बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में 40 से 50 साल के उम्र के युवाओं की मौत का ग्राफ (Youth Died due to Heart Attack in Begusarai) जनवरी में बढ़ गया है. इसकी वजह ठंड सामने आ रही है. यहां पारा लगातार नीचे गिर रहा है. शनिवार को तापमान गिरकर 6 डिग्री पहुंच गया. पिछले 24 साल में तीसरी बार ऐसी स्थिति बनी है, जब तापमान पांच डिग्री से नीचे पहुंचा है. साल 1998 से अबतक मात्र वर्ष 2013 में न्यूनतम तापमान 01 डिग्री, जबकि 2018 ही ऐसा साल रहा जब न्यूनतम तापमान चार डिग्री पहुंच गया था. उसके बाद 2023 में न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री पहुंचा है. ठंड का असर यह है कि जिले के सदर अस्पताल में अब बीपी और ह्रदय रोग के मरीज बढ़ गए हैं.
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ठंड में हाई बीपी से दिल के दौरे का खतरा: मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दिन में धूप खिलेगी लेकिन रात का पारा अभी और नीचे गिरेगा. जिससे ठंड की स्थिति बरकरार रहेगी. अधिकतम तापमान में भले ही वृद्धि होगी लेकिन न्यूनतम तापमान 17 जनवरी तक 2 डिग्री तक होने का अनुमान है. कड़ाके की ठंड के बीच सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. शनिवार को सदर अस्पताल में ओपीडी में दिखाने के लिए आने वाले मरीजों की संख्या 500 के आसपास थी, जिसमें अधिकांश सर्दी खांसी एवं बुखार के मरीज थे. इसके साथ ही ब्लड प्रेशर और हार्ट से संबंधित पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ गई थी.
बेगूसराय में हार्ट अटैक से युवाओं की मौत: बेगूसराय जिले के कंकोल से शव जलाने पहुंचे सुरेंद्र यादव ने बताया कि ठंड के कारण उनके चाचा की मौत हुई है. हम यहां देख रहे हैं 20 से 25 लाश पहले से यहां जल रही है. वहीं स्थानीय विपिन बताते हैं पहले से यहां 10 लाशें जल रही थीं और 20 से 25 लाशें आ रही हैं. सिमरिया के डोम राजा मुन्ना मल्लिक और राजा मल्लिक ने बताया कि दिसंबर में जहां औसतन 10 से 12 लोगों को दाह संस्कार के लिए लाया जाता था, वहीं एक जनवरी से संख्या बढ़ गई है.
ठंड में हार्ट अटैक का खतरा: स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि दरअसर, ठंड की वजह से शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती है और दिल तक रक्त पहुंचने में मुश्किल होती है. रक्त वाहिकाओं में खून का थक्का जमने लगता है. अक्सर देखा गया है कि सर्दियों में फाइब्रिनोजन हार्मोंस का स्तर शरीर में 23 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. वहीं प्लेटलेट्स भी कम होने लगते हैं, जिस वजह से दिल का दौरा पड़ता है.
क्या है हार्ट अटैक का कारण?: हृदय रोग विशेषज्ञ पंकज कुमार सिंह कहते हैं कि हमने भी पाया है कि पिछले कुछ दिनों से खासकर ठंड में बीपी और हार्ट अटैक की शिकायत लेकर मरीज अधिक अस्पातल पहुंच रहे हैं. वह इसके पीछे की वजह बताते हुए कहते हैं कि सर्दी में शरीर के तापमान को स्थिर रखने के लिए हृदय को तेजी से कार्य करना पड़ता है. पूरे शरीर में रक्त पहुंचाने के लिए दिल तेजी से पंप करता है क्योंकि रक्त वाहिकाएं ठंड से सिकुड़ी रहती है. जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता हौ और दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है.
"हमने पिछले 15-20 दिनों में नोटिस किया है कि यंग एज ग्रुप यानी 40 से 50 उम्र के अधिकतर मरीज आ रहे हैं, जिनके हार्ड अटैक हाइपरटेंसिव थे. सभी की हिस्ट्री ली गई मौत की मुख्य बाजार ठंड सामने आई. हाइपरटेंसिव के मरीज ठंड में किसी वजह से दवा बंद कर देते हैं और उनके मौत का मुख्य कारण यही सामने आ रहा है. लोगों को ठंड में सतर्क रहना चाहिए और ठंड से बचने के प्रयास करना चाहिए"- पंकज कुमार सिंह, हृदय रोग विशेषज्ञ