापस अपने घर भेजा जाएगा.

जाने की प्रक्रिया काफी जटिल
वहीं इस अतिथि सेवा से तंग लोगों ने जहां अपने हाथ खड़े कर दिए हैं, वहीं नेपाली अतिथि अब दाने दाने को मोहताज होने की स्थिति में हैं. चूंकि इनके जाने के लिए आदेश की प्रक्रिया काफी जटिल है. सारी कागजी प्रक्रिया पूरी होने में काफी समय लग सकता है.

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