बेगूसराय: कोरोना वायरस ने लोगों के जनजीवन को पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया है. एक तरफ ये लोगों के लिए कई तरह की समस्याएं लेकर आया है, तो दूसरी तरफ इससे कुछ सामाजिक रिवाजों में बदलाव भी हुआ है. लोग इसकी वजह से आज खर्चीली शादियों के बजाए कोर्ट और मंदिरों में सादगी के साथ शादी कर रहे हैं.
लॉकडाउन के दौरान पूरे देश में किसी भी प्रकार के सार्वजनिक आयोजन पर रोक है. इस क्रम में भीड़भाड़ वाली शादियों पर भी रोक लगाई गई है. इससे लोगों को महंगी शादियों से निजात मिली है. लोग भी अब मंदिर और निबंधन विभाग में शादियां करना पसंद कर रहे हैं. बेगूसराय में लॉकडाउन के दौरान जितनी भी शादियां हुई हैं, लोग विधिवत निबंधन भी करवा रहे हैं. ये लोगों का एक अच्छा कदम है.
'निबंधित शादियों में इजाफा हुआ है'
इस संबंध जिला निबंधन अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान निबंधित शादियों में इजाफा हुआ है. कार्यालय खुलने के एक सप्ताह के अंदर ही 6 निबंधित शादियां हो चुकी है. वहीं, 50 से ज्यादा आवेदन लंबित हैं. जो विभाग के निर्देशानुसार निबंधित किए जाएंगे. लॉकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सरकार के निर्देश और आदेशों पर खर्चीली और भीड़भाड़ वाली शादी का प्रचलन तो जरूर बंद हुआ है. लोग इस दौरान मंदिर और घरों में ही शादी कर उसे निबंधित करवा रहे हैं.
'महंगी शादियां एक कुरीति है'
जिला निबंधन अधिकारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण का दौर भले ही तकलीफ देने वाला है. लेकिन बरसों से खर्चीली शादी बंद करने की अपील जो सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन करते आए हैं, वो अपील समाज में अब पूरा होता दिख रहा है. खर्चीली शादियों का बंद होना, मील का पत्थर साबित होगा. खर्चीली शादियों के बंद होने से वर और वधु पक्ष दोनों के पैसों की बचत होगी. वहीं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ये सिलसिला आगे भी जारी रहना चाहिए, जिससे महंगी शादी जैसी कुरीति दोबारा समाज में जागृत न हो सके.
खर्चीली शादियों से छुटकारा एक सराहनीय पहल
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने महंगी और भीड़भाड़ वाली शादी रोक दी है. कई जगहों पर ऐसा नहीं मानने पर पुलिस ने कार्रवाई भी की है. सरकार ने स्पष्ट रूप से गाइडलाइन जारी किया है कि इस दौरान शादी समारोह आयोजित नहीं किए जा सकते है. लेकिन शादियां सिर्फ 5 से 10 आदमी के साथ मंदिर और घरों में जरूर की जा सकती है. वहीं, कोरोना वायरस के इस दौर में लोग सादगी के साथ शादी कर रहे हैं, ऐसा आगे भी जारी रहा तो समाज से एक कुरीति का अंत हो जाएगा. ये एक सराहनीय पहल होगी.